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गाजियाबाद: कोरोना के दौर में फलों का धंधा हुआ मंदा, कर्ज लेकर घर चला रहे व्यापारी

ईटीवी भारत को सड़क किनारे आम बेचने वाले लोगों ने बताया कि इस बार कोरोनावायरस और लाॅकडाउन के कारण लोग घरों से कम ही बाहर निकल रहे हैं. जिसके कारण इस बार आम का काम मंदा है.

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Published : Jun 13, 2020, 5:55 PM IST

mango sellers face problem due to lockdown and corona in ghaziabad
mango sellers face problem due to lockdown and corona in ghaziabad

नई दिल्ली/गाजियाबाद: आम को फलों का राजा कहा जाता है और आम के शौकीन लोग इसका जमकर आनंद लेते हैं. बाजारों में गर्मियों के दिनों में रेहड़ी, पटरी और गाड़ियों में आम भरे दिखाई देते हैं. मई-जून के दिनों में चारों ओर आम बिकता हुआ दिखाई देता है. लेकिन इस बार वैश्विक महामारी कोरोना वायरस और लाॅकडाउन की वजह से आम बेचने वाले लोगों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने आम बेचने वाले लोगों से खास बातचीत की.

आम बेचने वालों का काम मंदा

धंधा हुआ मंदा
ईटीवी भारत को सड़क किनारे आम बेच रहे सुल्तान ने बताया कि उनको आम बेचते हुए 10 से 15 दिन हो चुके, लेकिन इस बार कोरोना वायरस की वजह से आम का काम बहुत मंदा है. पहले इन दिनों में आम 70 से 80 रुपये किलो बिकता था, लेकिन अब आम 40 रुपये बिक रहा है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वह पहले 5 से 6 हजार रुपये तक कमा लेते हैं. लेकिन अब हजार पंद्रह सौ रुपये ही कमा पा रहे हैं और आम बिक ना पाने की वजह से खराब हो रहा है.

आम बेच रहे जीशान ने बताया कि वह चार-पांच साल से आम ही बेच रहे हैं, लेकिन इस बार कोरोनावायरस और लाॅकडाउन की वजह से आम का काम मंदा है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वह पहले जब आम बेचने के लिए आते थे तो 1 दिन में ही उनका आम बिक जाता था, लेकिन अब 3 से 4 दिन हो जाते हैं, लेकिन उनका आम नही बिक पाता है, क्योंकि लोग घरों से कम ही आ रहे हैं. इसीलिए वह ऐसे माहौल में कर्ज लेकर अपना घर चला रहे हैं.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: आम को फलों का राजा कहा जाता है और आम के शौकीन लोग इसका जमकर आनंद लेते हैं. बाजारों में गर्मियों के दिनों में रेहड़ी, पटरी और गाड़ियों में आम भरे दिखाई देते हैं. मई-जून के दिनों में चारों ओर आम बिकता हुआ दिखाई देता है. लेकिन इस बार वैश्विक महामारी कोरोना वायरस और लाॅकडाउन की वजह से आम बेचने वाले लोगों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने आम बेचने वाले लोगों से खास बातचीत की.

आम बेचने वालों का काम मंदा

धंधा हुआ मंदा
ईटीवी भारत को सड़क किनारे आम बेच रहे सुल्तान ने बताया कि उनको आम बेचते हुए 10 से 15 दिन हो चुके, लेकिन इस बार कोरोना वायरस की वजह से आम का काम बहुत मंदा है. पहले इन दिनों में आम 70 से 80 रुपये किलो बिकता था, लेकिन अब आम 40 रुपये बिक रहा है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वह पहले 5 से 6 हजार रुपये तक कमा लेते हैं. लेकिन अब हजार पंद्रह सौ रुपये ही कमा पा रहे हैं और आम बिक ना पाने की वजह से खराब हो रहा है.

आम बेच रहे जीशान ने बताया कि वह चार-पांच साल से आम ही बेच रहे हैं, लेकिन इस बार कोरोनावायरस और लाॅकडाउन की वजह से आम का काम मंदा है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वह पहले जब आम बेचने के लिए आते थे तो 1 दिन में ही उनका आम बिक जाता था, लेकिन अब 3 से 4 दिन हो जाते हैं, लेकिन उनका आम नही बिक पाता है, क्योंकि लोग घरों से कम ही आ रहे हैं. इसीलिए वह ऐसे माहौल में कर्ज लेकर अपना घर चला रहे हैं.

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