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दिल की बीमारियों से कैसे बच सकते हैं युवा, जानिए एक्सपर्ट की एडवाइस

जो भी युवा कॉल सेंटर में जॉब करते है वे आजकल ज्यादातर दिल से संबंधी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. पहले ये बीमारियां सिर्फ उम्रदराज लोगों को होती थी. डॉक्टर की एकस्पर्ट एडवाइस से जानते है कैसे इनन बीमारियों से युवा बच सकते हैं.

how youth can avoid heart related diseases, know through expert advice
हृदय की बीमारियों से कैसे बचे जानिए
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Published : Jan 8, 2020, 10:20 AM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: आजकल का समय ऐसा है कि कॉल सेंटर लाइफस्टाइल यूथ को दिल का रोगी बना रहा है. यहीं वजह है कि पहले उम्रदराज़ लोग ही दिल से संबंधी रोगों के शिकार होते थे लेकिन बिगड़ी जीवनशैली के चलते युवा भी इस बीमारी की चपेट में धीरे-धीरे आ रहे हैं और तेजी से यह आंकड़ा बढ़ता चला जा रहा है.

हृदय की बीमारियों से कैसे बचें

ईटीवी भारत से गाजियाबाद के कौशाम्बी स्थित यशोदा हॉस्पिटल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. असित खन्ना ने बातचीत की.

अब 35 साल के युवा भी हो रहे हैं बीमार
पहले समय मे 55-60 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोग दिल के रोग की चपेट में आते थे. लेकिन अब 35 साल के युवा भी इस रोग का शिकार बन रहें हैं. उन्होंने बताया कि पहले के लोग इस बीमारी से बचे हुए थे पर अब नई पीढ़ी के लोग इस बीमारी के शिकार बनते जा रहे हैं. जानिए कैसे युवा कैसे इसका शिकार बन रहें हैं.

स्ट्रेस और बुरी आदतों से हो रहे शिकार
मसलन आज के समय मे युवा जॉब स्ट्रेस, अन्य तरह के तनाव, डायबीटीज़, हाइपर टेंशन, अल्कोहल और स्मोकिंग के सेवन आदि के शिकार हो जाते हैं जिसकी वजह से वे दिल सहित अन्य बीमारियों से घिर जाते हैं.

उम्रदराज़ लोगों के लिए परेशानी वाला मौसम है सर्दी
सर्दी का मौसम खासकर उम्र दराज़ लोगों और हृदय रोगियों के लिए परेशानी भरा होता है. ज़्यादा सर्दी में शरीर गर्माहट के लिए खून को गाढ़ा करती है जिससे हृदय में ब्लॉकेज होने, क्लोटिंग होने और इसके बाद पैरालाइज अटैक और हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है. आंकड़ों की बात करें तो सर्दी के मौसम में हृदय रोगियों की संख्या करीब 30 फीसद बढ़ जाती है.

इन बातों का रखें ध्यान

  • हार्ट पेशेंट हैं तो ज़्यादा सर्दी में बाहर निकलने से बचें.
  • ज़्यादा सीधी चढ़ने-उतारने से भी परहेज करें.
  • खुद को प्रदूषण से बचाएं.
  • हार्ट पेशेंट नही है तो नियमित एक्सरसाइज करें.
  • ठंड ज़्यादा है तो ज़्यादा कपड़े पहन के निकलें.
  • घर मे ट्रेड मिल का इस्तेमाल कर सकते हैं.
  • घर मे भी एक्सरसाइज या योग कर सकते हैं.
  • गुड़ की पट्टी, रेवड़ी, गज्जक आदि का ज़्यादा सेवन न करें.
  • संयमित खानपान का सेवन करें.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: आजकल का समय ऐसा है कि कॉल सेंटर लाइफस्टाइल यूथ को दिल का रोगी बना रहा है. यहीं वजह है कि पहले उम्रदराज़ लोग ही दिल से संबंधी रोगों के शिकार होते थे लेकिन बिगड़ी जीवनशैली के चलते युवा भी इस बीमारी की चपेट में धीरे-धीरे आ रहे हैं और तेजी से यह आंकड़ा बढ़ता चला जा रहा है.

हृदय की बीमारियों से कैसे बचें

ईटीवी भारत से गाजियाबाद के कौशाम्बी स्थित यशोदा हॉस्पिटल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. असित खन्ना ने बातचीत की.

अब 35 साल के युवा भी हो रहे हैं बीमार
पहले समय मे 55-60 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोग दिल के रोग की चपेट में आते थे. लेकिन अब 35 साल के युवा भी इस रोग का शिकार बन रहें हैं. उन्होंने बताया कि पहले के लोग इस बीमारी से बचे हुए थे पर अब नई पीढ़ी के लोग इस बीमारी के शिकार बनते जा रहे हैं. जानिए कैसे युवा कैसे इसका शिकार बन रहें हैं.

स्ट्रेस और बुरी आदतों से हो रहे शिकार
मसलन आज के समय मे युवा जॉब स्ट्रेस, अन्य तरह के तनाव, डायबीटीज़, हाइपर टेंशन, अल्कोहल और स्मोकिंग के सेवन आदि के शिकार हो जाते हैं जिसकी वजह से वे दिल सहित अन्य बीमारियों से घिर जाते हैं.

उम्रदराज़ लोगों के लिए परेशानी वाला मौसम है सर्दी
सर्दी का मौसम खासकर उम्र दराज़ लोगों और हृदय रोगियों के लिए परेशानी भरा होता है. ज़्यादा सर्दी में शरीर गर्माहट के लिए खून को गाढ़ा करती है जिससे हृदय में ब्लॉकेज होने, क्लोटिंग होने और इसके बाद पैरालाइज अटैक और हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है. आंकड़ों की बात करें तो सर्दी के मौसम में हृदय रोगियों की संख्या करीब 30 फीसद बढ़ जाती है.

इन बातों का रखें ध्यान

  • हार्ट पेशेंट हैं तो ज़्यादा सर्दी में बाहर निकलने से बचें.
  • ज़्यादा सीधी चढ़ने-उतारने से भी परहेज करें.
  • खुद को प्रदूषण से बचाएं.
  • हार्ट पेशेंट नही है तो नियमित एक्सरसाइज करें.
  • ठंड ज़्यादा है तो ज़्यादा कपड़े पहन के निकलें.
  • घर मे ट्रेड मिल का इस्तेमाल कर सकते हैं.
  • घर मे भी एक्सरसाइज या योग कर सकते हैं.
  • गुड़ की पट्टी, रेवड़ी, गज्जक आदि का ज़्यादा सेवन न करें.
  • संयमित खानपान का सेवन करें.
Intro:कॉल सेंटर लाइफस्टाइल यूथ को दिल का रोगी बना रहा है। यही कारण है कि पहले उम्रदराज़ लोग ही हृदय संबंधी रोगों के शिकार होते थे लेकिन बिगड़ी जीवनशैली के चलते युवा भी इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं और तेजी से यह आंकड़ा बढ़ता चला जा रहा है।

35 वर्ष के युवा भी इसकी चपेट में

ईटीवी भारत से बात करते हुए गाज़ियाबाद के कौशाम्बी स्थित यशोदा हॉस्पिटल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ असित खन्ना ने बताया कि पहले समय मे 55-60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोग हृदय रोग की चपेट में आते थे। लेकिन अब 35 वर्ष के युवा भी इस रोग का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि पहले के लोगों के इस बीमारी से बचे रहने के व नई पीढ़ी के इसकी चपेट में आने के कई कारण हैं।



Body:स्ट्रेस व बुरी आदतों से हो रहे शिकार

मसलन आज के समय मे युवा जॉब स्ट्रेस, अन्य तरह के तनाव, डायबीटीज़, हाइपर टेंशन, अल्कोहल व स्मोकिंग के सेवन आदि के शिकार हो जाते हैं जिसके कारण वह हृदय सहित अन्य बीमारियों से घिर जाते हैं।

उम्रदराज़ लोगों के लिए परेशानी वाला मौसम है सर्दी

सर्दी का मौसम खासकर उम्र दराज़ लोगों व हृदय रोगियों के लिए परेशानी भरा होता है। ज़्यादा सर्दी में शरीर गर्माहट के लिए खून को गाढ़ा करती है जिससे हृदय में ब्लॉकेज होने, क्लोटिंग होने व इसके बाद पैरालाइज अटैक व हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है। आंकड़ों की बात करें तो सर्दी के मौसम में हृदय रोगियों की संख्या करीब 30 फीसद बढ़ जाती है।Conclusion:इन बातों का रखें ध्यान

- हार्ट पेशेंट हैं तो ज़्यादा सर्दी में बाहर निकलने से बचें
- ज़्यादा सीधी चढ़ने-उतारने से भी परहेज करें
- खुद को प्रदूषण से बचाएं

- हार्ट पेशेंट नही है तो नियमित एक्सरसाइज करें
- ठंड ज़्यादा है तो ज़्यादा कपड़े पहन कर निकलें
- घर मे ट्रेड मिल का इस्तेमाल कर सकते हैं
- घर मे भी एक्सरसाइज या योग कर सकते हैं

गुड़ की पट्टी, रेवड़ी, गज्जक आदि का ज़्यादा सेवन न करें,
संयमित खानपान का सेवन करें

बाईट - डॉ असित खन्ना / वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ / यशोदा हॉस्पिटल, कौशाम्बी

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