नई दिल्ली/गाज़ियाबादः गाजीपुर बॉर्डर पर किसान रविवार को दक्षिण भारत की संस्कृति के रंग में सराबोर नजर आए. दरअसल, गाजीपुर बॉर्डर पर केरल दिवस का आयोजन किया गया. केरल से आए किसानों ने मंच संभाला. इस दौरान किसान नेता राकेश टिकैत भी मौजूद रहे. केरल के किसानों का कहना है कि अब तक इस आंदोलन को कुछ क्षेत्र के किसानों का आंदोलन कहा जा रहा था, लेकिन ऐसा नहीं है. उनका कहना है कि केरल समेत पूरे देश के किसान इस आंदोलन का हिस्सा हैं.
भारी संख्या में पहुंची महिलाएं
केरल से सिर्फ पुरुष ही नहीं, बल्कि महिलाएं भी अच्छी खासी संख्या में गाजीपुर बॉर्डर पहुंची. दिल्ली से भी काफी संख्या में केरल के मूल निवासी किसान मंच के वक्ताओं को सुनते हुए दिखाई दिए. केरल के काफी स्थानीय निवासी भी गाजीपुर बॉर्डर पर मौजूद रहे. सुबह से ही केरल दिवस की तैयारी शुरू कर दी गई थी. मंच को भी साउथ इंडिया के रंग में रंगा गया था. देश के अलग-अलग राज्यों से आए किसान भी केरल दिवस पर काफी उत्साहित दिखाई दिए. मंच से एक बार फिर कृषि कानून वापस लेने की मांग की गई और MSP पर कानून बनाने की मांग को दोहराया गया.
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सोमवार को मनाया जाएगा महिला दिवस
इस दौरान मंच से ऐलान किया गया कि सोमवार को बॉर्डर पर धूमधाम से महिला दिवस मनाया जाएगा. मंच महिलाएं संभालेंगी. महिला किसानों के लिए पहले की तुलना में अधिक दुरुस्त व्यवस्थाएं गाजीपुर बॉर्डर पर की गई है. लगभग सभी टेंट में गर्मी से बचने के उपाय पूरे हो चुके हैं. महिला दिवस के लिए भी सभी महिलाएं काफी उत्साहित हैं. महिला दिवस के बाद राकेश टिकैत बंगाल जाने की तैयारी संबंधी रणनीति तैयार करेंगे. उन्होंने ऐलान कर दिया है कि आगामी 13 मार्च को वह बंगाल में किसानों से मिलने जाएंगे.