नई दिल्ली/गाजियाबाद: लोनी नगर पालिका परिषद की चेयरपर्सन रंजीता धामा ने भाजपा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है. उन्होंने अपना त्यागपत्र भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को भेजा है. अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए उन्होंने इस बात की जानकारी सभी को दी है. बताया यह भी जा रहा है कि रंजीता धामा लोनी से निर्दलीय चुनाव लड़ सकती हैं. पूर्व में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी से लोनी विधानसभा के लिए टिकट की मांग की थी, मगर बीजेपी ने दोबारा से नंदकिशोर गुर्जर पर ही विश्वास जताया.
रंजीता धामा ने अपने त्यागपत्र में कई बातें लिखी हैं. मुख्य रूप से वह बीजेपी से टिकट नहीं मिलने को लेकर आहत हैं. इस बात से भी आहत हैं कि पार्टी ने टिकट नंदकिशोर गुर्जर को दे दिया है, क्योंकि उनके पति का नंदकिशोर गुर्जर से पूर्व से विवाद चला आ रहा था. उन्होंने पत्र लिखा है कि....
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सेवा में,
माननीय स्वतंत्रदेव सिंह जी प्रदेश अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी
उत्तर प्रदेश.
मैं रंजीता धामा भाजपा की प्राथमिक सदस्य रही हूँ व पार्टी की निष्ठावान कार्यकर्ता रही हूँ, पार्टी के विभिन्न दायित्वों का निष्ठापूर्ण निर्वहन किया है. लेकिन पूर्व की भाजपा रीति-निति और सिद्धांत के साथ-साथ कार्यकर्ताओं को सम्मान देने की जो परम्परा थी वो आज समाप्त हो गयी है. वर्तमान में लोनी विधानसभा-53 में विधायक नन्दकिशोर गुर्जर को पुनः भाजपा का प्रत्याशी बनाने से मै बहुत आहत हूँ, क्योंकि उक्त व्यक्ति ने मेरे परिवार के मान सम्मान के साथ खिलवाड़ किया है.
मेरे पति श्री मनोज धामा जी को झूठे केस में जेल भिजवाने का कार्य किया है. उक्त घटना से जिलाध्यक्ष गाजियाबाद को कई बार अवगत कराने के बाद भी मेरी कोई बात नहीं सुनी गई. संगठन की ओर से लगातार उपेक्षा और कार्यकर्ताओं के सम्मान की रक्षा के लिए आज अपनी पार्टी की सदस्यता से त्यागपत्र देने को उदास एंव दुखी मन से मजबूर हूं. अतः आपसे आग्रह है कि मेरा व मेरे पति श्री मनोज धामा जी का त्यागपत्र स्वीकार कर कृतार्थ करें.
रंजीता धामा का यह त्यागपत्र पोस्ट होने के बाद ही तुरंत वायरल हो गया है. पूर्व में रंजीत धामा ने एक पंचायत भी की थी, जिसमें एलान कर दिया था कि अगर उन्हें बीजेपी से टिकट नहीं मिला तो वह पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे देंगी. रंजीता धामा वर्तमान में लोनी नगर पालिका परिषद की चेयरपर्सन हैं. उनके अचानक बीजेपी से त्यागपत्र देने के बाद लोनी में उनके समर्थकों और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच एक असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है.