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गाजियाबाद: बढ़ते प्रदूषण के कारण अस्पताल में बढ़ी मरीजों की संख्या - गाजियाबाद धुंध की सफेद चादर से लिपटा रहा

गाजियाबाद में घरों में बैठे लोग भी प्रदूषण की मार झेल रहे हैं. रविवार को पूरे दिन में भी गाजियाबाद धुंध की सफेद चादर से लिपटा रहा. यूं तो पिछले कई दिनों से गाजियाबाद ने प्रदूषण के मामले में देश के अन्य शहरों को पछाड़ रखा है, लेकिन रविवार को हालात बेहद खराब रही.

गाजियाबाद में बढ़ते प्रदूषण
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Published : Nov 4, 2019, 8:35 AM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर रविवार को तीन साल में सबसे खराब स्तर पर पहुंच गया. जिसके कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है. यहां तक कि इस धुंध की चादर के कारण कई बीमारियां भी लोगों को हो रही है.

अस्पताल में बढ़ी मरीजों की संख्या

इसी क्रम में गाजियाबाद में घरों में बैठे लोग भी प्रदूषण की मार झेल रहे हैं. रविवार को पूरे दिन गाजियाबाद धुंध की सफेद चादर से लिपटा रहा. यूं तो पिछले कई दिनों से गाजियाबाद ने प्रदूषण के मामले में देश के अन्य शहरों को पछाड़ रखा है, लेकिन रविवार को हालात बेहद खराब रही. प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोग घरों में कैद होने को मजबूर रहे.

यहां तक कि लोग मास्क लगाकर ऑफिस में काम करने गए. वहीं पार्क में सैर करने जाने वाले लोग भी परेशान दिखे. उनका कहना था कि नियमित रूप से पार्क स्वच्छ वायु के लिए जाते हैं, लेकिन अब हालात खराब हैं. प्रदूषण के कारण आंखों में जलन, सांस लेने की परेशानी हो रही है. इस बारे में श्रेया हॉस्पिटल के फिजिशियन डॉ तनवीर ने कहा कि बढ़ते प्रदूषण के चलते अस्पताल आने वाले मरीजों की संख्या में लगभग 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर रविवार को तीन साल में सबसे खराब स्तर पर पहुंच गया. जिसके कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है. यहां तक कि इस धुंध की चादर के कारण कई बीमारियां भी लोगों को हो रही है.

अस्पताल में बढ़ी मरीजों की संख्या

इसी क्रम में गाजियाबाद में घरों में बैठे लोग भी प्रदूषण की मार झेल रहे हैं. रविवार को पूरे दिन गाजियाबाद धुंध की सफेद चादर से लिपटा रहा. यूं तो पिछले कई दिनों से गाजियाबाद ने प्रदूषण के मामले में देश के अन्य शहरों को पछाड़ रखा है, लेकिन रविवार को हालात बेहद खराब रही. प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोग घरों में कैद होने को मजबूर रहे.

यहां तक कि लोग मास्क लगाकर ऑफिस में काम करने गए. वहीं पार्क में सैर करने जाने वाले लोग भी परेशान दिखे. उनका कहना था कि नियमित रूप से पार्क स्वच्छ वायु के लिए जाते हैं, लेकिन अब हालात खराब हैं. प्रदूषण के कारण आंखों में जलन, सांस लेने की परेशानी हो रही है. इस बारे में श्रेया हॉस्पिटल के फिजिशियन डॉ तनवीर ने कहा कि बढ़ते प्रदूषण के चलते अस्पताल आने वाले मरीजों की संख्या में लगभग 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.

Intro:गाज़ियाबाद में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है। बाहर तो दूर घरों में बैठे लोग भी प्रदूषण की मार झेल रहे हैं। रविवार को तो पूरे दिन गाज़ियाबाद धुंध की सफेद चादर से लिपटा रहा। यूँ तो पिछले कई दिनों से गाज़ियाबाद ने प्रदूषण के मामले में देश के अन्य शहरों को पछाड़ रखा है, लेकिन रविवार को हालात बेहद खराब रहे। प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोग घरों में कैद होने को मजबूर रहे। यहां तक कि ऑफिस में काम करने वाले लोग भी मास्क लगाए रहे। वहीं, पार्क में सैर करने जाने वाले लोग भी परेशान दिखे। उनका कहना था कि नियमित रूप से पार्क स्वच्छ वायु के लिए जाते हैं लेकिन अब हालात खराब हैं। प्रदूषण के कारण लोग आंखों में जलन, गले व सांस लेने की परेशानी से जूझ रहे हैं। इस बारे में ईटीवी ने स्थानीय लोगों के साथ ही डॉक्टर से भी बात की। श्रेया हॉस्पिटल के फिजिशियन डॉ तनवीर ने कहा कि बढ़ते प्रदूषण के चलते अस्पताल आने वाले मरीजों की संख्या में लगभग 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। बाईट - डॉ तनवीर / फिजीशियन / श्रेया हॉस्पिटल बाईट - स्थानीय लोग बाईट - स्थानीय लोग बाईट - स्थानीय लोग


Body:गाज़ियाबाद में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है। बाहर तो दूर घरों में बैठे लोग भी प्रदूषण की मार झेल रहे हैं। रविवार को तो पूरे दिन गाज़ियाबाद धुंध की सफेद चादर से लिपटा रहा। यूँ तो पिछले कई दिनों से गाज़ियाबाद ने प्रदूषण के मामले में देश के अन्य शहरों को पछाड़ रखा है, लेकिन रविवार को हालात बेहद खराब रहे। प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोग घरों में कैद होने को मजबूर रहे। यहां तक कि ऑफिस में काम करने वाले लोग भी मास्क लगाए रहे। वहीं, पार्क में सैर करने जाने वाले लोग भी परेशान दिखे। उनका कहना था कि नियमित रूप से पार्क स्वच्छ वायु के लिए जाते हैं लेकिन अब हालात खराब हैं। प्रदूषण के कारण लोग आंखों में जलन, गले व सांस लेने की परेशानी से जूझ रहे हैं। इस बारे में ईटीवी ने स्थानीय लोगों के साथ ही डॉक्टर से भी बात की। श्रेया हॉस्पिटल के फिजिशियन डॉ तनवीर ने कहा कि बढ़ते प्रदूषण के चलते अस्पताल आने वाले मरीजों की संख्या में लगभग 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। बाईट - डॉ तनवीर / फिजीशियन / श्रेया हॉस्पिटल बाईट - स्थानीय लोग बाईट - स्थानीय लोग बाईट - स्थानीय लोग


Conclusion:गाज़ियाबाद में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है। बाहर तो दूर घरों में बैठे लोग भी प्रदूषण की मार झेल रहे हैं। रविवार को तो पूरे दिन गाज़ियाबाद धुंध की सफेद चादर से लिपटा रहा। यूँ तो पिछले कई दिनों से गाज़ियाबाद ने प्रदूषण के मामले में देश के अन्य शहरों को पछाड़ रखा है, लेकिन रविवार को हालात बेहद खराब रहे। प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोग घरों में कैद होने को मजबूर रहे। यहां तक कि ऑफिस में काम करने वाले लोग भी मास्क लगाए रहे। वहीं, पार्क में सैर करने जाने वाले लोग भी परेशान दिखे। उनका कहना था कि नियमित रूप से पार्क स्वच्छ वायु के लिए जाते हैं लेकिन अब हालात खराब हैं। प्रदूषण के कारण लोग आंखों में जलन, गले व सांस लेने की परेशानी से जूझ रहे हैं। इस बारे में ईटीवी ने स्थानीय लोगों के साथ ही डॉक्टर से भी बात की। श्रेया हॉस्पिटल के फिजिशियन डॉ तनवीर ने कहा कि बढ़ते प्रदूषण के चलते अस्पताल आने वाले मरीजों की संख्या में लगभग 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। बाईट - डॉ तनवीर / फिजीशियन / श्रेया हॉस्पिटल बाईट - स्थानीय लोग बाईट - स्थानीय लोग बाईट - स्थानीय लोग
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