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बर्तन और पुराने कपड़े बेचने वाले मजदूरों ने लगाई साप्ताहिक बाजार लगाने की गुहार

गाजियाबाद की सड़कों पर पुराने कपड़े और बर्तन बेचकर गुजारा करने वाली महिलाओं का कहना है कि अनलॉक में सरकार ने बाजार, बड़े-बड़े शोरूम और दुकाने खोलने की इजाजत दे दी है. इसलिए अब उनको भी रविवार को साप्ताहिक बाजार लगाने की इजाजत दे दी जाए.

Solicitation of weekly market
सप्ताहिक बाजार लागने की गुहार
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Published : Jun 23, 2020, 6:58 PM IST

Updated : Jun 23, 2020, 10:57 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: लॉकडाउन के बाद अनलॉक में व्यापारियों के लिए कुछ नियम शर्तों के साथ बाजार खोलने की छूट दी गई है. वहीं अब दूसरी ओर गाजियाबाद के साप्ताहिक बाजार में पुराने कपड़े और बर्तन बेचने वाली महिलाएं भी साप्ताहिक बाजार लगाने की मांग को लेकर गाजियाबाद जिलाधिकारी को ज्ञापन देने आई हैं. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने ज्ञापन देने आई महिलाओं से खास बातचीत की.

गाजियाबाद में साप्ताहिक बाजार लगाने की गुहार
ईटीवी भारत को गीता गुजराती ने बताया कि उनको सप्ताह में 1 दिन बाजार नहीं लगाने दिया जा रहा है. वह सप्ताह में सिर्फ 1 दिन की मांग कर रही हैं. उनका कहना है कि लॉकडाउन के दौरान उन्होंने दिक्कतें झेल ली है, लेकिन अब उनसे और ज्यादा दिक्कतें नहीं झेली जा रही है. उनका कहना है कि भूख प्यास की वजह से उनकी साथी गुजराती महिला मर चुकी हैं. अब ऐसे ही वह भी भूख प्यास से मर जाएंगी. उनका कहना है कि अनलॉक वन में सबके लिए छूट दी गई है तो फिर साप्ताहिक बाजार लगाने वाले लोगों को भी छूट दी जाए, इस मांग को लेकर उन्होंने गाजियाबाद जिलाधिकारी को ज्ञापन दे दिया है. जिस पर उनको जल्द ही साप्ताहिक बाजार खोलने का आश्वासन दिया गया है.
साप्ताहिक बाजार लगाने की मांग
ईटीवी भारत को सोना गुजराती ने बताया कि वह कहना चाहती हैं कि अब सबके शोरूम, बड़ी-बड़ी दुकानें खुल चुकी हैं और बाजार भी खुल रहे हैं. लोग बाग रेहड़ी पटरी लगा रहे हैं, कोई सब्जी बेच रहा है तो कोई कुछ काम कर रहा है. लेकिन हम सप्ताह में 1 दिन बाजार लगाकर पुराने कपड़े और बर्तन बेचते हैं, तो हमारे लिए भी साप्ताहिक बाजार लगाने की इजाजत दी जाए.



पुलिस नहीं लगाने दे रही है बाजार

इसके साथ ही महिला ने बताया कि वह रविवार को बाजार में पुराने कपड़े और बर्तन बेचने के लिए गए थे, जहां से उनको पुलिस प्रशासन द्वारा हटा दिया गया है.


मकान मालिक मांग रहे हैं किराया

ईटीवी भारत को ललिता ने बताया कि 4 महीने से भी अधिक समय से उनके बच्चे भूख प्यास से तड़प रहे हैं. उन्होंने जैसे तैसे करके 4 महीने तो काट लिए, लेकिन अब वह गलियों में बर्तन और कपड़े बेचने जा रहे हैं, तो कोई भी उनको बर्तन और कपड़े नहीं बेचने दे रहा है. अब उनके मकान मालिक भी उन से किराया मांग रहे हैं. इसलिए वह चाहते हैं कि उनको सप्ताह में 1 दिन बाजार लगाने की इजाजत दे दी जाए.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: लॉकडाउन के बाद अनलॉक में व्यापारियों के लिए कुछ नियम शर्तों के साथ बाजार खोलने की छूट दी गई है. वहीं अब दूसरी ओर गाजियाबाद के साप्ताहिक बाजार में पुराने कपड़े और बर्तन बेचने वाली महिलाएं भी साप्ताहिक बाजार लगाने की मांग को लेकर गाजियाबाद जिलाधिकारी को ज्ञापन देने आई हैं. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने ज्ञापन देने आई महिलाओं से खास बातचीत की.

गाजियाबाद में साप्ताहिक बाजार लगाने की गुहार
ईटीवी भारत को गीता गुजराती ने बताया कि उनको सप्ताह में 1 दिन बाजार नहीं लगाने दिया जा रहा है. वह सप्ताह में सिर्फ 1 दिन की मांग कर रही हैं. उनका कहना है कि लॉकडाउन के दौरान उन्होंने दिक्कतें झेल ली है, लेकिन अब उनसे और ज्यादा दिक्कतें नहीं झेली जा रही है. उनका कहना है कि भूख प्यास की वजह से उनकी साथी गुजराती महिला मर चुकी हैं. अब ऐसे ही वह भी भूख प्यास से मर जाएंगी. उनका कहना है कि अनलॉक वन में सबके लिए छूट दी गई है तो फिर साप्ताहिक बाजार लगाने वाले लोगों को भी छूट दी जाए, इस मांग को लेकर उन्होंने गाजियाबाद जिलाधिकारी को ज्ञापन दे दिया है. जिस पर उनको जल्द ही साप्ताहिक बाजार खोलने का आश्वासन दिया गया है.
साप्ताहिक बाजार लगाने की मांग
ईटीवी भारत को सोना गुजराती ने बताया कि वह कहना चाहती हैं कि अब सबके शोरूम, बड़ी-बड़ी दुकानें खुल चुकी हैं और बाजार भी खुल रहे हैं. लोग बाग रेहड़ी पटरी लगा रहे हैं, कोई सब्जी बेच रहा है तो कोई कुछ काम कर रहा है. लेकिन हम सप्ताह में 1 दिन बाजार लगाकर पुराने कपड़े और बर्तन बेचते हैं, तो हमारे लिए भी साप्ताहिक बाजार लगाने की इजाजत दी जाए.



पुलिस नहीं लगाने दे रही है बाजार

इसके साथ ही महिला ने बताया कि वह रविवार को बाजार में पुराने कपड़े और बर्तन बेचने के लिए गए थे, जहां से उनको पुलिस प्रशासन द्वारा हटा दिया गया है.


मकान मालिक मांग रहे हैं किराया

ईटीवी भारत को ललिता ने बताया कि 4 महीने से भी अधिक समय से उनके बच्चे भूख प्यास से तड़प रहे हैं. उन्होंने जैसे तैसे करके 4 महीने तो काट लिए, लेकिन अब वह गलियों में बर्तन और कपड़े बेचने जा रहे हैं, तो कोई भी उनको बर्तन और कपड़े नहीं बेचने दे रहा है. अब उनके मकान मालिक भी उन से किराया मांग रहे हैं. इसलिए वह चाहते हैं कि उनको सप्ताह में 1 दिन बाजार लगाने की इजाजत दे दी जाए.

Last Updated : Jun 23, 2020, 10:57 PM IST
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