नई दिल्ली/गाज़ियाबाद: राजधानी में कम होते कोरोना मामलों (delhi corona) के मद्देनजर अनलॉक (Unlock Delhi) की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. हालांकि अब भी सड़कों पर पुलिस मुस्तैद है ताकि लोग लापरवाही न बरतें. फैक्ट्रियों के खुलने से लोगों की जिंदगी पटरी पर लौटने की उम्मीद जगी है. लॉकडाउन की घोषणा के बाद दिल्ली से अपने गांव लौटने वाले प्रवासी मजदूरों ने वापस दिल्ली की तरफ कूच कर लिया हैं.
लॉकडाउन के बाद अपने घर चले गये थे प्रवासी मजदूर
दिल्ली में कोरोना (delhi corona) के मामले बढ़ने के बाद दिल्ली सरकार (Delhi Government ) की तरफ से लॉकडाउन (lockdown) की घोषणा की गई थी. लॉकडाउन (lockdown) की घोषणा होते ही हजारों प्रवासी मजदूर दिल्ली से वापस लौटना शुरू हो गए थे. आनंद विहार (Anand Vihar) और कौशांबी बस डिपो पर हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर हाथों में सामान और गोदो में बच्चे लिए आनन-फानन में बस आदि से गांवों के लिए रवाना हो गए थे.
अनलॉक के बाद वापस आ रहे मजदूर
दिल्ली में मौजूदा समय में हालात काफी सुधरे हुए नजर आ रहे हैं. कोरोनावायरस के केस कम हुए हैं और दिल्ली सरकार ने अनलॉक की भी शुरुआत कर दी है. इसके बाद अब प्रवासी मजदूर अपने परिवारों को लेकर गांवों से दिल्ली की तरफ आ रहे हैं.
दिल्ली की तरफ आने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ी
कौशांबी बस अड्डे पर मौजूद प्रतापगढ़ डिपो के परिचालक संतोष कुमार सिंह ने बताया बीते चार-पांच दिनों में दिल्ली की तरफ आने वाले यात्रियों की संख्या काफी बढ़ी है. दिल्ली की तरफ आने वाली बसे यात्रियों से भर कर आ रही हैं. जबकि दिल्ली से उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में जाने वाले यात्रियों की संख्या काफी कम है.
आने वाली बस में तकरीबन 52 सवारियां
प्रयागराज क्षेत्र के बादशाहपुर बस डिपो के परिचालक भोला नाथ सिंह ने बताया दिल्ली में अनलॉक शुरू होने के बाद भारी संख्या में यात्री दिल्ली की तरफ आ रहे हैं. बादशाहपुर डिपो पर ही बस यात्रियों से भर जाती है रास्ते में जो सवारियां मिलती हैं. उनको बस में स्थान न होने के चलते छोड़ना पड़ता है. आने वाली बस में तकरीबन 52 सवारियां होती हैं. जबकि दिल्ली से बादशाहपुर डिपो के लिए मुश्किल 4 से 5 सवारियां ही मिल पाती हैं.
लॉकडाउन में वापस जाने में हुई परेशानी
अलीगढ़ से दिल्ली लौट रहे प्रवासी मजदूर सूरज ने बताया कि मेरे ठेकेदार ने फोन कर मुझसे कहा कि काम खुल गया है. वापस आ जाओ, लॉकडाउन के दौरान वापस लौटने के बाद बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ा था.