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...इस लिए प्राण त्यागने को तैयार थीं कश्मीरी पंडितों की महिलाएं - गाजियाबाद न्यूज अपडेट

गाजियाबाद में कश्मीरी पंडितों के तकरीबन ढाई हजार परिवार रहते हैं. पलायन के बाद कश्मीरी पंडितों के परिवार सब कुछ कश्मीर में ही छोड़ आए थे, लेकिन कश्मीर की संस्कृति कश्मीरी पंडित अपने साथ संभाल के अपने दिलों में साथ ले आए.

कश्मीरी पंडित महाराज कृष्ण कौल
कश्मीरी पंडित महाराज कृष्ण कौल
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Published : Apr 4, 2022, 7:45 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: अलाउद्दीन खिलजी के आतंक से आत्मसम्मान और स्वाभिमान को बचाने लिए रानी पद्मावती ने जौहर किया था. स्वाभिमान की रक्षा करने के लिए रानी पद्मावती ने अपने प्राण न्योछावर किए थे. ठीक उसी तरह जब कश्मीरी पंडितों के लिए कश्मीर जन्नत से जहन्नुम बना तब कश्मीरी पंडितों ने अपनी बहन बेटियों और बहुओं के हाथ में ब्लेड थमा दिए थे. ब्लेड इसलिए दिए थे यदि कोई आतंकी उनके सम्मान को ठेस पहुंचाए इससे पहले वह ब्लेड से अपनी गर्दन काट कर प्राण त्याग दें. महिलाओं ने हाथों में ब्लेड थाम रखे थे. यदि कोई उनका दरवाज़ा खटखटाता और जबरन घर में घुसने का प्रयास करता तो कश्मीरी पंडितों की औरतें ब्लेड से अपनी गर्दन काट प्राण न्योछावर कर देती.


गाज़ियाबाद के शालीमार गार्डन इलाके में माता खीर भवानी का मंदिर है. मंदिर कश्मीरी पंडितों द्वारा बनवाया गया था. मंदिर के नज़दीक के इलाक़ो में बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडित रहते हैं. मंदिर से तक़रीबन डेढ़ किलोमीटर दूर कश्मीरी पंडित महाराज कृष्ण कौल का घर है. महाराज कृष्णा कौल ने कश्मीर को जन्नत से जहन्नुम बनते देखा है. कौल बताते हैं जब हालात खराब हुए तब जगह-जगह ऐलान हो रहा था, 'यहां बनेगा पाकिस्तान, कश्मीरी पंडितों के बगैर और कश्मीरी पंडित महिलाओं के साथ' हल गली-मोहल्ले में एलान करते हुए जलसे निकल रहे हैं. डर का माहौल था.

कश्मीरी पंडित महाराज कृष्ण कौल.

इसे भी पढे़ं: सब कुछ छोड़ कश्मीर से ले आए थे उर्दू की गीता, ऐलान हो रहा था- 'कश्मीरी पंडित भागो, वरना मरने के लिए तैयार हो जाओ'

कौल बताते हैं घर में सब डरे सहमे बैठे थे. हमने अपने घर की बहन-बेटियों के हाथों में ब्लेड दे दिए थे. उन्हें समझा दिया था कि कोई खटखटा कर जबरन दरवाजा खुलवाने का प्रयास करें या फिर जबरन घर में घुसे तो ब्लेड से गर्दन काट प्राण त्याग देना. हमने बेटियों को समझाया था कि आत्मसम्मान से बड़ा कुछ नहीं होता. सम्मान बचाने के लिए प्राण त्याग देना. जिससे कि आतंकी अपनी सीमा ना लांघ पाए. कौल बताते हैं जिस तरह के एलान जगह-जगह हो रहे थे आतंकियों के की मानसिकता साफ पता चल रही थी. आतंकी घर पुरुषों को मार घर मे मौजूद महिलाओं पर गंदी नज़र रख रहे थे. कौल ने अपनी दोनों भांजियों और पत्नी के हाथों में ब्लेड थमाए थे. जिससे कि. आतंकी अपनी गंदी मंशाओं को पूरा करने में कामयाब ना हो. हमारी महिलाएं अपनी जान निछावर करने के लिए तैयार थी.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: अलाउद्दीन खिलजी के आतंक से आत्मसम्मान और स्वाभिमान को बचाने लिए रानी पद्मावती ने जौहर किया था. स्वाभिमान की रक्षा करने के लिए रानी पद्मावती ने अपने प्राण न्योछावर किए थे. ठीक उसी तरह जब कश्मीरी पंडितों के लिए कश्मीर जन्नत से जहन्नुम बना तब कश्मीरी पंडितों ने अपनी बहन बेटियों और बहुओं के हाथ में ब्लेड थमा दिए थे. ब्लेड इसलिए दिए थे यदि कोई आतंकी उनके सम्मान को ठेस पहुंचाए इससे पहले वह ब्लेड से अपनी गर्दन काट कर प्राण त्याग दें. महिलाओं ने हाथों में ब्लेड थाम रखे थे. यदि कोई उनका दरवाज़ा खटखटाता और जबरन घर में घुसने का प्रयास करता तो कश्मीरी पंडितों की औरतें ब्लेड से अपनी गर्दन काट प्राण न्योछावर कर देती.


गाज़ियाबाद के शालीमार गार्डन इलाके में माता खीर भवानी का मंदिर है. मंदिर कश्मीरी पंडितों द्वारा बनवाया गया था. मंदिर के नज़दीक के इलाक़ो में बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडित रहते हैं. मंदिर से तक़रीबन डेढ़ किलोमीटर दूर कश्मीरी पंडित महाराज कृष्ण कौल का घर है. महाराज कृष्णा कौल ने कश्मीर को जन्नत से जहन्नुम बनते देखा है. कौल बताते हैं जब हालात खराब हुए तब जगह-जगह ऐलान हो रहा था, 'यहां बनेगा पाकिस्तान, कश्मीरी पंडितों के बगैर और कश्मीरी पंडित महिलाओं के साथ' हल गली-मोहल्ले में एलान करते हुए जलसे निकल रहे हैं. डर का माहौल था.

कश्मीरी पंडित महाराज कृष्ण कौल.

इसे भी पढे़ं: सब कुछ छोड़ कश्मीर से ले आए थे उर्दू की गीता, ऐलान हो रहा था- 'कश्मीरी पंडित भागो, वरना मरने के लिए तैयार हो जाओ'

कौल बताते हैं घर में सब डरे सहमे बैठे थे. हमने अपने घर की बहन-बेटियों के हाथों में ब्लेड दे दिए थे. उन्हें समझा दिया था कि कोई खटखटा कर जबरन दरवाजा खुलवाने का प्रयास करें या फिर जबरन घर में घुसे तो ब्लेड से गर्दन काट प्राण त्याग देना. हमने बेटियों को समझाया था कि आत्मसम्मान से बड़ा कुछ नहीं होता. सम्मान बचाने के लिए प्राण त्याग देना. जिससे कि आतंकी अपनी सीमा ना लांघ पाए. कौल बताते हैं जिस तरह के एलान जगह-जगह हो रहे थे आतंकियों के की मानसिकता साफ पता चल रही थी. आतंकी घर पुरुषों को मार घर मे मौजूद महिलाओं पर गंदी नज़र रख रहे थे. कौल ने अपनी दोनों भांजियों और पत्नी के हाथों में ब्लेड थमाए थे. जिससे कि. आतंकी अपनी गंदी मंशाओं को पूरा करने में कामयाब ना हो. हमारी महिलाएं अपनी जान निछावर करने के लिए तैयार थी.

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