नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद के मुरादनगर का रेलवे स्टेशन को जाने वाला रास्ता मुरादनगर क्षेत्र के काफी महत्वपूर्ण रास्तों में से एक है, क्योंकि इस मुख्य रास्ते पर एक बड़ा बाजार लगता है और पास ही में रेलवे स्टेशन होने के कारण लोगों का आवागमन होता रहता है.
इस रोड पर बाजार लगने के साथ-साथ लोगों के जूते, चप्पल ठीक करने के लिए मोची भी बैठे रहते हैं. जो कि लाॅकडाउन के कारण बेरोजगार हो गए थे, ऐसे में अनलॉक 1 के दौरान उनको उम्मीद थी कि उनको थोड़ा बहुत काम मिलना शुरू हो जाएगा, लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिरा हुआ है. वह तपती धूप में खाली बैठे हुए हैं.
मुरादनगर के रेलवे रोड पर 30 साल से मोची का काम कर रहे रामकिशन ने ईटीवी भारत को बताया कि लॉकडाउन के कारण उनका काम बंद हो गया है, जिससे कि उनके खाने के भी लाले पड़ गए हैं. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि लॉकडाउन से पहले उनका गुजारा अच्छा चलता था लेकिन अब सब कुछ बेकार हो गया है. उन्होंने बताया कि वह पहले 500 रुपये तक रोजाना कमा लेते थे लेकिन अब 50 रुपये भी नहीं कमा पा रहे हैं.
लॉकडाउन से हुआ कर्जा
वहीं रेलवे रोड पर 15 साल से मोची का काम कर रहे हैं राम सिंह ने बताया कि लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं. इसलिए उनका काम मंदा चल रहा है. अब जैसे-तैसे करके अपना गुजारा कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के कारण काम बंद होने से उन पर कर्जा हो गया है.