नई दिल्ली/गाजियाबाद: यूपी के औरैया में हुए हादसे के बावजूद गाजियाबाद में मजदूरों को अपनी जान की परवाह नहीं है. गाजियाबाद में चलते ट्रक में भी मजदूर चढ़ते हुए देखें गए. ऐसी लापरवाही से कभी भी कोई हादसा हो सकता है. मजदूरों से जब बात की गई तो उनका कहना है कि उनका मकसद सिर्फ घर पहुंचना है.
एक मजदूर ने बताया कि मां ने 2000 रुपये भेजे थे. जो खत्म हो चुके हैं. सुबह-सुबह मकान मालिक ने कहा कि निकल जाओ. इसलिए घर से निकल पड़े हैं. जान हथेली पर लेकर जैसे तैसे गाजियाबाद पहुंच गए. जहां कोई ट्रक दिखता है. उसमें चढ़ जाते हैं और जहां भी वो ट्रक वाला उतार देता है. उसके आगे फिर नया ट्रक तलाशना शुरू कर देते हैं. या फिर पैदल ही आगे बढ़ते रहते हैं.
मजदूरों से पूछने पर पता चलता है कि उनका सिर्फ एक ही मकसद है कि अपने घर जाना है. इसके लिए जान की परवाह नहीं है. एक महिला मजदूर भी ट्रक में चढ़ती हुई देखी गई. देखते ही देखते ट्रक चल पड़ा. ऐसे में हादसे की आशंका भी बढ़ रही है. सोशल डिस्टेंसिंग तो ट्रकों में नामुमकिन है.
मजदूर खो रहे हैं सब्र
सरकार भी कह रही है कि मजदूरों को सब्र नहीं हो रहा है. बसों के इंतजाम किए जा रहे हैं. लेकिन मजदूर लगातार पलायन कर रहे हैं. वहीं मजदूरों का ये कहना है कि जब रहने के लिए घर नहीं है और खाने के लिए रोटी नहीं है. तो सब्र कैसे होगा. जो बसें चलाई गई हैं. उन तक पहुंचने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. जिससे पैदल या ट्रक में चढ़कर आना पड़ता है. जल्दबाजी में जान जोखिम में डालने से भी मजदूर नहीं डर रहे हैं.