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गाजीपुर बॉर्डर पर दी जा रही है किसानों को मसाज और बूट पॉलिश सेवा

गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को तनाव और थकान से दूर रखने के लिए मसाज की व्यवस्था की गई है. इस सुविधा का लाभ अधिकतर बुजुर्ग किसान ले रहे हैं. मसाज के साथ ही कुछ किसान आंदोलन में शामिल लोगों के बूट पॉलिश भी कर रहे हैं.

massage and boot polish service is being provided to farmers at Ghazipur border
किसानों को मसाज और बूट पॉलिश सेवा
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Published : Jan 9, 2021, 5:54 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: किसान आंदोलन को लगभग डेढ़ महीने का वक्त हो चुका है. ऐसे में गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को तनाव और थकान से दूर रखने के लिए मसाज की व्यवस्था की गई है. इस सुविधा का लाभ अधिकतर बुजुर्ग किसान ले रहे हैं. क्योंकि 45 दिन से खुले आसमान के नीचे बैठे बुजुर्ग किसानों को कड़ाके की सर्दी की वजह से मांसपेशियों में दर्द की समस्या से जूझना पड़ रहा है. मसाज के साथ ही कुछ किसान आंदोलन में शामिल लोगों के बूट पॉलिश भी कर रहे हैं.

किसानों को मसाज और बूट पॉलिश सेवा



मसाज मिलने से किसान कर रहे है अच्छा महसूस

मसाज कर रहे किसान सरतार सिंह ने बताया कि वह लखनऊ से आए हैं. आंदोलन में बुजुर्ग किसानों सहित युवा पूरे दिन इधर से उधर भागादौड़ी करते रहते हैं. ऐसे में उनके मन में विचार आया कि वह इनकी मसाज करके सेवा करें. मसाज सेवा का लाभ ले रहे किसान वीरेंद्र सिंह ने बताया कि वह पूरे दिन आंदोलन में इधर-उधर जाने की वजह से थक जाते हैं. ऐसे में मसाज मिलने से वह अच्छा महसूस कर रहे हैं, क्योंकि मसाज से तनाव भी दूर हो जाता है. इसके बाद वह और अधिक मजबूती से किसानों की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हो जाएंगे. किसान का यहां तक कहना है कि अगर नेता पैदल चलकर उनके पास आते हैं तो, वह उनकी भी मसाज करने के लिए तैयार हैं.


किसानों के बूट पॉलिश कर रहे किसान हरजिंदर सिंह ने बताया कि वह यूपी के शाहजहांपुर से आए हैं. जूते पॉलिश कर के किसानों की सेवा कर रहे हैं. जिससे कि किसानों के जूते गंदे होकर बुरे ना लगे. जब तब तक आंदोलन जारी रहेगा. उनकी यह सेवा जारी रहेगी.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: किसान आंदोलन को लगभग डेढ़ महीने का वक्त हो चुका है. ऐसे में गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को तनाव और थकान से दूर रखने के लिए मसाज की व्यवस्था की गई है. इस सुविधा का लाभ अधिकतर बुजुर्ग किसान ले रहे हैं. क्योंकि 45 दिन से खुले आसमान के नीचे बैठे बुजुर्ग किसानों को कड़ाके की सर्दी की वजह से मांसपेशियों में दर्द की समस्या से जूझना पड़ रहा है. मसाज के साथ ही कुछ किसान आंदोलन में शामिल लोगों के बूट पॉलिश भी कर रहे हैं.

किसानों को मसाज और बूट पॉलिश सेवा



मसाज मिलने से किसान कर रहे है अच्छा महसूस

मसाज कर रहे किसान सरतार सिंह ने बताया कि वह लखनऊ से आए हैं. आंदोलन में बुजुर्ग किसानों सहित युवा पूरे दिन इधर से उधर भागादौड़ी करते रहते हैं. ऐसे में उनके मन में विचार आया कि वह इनकी मसाज करके सेवा करें. मसाज सेवा का लाभ ले रहे किसान वीरेंद्र सिंह ने बताया कि वह पूरे दिन आंदोलन में इधर-उधर जाने की वजह से थक जाते हैं. ऐसे में मसाज मिलने से वह अच्छा महसूस कर रहे हैं, क्योंकि मसाज से तनाव भी दूर हो जाता है. इसके बाद वह और अधिक मजबूती से किसानों की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हो जाएंगे. किसान का यहां तक कहना है कि अगर नेता पैदल चलकर उनके पास आते हैं तो, वह उनकी भी मसाज करने के लिए तैयार हैं.


किसानों के बूट पॉलिश कर रहे किसान हरजिंदर सिंह ने बताया कि वह यूपी के शाहजहांपुर से आए हैं. जूते पॉलिश कर के किसानों की सेवा कर रहे हैं. जिससे कि किसानों के जूते गंदे होकर बुरे ना लगे. जब तब तक आंदोलन जारी रहेगा. उनकी यह सेवा जारी रहेगी.

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