ETV Bharat / city

'शिवभक्त निराश ना हों, घर में रहकर अपने माता-पिता की करें सेवा'

कोरोना महामारी का असर धार्मिक आयोजनों पर भी पड़ रहा है. संक्रमण के लगातार विकराल होते स्वरूप को देखते हुए इस बार सावन में कांवड़ यात्रा नहीं निकलेगी. गाजियाबाद के प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर में इस बार कावड़ यात्रा को कोरोना के चलते स्थगित कर दिया है.

author img

By

Published : Jun 25, 2020, 4:29 PM IST

kawad yatra postponed in dudheshwar nath temple in ghaziabad
कोरोना के चलते दूधेश्वर नाथ मंदिर में स्थगित कांवड़ यात्रा

नई दिल्ली/गाजियाबाद: देश में जारी कोरोना संकट का असर सावन में होने वाले कांवड़ यात्रा पर भी पड़ा है. हर साल सावन में शुरू होने वाली पवित्र कांवड़ यात्रा कोरोना संकट के चलते स्थगित हो गई है. गाजियाबाद के प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर में हर साल शिवरात्रि को लेकर बड़ा आयोजन होता है. लेकिन इस बार कावड़ यात्रा को कोरोना के चलते सरकार ने स्थगित कर दिया है. इसलिए सावन की शिवरात्रि भी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मनाई जाएगी.

कोरोना के चलते दूधेश्वर नाथ मंदिर में स्थगित कांवड़ यात्रा

मंदिर के महंत नारायण गिरी का कहना हैं कि शिवभक्त निराश ना हों. वे अपने घर में रहकर अपने माता-पिता की सेवा करें. माता-पिता की सेवा से भी गंगाजल लाने जितना पुण्य मिलता है.


छोटा हरिद्वार से 11 पुरोहित लाएंगे जल

6 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो रहा है. महंत नारायण गिरी का ये भी कहना हैं कि मंदिर के 11 पुरोहित छोटा हरिद्वार से गंगाजल लाकर शिवरात्रि के दिन भगवान दूधेश्वर का जलाभिषेक करेंगे. हर सावन की तरह इस बार भी सभी पूजा-पाठ पहले की तरह होंगी. हालांकि, इस बार भक्तों की संख्या बीते सालों के मुकाबले काफी कम होगी. क्योंकि शिवरात्रि पर कांवड़ियों के रूप में लाखों शिव भक्त गाजियाबाद ही नहीं, बल्कि देशभर से दूधेश्वर नाथ मंदिर में जलाभिषेक करने के लिए पहुंचते हैं. लेकिन कावड़ यात्रा स्थगित होने की वजह से कावड़ियों का मेला इस बार नहीं लगेगा.

1 महीने पहले से शुरू होती है तैयारी

गाजियाबाद के प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर की अपनी पुरानी मान्यता है. मंदिर में रावण ने भी प्राचीन काल में पूजा अर्चना की थी. जहां पर मंदिर स्थापित है, वहां पर प्राचीन काल में एक गाय आती थी, और स्वयं दूध दिया करती थी. और वहीं पर भगवान दूधेश्वर के शिवलिंग प्रकट हुए थे. इसी मान्यताओं के चलते दूरदराज से आने वाले भक्तों के लिए 1 महीने पहले ही सावन की तैयारियां शुरू हो जाती थी. हालांकि, इस बार कोरोना ने भक्तों को निराश कर दिया है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: देश में जारी कोरोना संकट का असर सावन में होने वाले कांवड़ यात्रा पर भी पड़ा है. हर साल सावन में शुरू होने वाली पवित्र कांवड़ यात्रा कोरोना संकट के चलते स्थगित हो गई है. गाजियाबाद के प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर में हर साल शिवरात्रि को लेकर बड़ा आयोजन होता है. लेकिन इस बार कावड़ यात्रा को कोरोना के चलते सरकार ने स्थगित कर दिया है. इसलिए सावन की शिवरात्रि भी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मनाई जाएगी.

कोरोना के चलते दूधेश्वर नाथ मंदिर में स्थगित कांवड़ यात्रा

मंदिर के महंत नारायण गिरी का कहना हैं कि शिवभक्त निराश ना हों. वे अपने घर में रहकर अपने माता-पिता की सेवा करें. माता-पिता की सेवा से भी गंगाजल लाने जितना पुण्य मिलता है.


छोटा हरिद्वार से 11 पुरोहित लाएंगे जल

6 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो रहा है. महंत नारायण गिरी का ये भी कहना हैं कि मंदिर के 11 पुरोहित छोटा हरिद्वार से गंगाजल लाकर शिवरात्रि के दिन भगवान दूधेश्वर का जलाभिषेक करेंगे. हर सावन की तरह इस बार भी सभी पूजा-पाठ पहले की तरह होंगी. हालांकि, इस बार भक्तों की संख्या बीते सालों के मुकाबले काफी कम होगी. क्योंकि शिवरात्रि पर कांवड़ियों के रूप में लाखों शिव भक्त गाजियाबाद ही नहीं, बल्कि देशभर से दूधेश्वर नाथ मंदिर में जलाभिषेक करने के लिए पहुंचते हैं. लेकिन कावड़ यात्रा स्थगित होने की वजह से कावड़ियों का मेला इस बार नहीं लगेगा.

1 महीने पहले से शुरू होती है तैयारी

गाजियाबाद के प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर की अपनी पुरानी मान्यता है. मंदिर में रावण ने भी प्राचीन काल में पूजा अर्चना की थी. जहां पर मंदिर स्थापित है, वहां पर प्राचीन काल में एक गाय आती थी, और स्वयं दूध दिया करती थी. और वहीं पर भगवान दूधेश्वर के शिवलिंग प्रकट हुए थे. इसी मान्यताओं के चलते दूरदराज से आने वाले भक्तों के लिए 1 महीने पहले ही सावन की तैयारियां शुरू हो जाती थी. हालांकि, इस बार कोरोना ने भक्तों को निराश कर दिया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.