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गाजियाबाद में घुट रहा है दम, गले में इंफेक्शन के मरीजों की संख्या में इजाफा

गाजियाबाद में गर्मी के साथ-साथ प्रदूषण का स्तर भी लगातार बढ़ता जा रहा है. हवा में एक तरह का धुंधलापन महसूस किया जा सकता है. जिससे लोगों को सांस लेने में परेशानी होने लगी है, और इस वक्त ENT डॉक्टर्स के पास गले में इन्फेक्शन की शिकायत वाले बहुत से मरीज आ रहे हैं

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Published : May 18, 2019, 12:39 PM IST

प्रदूषण बना रहा लोगों को बीमार

नई दिल्ली/गाजियाबाद: देश में प्रदूषण के मामले में अव्वल आए गाजियाबाद में लोग बीमारियों का शिकार हो रहे हैं. गले में इंफेक्शन के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. अस्पतालों में इंफेक्शन के मरीजों की संख्या को डॉक्टर्स चिंताजनक बता रहे हैं. लोगों को घर से निकलने से पहले कुछ एहतियात बरतने की सलाह दी जा रही है.

गाजियाबाद में बढ़े थ्रोट इंफेक्शन के मामले

गाजियाबाद में गर्मी के साथ-साथ प्रदूषण का स्तर भी लगातार बढ़ता जा रहा है. हवा में एक तरह का धुंधलापन महसूस किया जा सकता है. जिससे लोगों को सांस लेने में परेशानी होने लगी है. हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में गाजियाबाद को सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में शामिल किया गया है.

बढ़ रहे इंफेक्शन के मरीज
प्रदूषण के बढ़ते स्तर की वजह से गले में इंफेक्शन के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. डॉक्टर संजय बताते हैं कि सबसे ज्यादा मरीज गले में इंफेक्शन के आ रहे हैं और उनको एहतियात बरतने को कहा जा रहा है.

सभी से कहा जा रहा है कि घर से बाहर निकलते समय अपने चेहरे खासकर नाक और मुंह को ढककर ही निकले. क्योंकि प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा है.

इससे गले में इंफेक्शन का खतरा बन जाता है. बाद में यही इंफेक्शन बुखार और अन्य बीमारियों में तब्दील हो जाता है.

प्रदूषण बढ़ने के मुख्य कारण
जानकार बताते हैं कि गाजियाबाद में प्रदूषण बढ़ने की मुख्य वजह डीजल गाड़ियों की बढ़ती संख्या है. जिसको लेकर कोई प्लान तैयार नहीं हो पाया है.

इसके अलावा शहर में कूड़े को डंप करने के लिए भी कोई खास व्यवस्था नहीं है. इसी वजह से गाजियाबाद में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. इसके साथ ही कंस्ट्रक्शन वर्क के दौरान होने वाली लापरवाही और फैक्ट्रियों का धुआं भी प्रदूषण बढ़ा रहा है.

पुलिसकर्मी भी परेशान
रोड पर गाड़ियों का शोर और प्रदूषण का बढ़ता स्तर आम लोगों के साथ-साथ पुलिस वालों के काम में भी रुकावट बन रहा है. गाजियाबाद में प्रदूषण की वजह से ट्रैफिक कंटोल करना भी मुश्किल होता है. पुलिस वाले भी अपना चेहरा ढक कर ही काम कर रहे हैं.

बढ़ता प्रदूषण प्रशासन के सामने इस वक्त सबसे बड़ी चुनौती है, अब तक डंपिंग ग्राउंड की व्यवस्था नहीं हो पाई है. जिसकी वजह से शहर का कूड़ा सड़कों पर फेंका जा रहा है.

जानकार मानते हैं कि दिल्ली में जिस तरह से ऑड-इवन फार्मूला लगाया गया था, उससे डीजल के धुएं से लोगों को काफी राहत मिली थी. इसलिए इस पर दोबारा विचार किया जा सकता है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: देश में प्रदूषण के मामले में अव्वल आए गाजियाबाद में लोग बीमारियों का शिकार हो रहे हैं. गले में इंफेक्शन के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. अस्पतालों में इंफेक्शन के मरीजों की संख्या को डॉक्टर्स चिंताजनक बता रहे हैं. लोगों को घर से निकलने से पहले कुछ एहतियात बरतने की सलाह दी जा रही है.

गाजियाबाद में बढ़े थ्रोट इंफेक्शन के मामले

गाजियाबाद में गर्मी के साथ-साथ प्रदूषण का स्तर भी लगातार बढ़ता जा रहा है. हवा में एक तरह का धुंधलापन महसूस किया जा सकता है. जिससे लोगों को सांस लेने में परेशानी होने लगी है. हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में गाजियाबाद को सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में शामिल किया गया है.

बढ़ रहे इंफेक्शन के मरीज
प्रदूषण के बढ़ते स्तर की वजह से गले में इंफेक्शन के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. डॉक्टर संजय बताते हैं कि सबसे ज्यादा मरीज गले में इंफेक्शन के आ रहे हैं और उनको एहतियात बरतने को कहा जा रहा है.

सभी से कहा जा रहा है कि घर से बाहर निकलते समय अपने चेहरे खासकर नाक और मुंह को ढककर ही निकले. क्योंकि प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा है.

इससे गले में इंफेक्शन का खतरा बन जाता है. बाद में यही इंफेक्शन बुखार और अन्य बीमारियों में तब्दील हो जाता है.

प्रदूषण बढ़ने के मुख्य कारण
जानकार बताते हैं कि गाजियाबाद में प्रदूषण बढ़ने की मुख्य वजह डीजल गाड़ियों की बढ़ती संख्या है. जिसको लेकर कोई प्लान तैयार नहीं हो पाया है.

इसके अलावा शहर में कूड़े को डंप करने के लिए भी कोई खास व्यवस्था नहीं है. इसी वजह से गाजियाबाद में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. इसके साथ ही कंस्ट्रक्शन वर्क के दौरान होने वाली लापरवाही और फैक्ट्रियों का धुआं भी प्रदूषण बढ़ा रहा है.

पुलिसकर्मी भी परेशान
रोड पर गाड़ियों का शोर और प्रदूषण का बढ़ता स्तर आम लोगों के साथ-साथ पुलिस वालों के काम में भी रुकावट बन रहा है. गाजियाबाद में प्रदूषण की वजह से ट्रैफिक कंटोल करना भी मुश्किल होता है. पुलिस वाले भी अपना चेहरा ढक कर ही काम कर रहे हैं.

बढ़ता प्रदूषण प्रशासन के सामने इस वक्त सबसे बड़ी चुनौती है, अब तक डंपिंग ग्राउंड की व्यवस्था नहीं हो पाई है. जिसकी वजह से शहर का कूड़ा सड़कों पर फेंका जा रहा है.

जानकार मानते हैं कि दिल्ली में जिस तरह से ऑड-इवन फार्मूला लगाया गया था, उससे डीजल के धुएं से लोगों को काफी राहत मिली थी. इसलिए इस पर दोबारा विचार किया जा सकता है.



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गाजियाबाद। हाल ही में देश में प्रदूषण के मामले में फिर से अव्वल आए गाजियाबाद में एक खास तरह की बीमारी बढ़ने लगी है। इसके मरीज अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। इसकी कुछ खास वजह है। जो खुद आज आपको डॉक्टर बताएंगे। क्या है वह बीमारी और क्या है उससे बचने के लिए वह प्लान, जो प्रशासन को तैयार करना चाहिए। जानने के लिए पढिये पूरी खबर।

गाजियाबाद में गर्मी के साथ-साथ प्रदूषण का स्तर भी लगातार बढ़ता जा रहा है। फ़िज़ायों में एक तरह का धुंधलापन महसूस किया जा सकता है। जिससे लोगों को सांस लेने में परेशानी होने लगी है। सोमवार से पहले आई एक रिपोर्ट में एक बार फिर से पता चला था कि गाजियाबाद सबसे प्रदूषित शहरों में शुमार हो चुका है। इसकी कुछ वजह है।

प्रदूषण बढ़ने की मुख्य वजह

जानकार बताते हैं कि गाजियाबाद में प्रदूषण बढ़ने की कुछ मुख्य वजह है। जिन को कम करना बेहद जरूरी है। और वह प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती है। इनमें मुख्य रूप से डीजल की बढ़ती गाड़ियां हैं। जिसको लेकर कोई प्लान तैयार नहीं हो पाया है। इसके अलावा शहर में कूड़े को डंप करने के लिए भी कोई खास व्यवस्था नहीं है। इसी वजह से गाजियाबाद में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। इन मुख्य वजह के अलावा कुछ अन्य वजह हैं, जिस में कंस्ट्रक्शन वर्क के दौरान होने वाली लापरवाही और फैक्ट्रियों का धुआं भी शामिल है।


प्रदूषण की वजह से बढ़ रही खास बीमारी से ग्रस्त मरीजों की संख्या।

प्रदूषण के बढ़ते स्तर की वजह से गले में इन्फेक्शन के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। डॉक्टर संजय से जब हमने बात की तो उनका कहना है सबसे ज्यादा मरीज गले में इन्फेक्शन के आ रहे हैं। और उनको प्रेस क्राइब किया जा रहा है। और एहतियात बरतने को कहा जा रहा है। सभी से कहा जा रहा है कि घर से बाहर निकलते समय अपने चेहरे खासकर नाक और मुंह को ढककर ही निकले। क्योंकि प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा है। इससे गले में इंफेक्शन का खतरा बन जाता है।और बाद में यही इनफेक्शन बुखार और अन्य बीमारियों में तब्दील हो जाता है।

बाइट डॉक्टर संजय

आम लोगों के साथ-साथ पुलिस वाले भी परेशान

रोड पर गाड़ियों का शोर और प्रदूषण का बढ़ता स्तर आम लोगों के साथ-साथ पुलिस वालों के कार्य में भी बाधा बन रहा है। गाजियाबाद में हमने कुछ पुलिस वालों से बात की तो उनका कहना है कि रोड पर ट्रैफिक संभालना या कानून व्यवस्था संभालते समय प्रदूषण के बढ़ते स्तर की वजह से काफी ज्यादा परेशानी होती है। पुलिस वाले भी अपना चेहरा ढक कर ही काम कर रहे हैं। वहीं आम लोगों का भी कहना है कि बढ़ते प्रदूषण की वजह से काफी ज्यादा परेशानी हो रही है।

बाइट आम लोग 
बाइट पुलिस वाले

जाहिर है यह बढ़ता हुआ पॉल्यूशन प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती बन गया है। अब तक डंपिंग ग्राउंड की व्यवस्था नहीं हो पाई है। जिसकी वजह से शहर का कूड़ा जहां तहां फेंका जा रहा है। सबसे पहले इस पर ध्यान देने की जरूरत है। दिल्ली में बहुत पहले ऑड इवन का फार्मूला लगाया गया था। जिससे डीजल के धुए से लोगों को राहत मिली थी। जानकार उस पर भी विचार करने की बात कह रहे हैं। इसके अलावा अवैध रूप से चल रही फैक्ट्रियों पर भी लगाम लगाना बेहद जरूरी है, तो वही अवैध रूप से हो रहे कंस्ट्रक्शन साइट पर फैलने वाले प्रदूषण को भी रोकने में प्रशासन अभी नाकाम साबित हुआ है। और इस सब की वजह से आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।




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