नई दिल्ली/गाजियाबादः गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पर शुक्रवार काे किसानों की पंचायत होनी है. 27 नवंबर को होने वाली संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक से पहले यह पंचायत काफी अहम है. इसमें आंदोलन की दिशा और दशा के अलावा आगे की रणनीति पर सभी किसान मशवरा करेंगे. राकेश टिकैत (Rakesh Tikait ) भी इस पंचायत में शामिल होंगे. पंचायत के लिए उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से बड़ी संख्या में किसान गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पहुंचे हैं. आंदोलन के एक साल पूरा होने (One Year of kisan andolan ) पर मृत किसानों को श्रद्धांजलि कार्यक्रम (Tribute program at Ghazipur border) भी रखा गया है.
गाजीपुर किसान मोर्चा कमेटी के अध्यक्ष जगतार सिंह बाजवा ने कहा कि किसानों की जीत हुई है. एक साल में लगातार किसानों ने लंबी लड़ाई लड़ी, जिसके बाद सरकार ने कानून वापस लिये. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने आंदोलन में साथ दिया उन्हें धन्यवाद देना चाहता हूं. जगतार सिंह बाजवा ने बताया कि आज गाजीपुर बॉर्डर पर एक साल(kisan andolan ke ek saal ) पूरे होने पर पंचायत हो रही है.
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उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से बहुत से किसान यहां पहुंच रहे हैं. एक साल में जो हुआ उसके लेखा जोखा पर भी चर्चा होगी. सभी किसान आज अपनी राय तैयार करेंगे. कल जो सिंघु बॉर्डर पर मीटिंग होनी है, उसके लिए तैयारी होगी. उन्होंने कहा कि आंदोलन (kisan andolan ) संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) के कॉल पर शुरू हुआ था, अगर कल संयुक्त किसान मोर्चा निर्णय लेगा कि आंदोलन आगे बढ़ना है तो आगे बढ़ेगा.
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जगतार सिंह बाजवा ने कहा कि बैरिकेड फिर से दिल्ली पुलिस द्वारा लगा दिए (Delhi Police again put up barricades ) गए हैं. हम भी एक साल से यही कह रहे थे, कि हमने रास्ते बंद नहीं किए हैं. हमने कोई रास्ता नहीं रोका है. उन्होंने कहा कि जो किसान आंदोलन में शामिल नहीं हो पाए हैं और घर पर बैठे हैं, उन्हें भी तीनाें कृषि कानूनाें की वापसी के ऐलान पर बधाई देता हूं.
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