ETV Bharat / city

जानिए कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को धूल चटाने वाले शहीद विनोद कुमार की कहानी - Honored with army honor

भारत-पाकिस्तान के बीच 1999 में हुए कारगिल युद्ध में जनपद गाजियाबाद के मुरादनगर के सुठारी गांव निवासी विनोद कुमार भी शामिल थे, जिन्होंने पाकिस्तान की सेना को करारा जवाब देकर भारत को जीत दिलाई थी, लेकिन इसके कुछ समय बाद आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में वह शहीद हो गए थे.

Martyr Vinod Kumar beat Pakistan to dust in Kargil war
शहीद विनोद कुमार ने कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को चटाई थी धूल
author img

By

Published : Jul 25, 2020, 4:51 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: भारत ने 26 जुलाई 1999 को भारत-पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध में विजय हासिल की थी. इस युद्ध में भारत के वीर शहीद जवानों ने पाकिस्तान को धूल चटाई थी. इसीलिए 26 जुलाई को शहीदों के सम्मान में कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है.

शहीद विनोद कुमार ने कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को चटाई थी धूल

इस युद्ध में पाकिस्तान के दांत खट्टे करने वाले मुरादनगर के सुठारी गांव निवासी विनोद कुमार भी शामिल थे. जोकि कारगिल युद्ध में जिंदा बच गए थे, लेकिन उसके कुछ समय बाद आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में वह शहीद हो गए. कारगिल दिवस के अवसर पर ईटीवी भारत ने शहीद विनोद कुमार के परिजनों से खास बातचीत की.


ईटीवी भारत को शहीद विनोद कुमार के फौज से रिटायर पिता नेपाल सिंह ने बताया कि उनका शहीद बेटा कारगिल युद्ध में 286 मीडियम रेजीमेंट में गनर थे, जिसमें 35 लोग शामिल थे. कारगिल युद्ध के दौरान पहाड़ी की साइड में होने से 35 लोगों की यह बटालियन बच गई थी. जिसमें शहीद विनोद कुमार भी थे.


कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को चटाई थी धूल

इसके साथ ही रिटायर फौजी नेपाल सिंह ने बताया कि कारगिल युद्ध के समाप्त होने के बाद उनके बेटे 17 राज राष्ट्रीय राइफल में वॉलिंटियर्स में चले गए. जहां उनकी ड्यूटी आतंकवादियों को पकड़ने में लगाई गई. तकरीबन 2 साल राष्ट्रीय राइफल में रहने के बाद एक दिन अचानक आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में विनोद कुमार शहीद हो गए.

आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में हुए शहीद

शहीद विनोद कुमार के पिताजी ने बताया कि उनको मरणोपरांत सेना सम्मान से सम्मानित किया गया. इसके साथ ही विनोद कुमार के पिता जी ने बताया कि उन्होंने भी देश के लिए 1962,1965 और 1971 सहित गोवा की लड़ाईयां लड़ी है.

चीन-पाकिस्तान को मिले करारा जवाब

भारत चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर हुए तनाव और पाकिस्तान द्वारा लगातार सीजफायर का उल्लंघन किए जाने की घटना को लेकर रिटायर फौजी नेपाल सिंह ने भारत सरकार से करारा जवाब देने की मांग की है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: भारत ने 26 जुलाई 1999 को भारत-पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध में विजय हासिल की थी. इस युद्ध में भारत के वीर शहीद जवानों ने पाकिस्तान को धूल चटाई थी. इसीलिए 26 जुलाई को शहीदों के सम्मान में कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है.

शहीद विनोद कुमार ने कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को चटाई थी धूल

इस युद्ध में पाकिस्तान के दांत खट्टे करने वाले मुरादनगर के सुठारी गांव निवासी विनोद कुमार भी शामिल थे. जोकि कारगिल युद्ध में जिंदा बच गए थे, लेकिन उसके कुछ समय बाद आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में वह शहीद हो गए. कारगिल दिवस के अवसर पर ईटीवी भारत ने शहीद विनोद कुमार के परिजनों से खास बातचीत की.


ईटीवी भारत को शहीद विनोद कुमार के फौज से रिटायर पिता नेपाल सिंह ने बताया कि उनका शहीद बेटा कारगिल युद्ध में 286 मीडियम रेजीमेंट में गनर थे, जिसमें 35 लोग शामिल थे. कारगिल युद्ध के दौरान पहाड़ी की साइड में होने से 35 लोगों की यह बटालियन बच गई थी. जिसमें शहीद विनोद कुमार भी थे.


कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को चटाई थी धूल

इसके साथ ही रिटायर फौजी नेपाल सिंह ने बताया कि कारगिल युद्ध के समाप्त होने के बाद उनके बेटे 17 राज राष्ट्रीय राइफल में वॉलिंटियर्स में चले गए. जहां उनकी ड्यूटी आतंकवादियों को पकड़ने में लगाई गई. तकरीबन 2 साल राष्ट्रीय राइफल में रहने के बाद एक दिन अचानक आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में विनोद कुमार शहीद हो गए.

आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में हुए शहीद

शहीद विनोद कुमार के पिताजी ने बताया कि उनको मरणोपरांत सेना सम्मान से सम्मानित किया गया. इसके साथ ही विनोद कुमार के पिता जी ने बताया कि उन्होंने भी देश के लिए 1962,1965 और 1971 सहित गोवा की लड़ाईयां लड़ी है.

चीन-पाकिस्तान को मिले करारा जवाब

भारत चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर हुए तनाव और पाकिस्तान द्वारा लगातार सीजफायर का उल्लंघन किए जाने की घटना को लेकर रिटायर फौजी नेपाल सिंह ने भारत सरकार से करारा जवाब देने की मांग की है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.