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किसानों को भेजे गए नोटिस का जवाब देगा लीगल सेल: जगतार सिंह बाजवा - गाजियाबाद किसान संयुक्त मोर्चा के प्रवक्ता जगतार

गाजीपुर बार्डर में संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रेस वार्ता की. इसमें किसान संयुक्त मोर्चा के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने कहा कि केंद्र सरकार व दिल्ली पुलिस के द्वारा 26 जनवरी को आयोजित की गई ट्रैक्टर रैली को लेकर हिंसा भड़काने के नोटिस पूरे देश के किसानों को भेजे जा रहे हैं.

Joint Kisan Morcha press conference in Ghazipur border in Ghaziabad
संयुक्त किसान मोर्चा
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Published : Feb 25, 2021, 2:55 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: कृषि कानूनों की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी पर कानून बनाने की मांग को लेकर दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर तकरीबन तीन महीने से किसानों का आंदोलन जारी है. सर्दी के मौसम में शुरू हुआ किसान आंदोलन गर्मी के मौसम में प्रवेश कर चुका है.

संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रेस वार्ता की
संयुक्त किसान मोर्चा ने गाजीपुर बॉर्डर पर प्रेस वार्ता की गई, जिसमें दिल्ली पुलिस द्वारा एनएच-9 बंद करने, किसानों को 26 जनवरी की हिंसा में शामिल होने को लेकर नोटिस भेजने और केंद्र सरकार द्वारा मनमानी करने जैसे गंभीर मुद्दों पर मोर्चा के पदाधिकारियों द्वारा सफाई दी गई. किसान संयुक्त मोर्चा के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने कहा कि केंद्र सरकार व दिल्ली पुलिस के द्वारा 26 जनवरी को आयोजित की गई. ट्रैक्टर रैली को लेकर हिंसा भड़काने के नोटिस पूरे देश के किसानों को भेजे जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि अब तक 1700 किसानों को हिंसा भड़काने के नोटिस भेजे जा चुके हैं. बाजवा ने एक महिला का उदाहरण देते हुए बताया कि एक महिला जो कि दिल्ली में जॉब करती है, उसको भी नोटिस भेजा गया है क्योंकि उसका फ़ोन 26 जनवरी के दिन उस इलाके में पाया गया था. किसान नेता जगतर बाजवा ने सभी किसानों से अपील करते हुए कहा है कि संयुक्त किसान मोर्चा और देश के किसान हर वर्ग के साथ खड़ा है और सरकार द्वारा जो भी नोटिस किसानों को भेजे जा रहे हैं, उसका जवाब संयुक्त किसान मोर्चे का वकीलों का लीगल पैनल देगा.


गरीब वर्ग का उत्पीड़न
किसान नेता डीपी सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार पूंजीपतियों के दबाव में आकर किसान, मजदूर वह गरीब वर्ग का उत्पीड़न करने में लगी हुई है. सरकार द्वारा आम जनता के साथ साथ गाजीपुर बॉर्डर पर एम्बुलेंस का रास्ता भी बंद करा दिया गया है. ऐसे में सरकार को यह सोचना चाहिए कि देश का किसान किन परिस्थितियों में बॉर्डर पर डटा हुआ है.

ये भी पढ़ें:-दिल्ली हिंसा के मामले में तीसरी चार्जशीट दाखिल, तकनीकी साक्ष्यों को बनाया आधार


किसानों के लीगल पैनल के वकील वासू कुकरेजा ने कहा कि लीगल पैनल को बने अभी एक हफ़्ता ही हुआ है. आंदोलन से जुड़े बुजुर्गों, महिलाओं और वकीलों के पास नोटिस पहुंच रहे हैं. इसके साथ ही देश के सभी किसानों से अपील करते हुए कहा गया है कि कोई भी किसान नोटिस आने पर बिना किसी वकील के कोर्ट या पुलिस प्रशासन के आगे हाजिर न हो.

किसानों की सारी जिम्मेदारी वकीलों के लीगल पैनल की होगी
उन्होंने कहा कि अगर किसी भी किसान पर नोटिस पहुंचता है तो वह सबसे पहले किसान संयुक्त मोर्चा को अवगत कराए. जिसके बाद किसानों की सारी जिम्मेदारी वकीलों के लीगल पैनल की होगी. साथ ही उन्होंने बताया कि गाजीपुर बॉर्डर पर आज शाम तक पंजाब से 10 वकीलों का पैनल पहुंच रहा है. जो कि किसानों को क़ानूनी कार्रवाई से जुड़े मुद्दों की जानकारी देगा.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: कृषि कानूनों की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी पर कानून बनाने की मांग को लेकर दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर तकरीबन तीन महीने से किसानों का आंदोलन जारी है. सर्दी के मौसम में शुरू हुआ किसान आंदोलन गर्मी के मौसम में प्रवेश कर चुका है.

संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रेस वार्ता की
संयुक्त किसान मोर्चा ने गाजीपुर बॉर्डर पर प्रेस वार्ता की गई, जिसमें दिल्ली पुलिस द्वारा एनएच-9 बंद करने, किसानों को 26 जनवरी की हिंसा में शामिल होने को लेकर नोटिस भेजने और केंद्र सरकार द्वारा मनमानी करने जैसे गंभीर मुद्दों पर मोर्चा के पदाधिकारियों द्वारा सफाई दी गई. किसान संयुक्त मोर्चा के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने कहा कि केंद्र सरकार व दिल्ली पुलिस के द्वारा 26 जनवरी को आयोजित की गई. ट्रैक्टर रैली को लेकर हिंसा भड़काने के नोटिस पूरे देश के किसानों को भेजे जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि अब तक 1700 किसानों को हिंसा भड़काने के नोटिस भेजे जा चुके हैं. बाजवा ने एक महिला का उदाहरण देते हुए बताया कि एक महिला जो कि दिल्ली में जॉब करती है, उसको भी नोटिस भेजा गया है क्योंकि उसका फ़ोन 26 जनवरी के दिन उस इलाके में पाया गया था. किसान नेता जगतर बाजवा ने सभी किसानों से अपील करते हुए कहा है कि संयुक्त किसान मोर्चा और देश के किसान हर वर्ग के साथ खड़ा है और सरकार द्वारा जो भी नोटिस किसानों को भेजे जा रहे हैं, उसका जवाब संयुक्त किसान मोर्चे का वकीलों का लीगल पैनल देगा.


गरीब वर्ग का उत्पीड़न
किसान नेता डीपी सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार पूंजीपतियों के दबाव में आकर किसान, मजदूर वह गरीब वर्ग का उत्पीड़न करने में लगी हुई है. सरकार द्वारा आम जनता के साथ साथ गाजीपुर बॉर्डर पर एम्बुलेंस का रास्ता भी बंद करा दिया गया है. ऐसे में सरकार को यह सोचना चाहिए कि देश का किसान किन परिस्थितियों में बॉर्डर पर डटा हुआ है.

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किसानों के लीगल पैनल के वकील वासू कुकरेजा ने कहा कि लीगल पैनल को बने अभी एक हफ़्ता ही हुआ है. आंदोलन से जुड़े बुजुर्गों, महिलाओं और वकीलों के पास नोटिस पहुंच रहे हैं. इसके साथ ही देश के सभी किसानों से अपील करते हुए कहा गया है कि कोई भी किसान नोटिस आने पर बिना किसी वकील के कोर्ट या पुलिस प्रशासन के आगे हाजिर न हो.

किसानों की सारी जिम्मेदारी वकीलों के लीगल पैनल की होगी
उन्होंने कहा कि अगर किसी भी किसान पर नोटिस पहुंचता है तो वह सबसे पहले किसान संयुक्त मोर्चा को अवगत कराए. जिसके बाद किसानों की सारी जिम्मेदारी वकीलों के लीगल पैनल की होगी. साथ ही उन्होंने बताया कि गाजीपुर बॉर्डर पर आज शाम तक पंजाब से 10 वकीलों का पैनल पहुंच रहा है. जो कि किसानों को क़ानूनी कार्रवाई से जुड़े मुद्दों की जानकारी देगा.

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