नई दिल्ली/गाजियाबाद : गाजियाबाद देश ही नहीं बल्कि दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है. हर साल तकरीबन चार महीने गाजियाबाद गैस चैंबर में तब्दील रहता है. इसके चलते लोगों को स्वास्थ संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है. लगातार बढ़ रही प्रदूषण स्तर का स्थाई समाधान निकालने के लिए अब गाजियाबाद नगर निगम ने Lungs of Ghaziabad मुहिम की शुरुआत की है. इस मुहिम को यह नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि इस मुहिम में एक बड़े स्तर पर शहर में पौधरोपण किया जाएगा. पौधारोपण सामान्य तरीके से नहीं बल्कि मियावाकी तकनीक से किया जाएगा.
गाजियाबाद के नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने बताया कि प्रदूषण स्तर में हो रहे इजाफे के पीछे कारणों को जानना बेहद जरूरी है. प्रदूषण में हो रही बढ़ोतरी के पीछे कुछ कारण ऐसे है, जिनसे निपटा जा सकता है. उसपर नगर निगम लगातर काम कर रहा है. कई कारण ऐसे होते हैं जिनसे निपटना निगम के क्षेत्र से बाहर होता है. उन्होंने बताया प्रदूषण का स्थाई समाधान निकालने के लिए लंग्स ऑफ गाजियाबाद (Lungs of Ghaziabad) मुहिम की शुरुआत की गई है.
महेंद्र सिंह तंवर ने बताया कि आमतौर पर मानसून के दौरान पौधारोपण किया जाता है. लेकिन अब नगर निगम द्वारा पूरे वर्ष पौधारोपण पर फोकस किया जाएगा. मियावाकी तकनीक का इस्तेमाल करते हुए सघन वन विकसित किए जा रहे हैं. मियावाकी तकनीक से पौधे मात्र दो साल में जंगल का रुप ले लेते हैं. नगर निगम द्वारा पहले भी मियावाकी तकनीक से शहर के तीन क्षेत्रों में बड़े स्तर पर पेड़ लगाए जा चुके हैं. Lungs of Ghaziabad अभियान के तहत अब बड़े स्तर पर कवि नगर इंडस्ट्रियल एरिया में सात हजार पौधे लगाए गए हैं. मार्च के अंत तक 21 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने बताया कि मानसून सीजन की शुरुआत होने से पहले शहर के विभिन्न इंडस्ट्रियल एरियों में खाली जमीन पर मियावाकी तकनीक से पौधारोपण किया जाएगा. जिस प्रकार फेफड़े हमारे शरीर को ऑक्सीजन पहुंचाते हैं. ठीक उसी प्रकार मियावाकी तकनीक से लगे यह पेड़ शहर का प्रदूषण कम करने में कारगर साबित होंगे.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में देश से "मन की बात" में ग्रेटर नोएडा के डाढ़ा गांव के रहने वाले रामवीर तंवर का जिक्र किया था. मौजूदा समय में रामवीर तंवर गाजियाबाद नगर निगम के ब्रांड एंबेसडर है. रामवीर ने बताया कवि नगर इंडस्ट्रियल एरिया के बीचो-बीच नगर निगम द्वारा मियावाकी तकनीकी तौर पर पौधरोपण करने का कार्य शुरू किया गया है. नगर निगम द्वारा मियावाकी तकनीक से विकसित किया जा रहा 21 हजार पौधों का सघन वन औद्योगिक इकाइयों से निकलने प्रदूषण को सोखेगा. मियावाकी तकनीक से विकसित किए जा प्रजातियों के पौधे लगाए जाएंगे. सघन वन में 42 विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाए जाएंगे.
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