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प्राइवेट टीचरों ने DM को सौंपा ज्ञापन, नियमों के साथ कोचिंग सेंटर खोलनी की मांग

लॉकडाउन के कारण पिछले 4 महीने से कोचिंग संस्थान बंद पड़े हैं. ऐसे में शुक्रवार को गाजियाबाद के इंडिपेंडेंट प्राइवेट टीचर वेलफेयर एसोसिएशन के टीचरों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौप 10-10 बच्चों के बैच को पढ़ाने की इजाजत मांगी है.

ndependent private teacher welfare association demand
प्राइवेट टीचरों ने रखी कोचिंग सेंटर खोलने की मांग
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Published : Jun 26, 2020, 5:45 PM IST

Updated : Jun 26, 2020, 10:55 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद के इंडिपेंडेंट प्राइवेट टीचर वेलफेयर एसोसिएशन से जुड़े टीचर प्राइवेट कोचिंग संस्थान को खोलने की मांग को लेकर आज गाजियाबाद जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय को ज्ञापन देने पहुंचे. ईटीवी भारत को इंडिपेंडेंट प्राइवेट टीचर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष जगदीश कुमार सिंह ने बताया कि जिलाधिकारी को ज्ञापन इसलिए देने आएं है कि सभी टीचर 1 या 2 कमरों में 10 से 12 बच्चों को पढ़ाते हैं, लेकिन लाॅकडाउन के कारण पिछले 4 महीने से कोचिंग संस्थान बंद है. जिससे कि इनके घर के खर्चे नहीं चल पा रहे हैं, घर में राशन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, क्योंकि यह पढ़ा नहीं रहे इसीलिए इनकी इनकम भी नहीं हो रही है. इसीलिए वह मुख्यमंत्री से चाहते हैं कि कुछ दिशा-निर्देश के साथ इनको भी कोचिंग संस्थान शुरू करने के आदेश दिए जाएं.

प्राइवेट टीचरों ने रखी कोचिंग सेंटर खोलने की मांग



'प्राइवेट संस्थान शुरू करने की दें इजाजत'

ईटीवी भारत को इंडिपेंडेंट प्राइवेट टीचर वेलफेयर एसोसिएशन के सेक्रेटरी अरुण शर्मा ने बताया कि वह सरकार को टीचरों की समस्याओं की ओर ध्यान दिलाना चाहते हैं कि फरवरी से कोई भी कोचिंग संस्थान नहीं चल रहे है. सरकारी टीचरों को सैलरी देना सरकार की जिम्मेदारी और पब्लिक स्कूल के टीचरों की सैलरी देना पब्लिक स्कूल की जिम्मेदारी, लेकिन हम प्राइवेट टीचर अपना गुजारा कैसे करें. अपने बच्चों को किस अनाथ आश्रम में ले जाएं, उनके लिए पिछले 4 महीने से कोई भी खाने पीने की व्यवस्था नहीं है, घर का खर्चा और किराया इतना ज्यादा हो चुका है कि वह उसको भी नहीं दे पा रहे हैं. इसलिए वह सरकार से गुजारिश करते हैं कि उनको 10-10 बच्चों का बैच पढ़ाने की इजाजत दी जाए.



'वर्चुअल और ऑनलाइन क्लासेज में फर्क'

इसके साथ ही उनका कहना है कि ऑनलाइन क्लासेज पढ़ना, हर बच्चे के बस की बात नहीं है, क्योंकि कहीं नेट की प्रॉब्लम तो किसी के पास स्मार्टफोन नहीं है. इसको लेकर काफी समस्याएं हैं और एक वर्चुअल और ओरिजिनल क्लास में काफी फर्क होता है.


'नियमों का उल्लंघन तो करें कार्रवाई'


ईटीवी भारत को टीचर अमित गुप्ता ने बताया कि उनका सिर्फ इतना कहना है कि वह सरकार से कोई आर्थिक सहायता नहीं चाहते, वह सिर्फ इतना चाहते हैं जैसे कि सरकार ने दिशा निर्देश जारी करते हुए अन्य गतिविधियां शुरू कराई हैं, ऐसे ही दिशा निर्देश जारी करते हुए प्राइवेट शिक्षण संस्थान को खोलने की इजाजत दी जाए, अगर हम सरकार के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हैं तो सरकार को हम पर कार्रवाई करनी चाहिए.






नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद के इंडिपेंडेंट प्राइवेट टीचर वेलफेयर एसोसिएशन से जुड़े टीचर प्राइवेट कोचिंग संस्थान को खोलने की मांग को लेकर आज गाजियाबाद जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय को ज्ञापन देने पहुंचे. ईटीवी भारत को इंडिपेंडेंट प्राइवेट टीचर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष जगदीश कुमार सिंह ने बताया कि जिलाधिकारी को ज्ञापन इसलिए देने आएं है कि सभी टीचर 1 या 2 कमरों में 10 से 12 बच्चों को पढ़ाते हैं, लेकिन लाॅकडाउन के कारण पिछले 4 महीने से कोचिंग संस्थान बंद है. जिससे कि इनके घर के खर्चे नहीं चल पा रहे हैं, घर में राशन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, क्योंकि यह पढ़ा नहीं रहे इसीलिए इनकी इनकम भी नहीं हो रही है. इसीलिए वह मुख्यमंत्री से चाहते हैं कि कुछ दिशा-निर्देश के साथ इनको भी कोचिंग संस्थान शुरू करने के आदेश दिए जाएं.

प्राइवेट टीचरों ने रखी कोचिंग सेंटर खोलने की मांग



'प्राइवेट संस्थान शुरू करने की दें इजाजत'

ईटीवी भारत को इंडिपेंडेंट प्राइवेट टीचर वेलफेयर एसोसिएशन के सेक्रेटरी अरुण शर्मा ने बताया कि वह सरकार को टीचरों की समस्याओं की ओर ध्यान दिलाना चाहते हैं कि फरवरी से कोई भी कोचिंग संस्थान नहीं चल रहे है. सरकारी टीचरों को सैलरी देना सरकार की जिम्मेदारी और पब्लिक स्कूल के टीचरों की सैलरी देना पब्लिक स्कूल की जिम्मेदारी, लेकिन हम प्राइवेट टीचर अपना गुजारा कैसे करें. अपने बच्चों को किस अनाथ आश्रम में ले जाएं, उनके लिए पिछले 4 महीने से कोई भी खाने पीने की व्यवस्था नहीं है, घर का खर्चा और किराया इतना ज्यादा हो चुका है कि वह उसको भी नहीं दे पा रहे हैं. इसलिए वह सरकार से गुजारिश करते हैं कि उनको 10-10 बच्चों का बैच पढ़ाने की इजाजत दी जाए.



'वर्चुअल और ऑनलाइन क्लासेज में फर्क'

इसके साथ ही उनका कहना है कि ऑनलाइन क्लासेज पढ़ना, हर बच्चे के बस की बात नहीं है, क्योंकि कहीं नेट की प्रॉब्लम तो किसी के पास स्मार्टफोन नहीं है. इसको लेकर काफी समस्याएं हैं और एक वर्चुअल और ओरिजिनल क्लास में काफी फर्क होता है.


'नियमों का उल्लंघन तो करें कार्रवाई'


ईटीवी भारत को टीचर अमित गुप्ता ने बताया कि उनका सिर्फ इतना कहना है कि वह सरकार से कोई आर्थिक सहायता नहीं चाहते, वह सिर्फ इतना चाहते हैं जैसे कि सरकार ने दिशा निर्देश जारी करते हुए अन्य गतिविधियां शुरू कराई हैं, ऐसे ही दिशा निर्देश जारी करते हुए प्राइवेट शिक्षण संस्थान को खोलने की इजाजत दी जाए, अगर हम सरकार के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हैं तो सरकार को हम पर कार्रवाई करनी चाहिए.






Last Updated : Jun 26, 2020, 10:55 PM IST
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