नई दिल्ली/गाजियाबाद: किसान करीब एक महीने से सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं. किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार हाल ही में लाए गए कृषि कानूनों को वापस ले और एमएसपी की गारंटी को लेकर कानून बनाएं. किसान साफ कर चुके हैं कि जब तक केंद्र सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती है और एमएसपी की गारंटी नहीं देती है तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
गीजर में नहीं बिजली की जरूरत
आंदोलनकारी किसानों को कड़ाके की सर्दी में खुले आसमान के नीचे रात गुजारनी पड़ रही है. सर्दी लगातार बढ़ रही है. ऐसे में किसानों को खासा परेशानी हो रही है. सुबह सवेरे किसानों को नहाने धोने के लिए ठंडा पानी का इस्तेमाल करना पड़ रहा था लेकिन अब किसान आंदोलन में देसी गीजर तक पहुंच चुके हैं. देसी गीजर तुरंत ठंडे पानी को गर्म कर देता है और इसमें किसी प्रकार की बिजली की आवश्यकता भी नहीं पड़ती है.
लकड़ियों से होता है पानी गर्म
देसी गीजर के बीच में एक बड़ा होल होता है. जिसमें लकड़िया जलाई जाती हैं. लकड़ियों के जलने से गीजर में मौजूद पानी गर्म हो जाता है साथ ही गीजर में एक ओर से ठंडा पानी डालने पर दूसरी ओर से गर्म पानी मिल जाता है. देसी गीजर से किसानों को नहाने धोने में काफी सहूलियत हो रही है.
150 से अधिक गीजर मौजूद
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रेस प्रभारी शमशेर राणा ने बताया की किसान जब यूपी गेट पर आंदोलन करने आए थे, तो यह अंदाजा नहीं था कि आंदोलन लंबा चलेगा और कई हफ्ते रुकना पड़ेगा. लगातार सर्दी बढ़ रही है. ऐसे में किसानों को ठंडे पानी से नहाने धोने में खासा परेशानी हो रही थी. किसानों द्वारा ही आंदोलन में देसी गीजर की व्यवस्था की गई है. जिससे तुरंत ही पानी गर्म हो जाता है. आंदोलन स्थल पर करीब 150 अधिक देसी गीजर मौजूद हैं. देसी गीजर से पानी गर्म करने के लिए लकड़ियों की जरूरत होती है. ऐसे में किसानों द्वारा लकड़ियों की भी व्यवस्था की गई है.