नई दिल्ली/ गाजियाबाद: राजधानी से सटे गाजियाबाद के डासना जेल में 'जेल प्रीमियर लीग' की शुरुआत हो चुकी है. जिसमें अलग-अलग तरह के खेल होंगे. जेल में बंद कैदी इन खेलों में भाग लेंगे. अच्छा प्रदर्शन करने वाले कैदीयों को भविष्य में अच्छे मौके मिलने की उम्मीद रहेगी. जेल प्रीमियर लीग का यह दसवां सीजन है.
जिसमें पार्टिसिपेट करने के लिए कैदी काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं. वहीं जेल में कोरोना प्रोटोकॉल संबंधित दिशानिर्देशों का भी पूरी तरह से पालन किया जा रहा है. गाजियाबाद की डासना जेल वहीं जेल है, जो सबसे पहले कोरोना मुक्त हुई थी.
जेल सुपरीटेंडेंट (jail superintendent) आलोक सिंह ने बताया कि जेल में बंदीयों को सुधारने और उनको डिप्रेशन से बचाने के लिए जेल में ऐसी एक्टिविटी होती रहती है. जिससे कैदी बिजी रहते हैं. इसी कड़ी में खेल की शुरुआत की गई है. 'जेल प्रीमियर लीग' के दसवें सीजन की आज से शुरुआत हुई हैं. जिसमें कई तरह के खेल खेले जाते हैं. इस तरह के खेलों से स्वास्थ्य बेहतर होता है और स्वस्थ प्रतियोगिता की भावना उत्पन्न होती है. जिसमें कैदी एक दूसरे से बेहतर करने का प्रयास करते हैं. इस तरह के खेलों से बंदियों के चरित्र में भी सुधार आता है. उन्होंने कहा कि खाली दिमाग शैतान का घर होता है. खाली बैठे कैदी डिप्रेशन में भी जा सकते हैं. लेकिन, इस तरह की एक्टिविटी में इंगेज रहने से कैदी स्वस्थ रहते हैं. लीग में खेले जाने वाले खेलों में रस्साकशी, वॉलीबॉल, चैस, कबड्डी, क्रिकेट आदि खेल करवाए जातो हैं. यह खेल एक महीने तक चलेगा.
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वहीं उन्होंने बताया कि जेल में बंद सभी कैदियों को वेक्सिनेशन लग चुकी है. जेल रेडियो के माध्यम से अधिकारियों ने सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर कैदियों को जागरूक किया जाता है. उन्होंने कहा कि खेलों से भी इम्युनिटी बढ़ती है. जिससे कैदी स्वस्थ रहेंगे. जेल के भीतर कई तरह के पैंपफलेट भी लगाए गए हैं, जिससे कैदियों को अवेयर किया जा रहा है.
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