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नवरात्रि विशेष : 550 साल पुराना है गाजियाबाद का देवी दुर्गा मठ मंदिर, बाल रूप में विराजमान हैं मां बाला सुंदरी

शारदीय नवरात्रि 2022 (Sharadiya Navratri 2022) चल रहा है. इस दौरान प्रत्येक माता मंदिरों में श्रद्धालु मां के दर्शन पूजन के लिए जाते हैं. ऐसे में ईटीवी भारत विशेष रूप से अपने पाठकों के लिए नवरात्रि विशेष लेकर आया है. आज इस कड़ी में हम गाजियाबाद के दिल्ली गेट स्थित देवी दुर्गा मठ मंदिर के दर्शन करवाएंगे, जहां विराजमान हैं मां बाला सुंदरी. जो सबकी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. तो चलिए जानते हैं कि क्या है मंदिर की विशेषता.

Durga Devi Math Temple at Delhi Gate Ghaziabad
550 साल पुराना है गाजियाबाद का देवी दुर्गा मठ मंदिर
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Published : Oct 2, 2022, 6:06 AM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि का बहुत महत्व है. नवरात्रि में मां शक्ति के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है. इस साल शारदीय नवरात्रि 2022 की शुरुआत 26 सितंबर से हो रही (Sharadiya Navratri 2022) है, जो 5 अक्टूबर तक चलेगी. नवरात्रि पर हम आपको गाज़ियाबाद के दिल्ली गेट स्थित दुर्गा देवी मठ मंदिर के बारे में बताते हैं, जो तकरीबन साढ़े पांच सौ साल पुराना मंदिर है.

गाजियाबाद के दिल्ली गेट स्थित दुर्गा देवी मठ मंदिर के महंत गिरिशानंद गिरि के मंदिर के 16वें महंत हैं. महंत गिरिशानंद गिरि बताते हैं कि मां बाला सुंदरी चतुर्भुजी देवी बाल रूप में मंदिर में विराजमान हैं. मंदिर तकरीबन 550 साल पुराना है. दुर्गा देवी मठ मंदिर गाजियाबाद के प्रमुख मंदिरों में से एक है. यहां जो भी श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं, मां बाला सुंदरी उसे अवश्य पूर्ण करती हैं. कोई भी श्रद्धालु मंदिर से खाली हाथ नहीं लौटता है.

550 साल पुराना है गाजियाबाद का देवी दुर्गा मठ मंदिर

ये भी पढ़ें: Navratri Special 2022: श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र है प्रीत विहार गुफा वाला मंदिर

शतचंडी महायज्ञ का होता है आयोजन: महंत गिरिशानंद गिरि के मुताबिक, नवरात्रि के दौरान मंदिर में 11 ब्राह्मणों द्वारा शतचंडी महायज्ञ का आयोजन किया जाता है. नवमी को मंदिर में भव्य भंडारे का आयोजन किया जाता है. जबकि, अष्टमी को शोभायात्रा मंदिर से निकलती है. भक्तों के लिए मखाने का खीर, कुट्टू के आटे का पूरी आदि प्रसाद के तौर पर वितरण के लिए तैयार किया जाता है.

देशभर से आते हैं श्रद्धालु: महंत बताते हैं कि मंदिर में केवल उत्तर भारत की नहीं, बल्कि भोपाल, जबलपुर, नरसिंहपुर, झांसी, ग्वालियर आदि समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश और एनसीआर से हजारों के संख्या में शुद्ध लाते हैं. मंदिर में संतान प्राप्ति के लिए जो भी मनोकामना मांगता है उसे मां बाला सुंदरी अवश्य पूरी करती हैं.

ये भी पढ़ें: नवरात्रि विशेष: जानिए काली माता मंदिर से जुड़ी कुछ खास बातें, यहां स्वयं विराजमान हैं काली कलकत्ते वाली

कैसे पहुंचे दुर्गा देवी मठ मंदिर: गूगल मैप का इस्तेमाल कर सीधे दुर्गा देवी मठ मंदिर पहुंच सकते हैं. गूगल मैप प्राचीन दुर्गा देवी मठ मंदिर की लोकेशन मौजूद है. शहीद स्थल मेट्रो स्टेशन (नया बस अड्डा मेट्रो स्टेशन के नाम से भी जाना जाता है) शहीद स्थल मेट्रो स्टेशन दिल्ली मेट्रो की रेड लाइन का टर्मिनस मेट्रो स्टेशन है.

शहीद स्थल मेट्रो स्टेशन उतरकर ई-रिक्शा, ऑटो रिक्शा आदि के माध्यम से दुर्गा देवी मठ मंदिर पहुंचा जा सकता है. शहीद स्थल मेट्रो स्टेशन से दुर्गा देवी मठ मंदिर तक़रीबन दो किलोमीटर दूर है.

ये भी पढ़ें: नवरात्रि विशेष : गाजियाबाद का गुफा वाला मंदिर दिलाता है वैष्णो देवी की याद, नि:संतान दंपतियों की होती है मनोकामना पूरी

नौ रूपों की होती है पूजा: 26 सितंबर से शारदीय नवरात्रि 2022 की शुरुआत हो (Sharadiya Navratri 2022) जाएगी. नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि में हर दिन माता रानी के पूजन का खास महत्व होता है.

मां भगवती के नौ रूपों की भक्ति करने से हर मनोकामना पूरी होती है. इन नौ दिनों में मां के पूजा पाठ का खास ख्याल रखा जाता है और उनको प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के उपाय किए जाते हैं.

ये भी पढ़ें: नवरात्रि विशेष : झंडेवाला मंदिर में भव्य होगा नवरात्र का उत्सव, फूलों से सजेगा मां का दरबार
ये भी पढ़ें: नवरात्रि विशेष : जानें कालकाजी मंदिर की पौराणिक मान्यताएं, असुर मर्दन के लिए लिया था कौशिकी रूप

डिस्क्लेमर: खबर मान्यताओं और जानकारी पर आधारित है. इसमें शामिल तथ्यों की सटीकता की इंटीवी भारत पुष्टि नहीं करता है.

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नई दिल्ली/गाजियाबाद: हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि का बहुत महत्व है. नवरात्रि में मां शक्ति के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है. इस साल शारदीय नवरात्रि 2022 की शुरुआत 26 सितंबर से हो रही (Sharadiya Navratri 2022) है, जो 5 अक्टूबर तक चलेगी. नवरात्रि पर हम आपको गाज़ियाबाद के दिल्ली गेट स्थित दुर्गा देवी मठ मंदिर के बारे में बताते हैं, जो तकरीबन साढ़े पांच सौ साल पुराना मंदिर है.

गाजियाबाद के दिल्ली गेट स्थित दुर्गा देवी मठ मंदिर के महंत गिरिशानंद गिरि के मंदिर के 16वें महंत हैं. महंत गिरिशानंद गिरि बताते हैं कि मां बाला सुंदरी चतुर्भुजी देवी बाल रूप में मंदिर में विराजमान हैं. मंदिर तकरीबन 550 साल पुराना है. दुर्गा देवी मठ मंदिर गाजियाबाद के प्रमुख मंदिरों में से एक है. यहां जो भी श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं, मां बाला सुंदरी उसे अवश्य पूर्ण करती हैं. कोई भी श्रद्धालु मंदिर से खाली हाथ नहीं लौटता है.

550 साल पुराना है गाजियाबाद का देवी दुर्गा मठ मंदिर

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शतचंडी महायज्ञ का होता है आयोजन: महंत गिरिशानंद गिरि के मुताबिक, नवरात्रि के दौरान मंदिर में 11 ब्राह्मणों द्वारा शतचंडी महायज्ञ का आयोजन किया जाता है. नवमी को मंदिर में भव्य भंडारे का आयोजन किया जाता है. जबकि, अष्टमी को शोभायात्रा मंदिर से निकलती है. भक्तों के लिए मखाने का खीर, कुट्टू के आटे का पूरी आदि प्रसाद के तौर पर वितरण के लिए तैयार किया जाता है.

देशभर से आते हैं श्रद्धालु: महंत बताते हैं कि मंदिर में केवल उत्तर भारत की नहीं, बल्कि भोपाल, जबलपुर, नरसिंहपुर, झांसी, ग्वालियर आदि समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश और एनसीआर से हजारों के संख्या में शुद्ध लाते हैं. मंदिर में संतान प्राप्ति के लिए जो भी मनोकामना मांगता है उसे मां बाला सुंदरी अवश्य पूरी करती हैं.

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कैसे पहुंचे दुर्गा देवी मठ मंदिर: गूगल मैप का इस्तेमाल कर सीधे दुर्गा देवी मठ मंदिर पहुंच सकते हैं. गूगल मैप प्राचीन दुर्गा देवी मठ मंदिर की लोकेशन मौजूद है. शहीद स्थल मेट्रो स्टेशन (नया बस अड्डा मेट्रो स्टेशन के नाम से भी जाना जाता है) शहीद स्थल मेट्रो स्टेशन दिल्ली मेट्रो की रेड लाइन का टर्मिनस मेट्रो स्टेशन है.

शहीद स्थल मेट्रो स्टेशन उतरकर ई-रिक्शा, ऑटो रिक्शा आदि के माध्यम से दुर्गा देवी मठ मंदिर पहुंचा जा सकता है. शहीद स्थल मेट्रो स्टेशन से दुर्गा देवी मठ मंदिर तक़रीबन दो किलोमीटर दूर है.

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नौ रूपों की होती है पूजा: 26 सितंबर से शारदीय नवरात्रि 2022 की शुरुआत हो (Sharadiya Navratri 2022) जाएगी. नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि में हर दिन माता रानी के पूजन का खास महत्व होता है.

मां भगवती के नौ रूपों की भक्ति करने से हर मनोकामना पूरी होती है. इन नौ दिनों में मां के पूजा पाठ का खास ख्याल रखा जाता है और उनको प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के उपाय किए जाते हैं.

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