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सड़क से 35 मीटर ऊपर उड़कर करेंगे गाजियाबाद के लोग सफर, जानिये क्या है परियोजना

आमतौर पर पहाड़ी एरिया में इस तरह के रोपवे या ट्रॉली देखे जाते हैं, जो हवा में उड़ते हैं. यह सफर काफी एडवेंचर भरा होता है. ऐसे ही सफर का लुत्फ अब गाजियाबाद के लोग भी उठाने वाले हैं. इससे यात्रियों के सफर का समय भी बचेगा.

ghaziabad ropeway
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Published : Oct 5, 2021, 11:35 AM IST

नई दिल्ली/गाजियाबादः जिले में जल्द लोगों को एक ऐसे ट्रांसपोर्ट की सौगात मिलने जा रही है, जिसके माध्यम से मेट्रो स्टेशन तक पहुंचने के लिए लोग आसमान में उड़ने जैसा रोमांचक सफर कर पाएंगे. जी हां यहां बात उड़नखटोले यानी रोपवे की हो रही है. आइए बताते हैं, कि अब गाजियाबाद के लोग कैसे सड़क से करीब 35 मीटर ऊपर हवा में चलने वाली ट्रॉली का सफर कर पाएंगे.


दरअसल, गाजियाबाद में मोहन नगर मेट्रो स्टेशन को वैशाली मेट्रो स्टेशन से जोड़ने को लेकर कई बार मंथन हो चुका है. कई बार यह बात कहीं गई थीं कि जो यात्री मोहन नगर मेट्रो स्टेशन पर उतरते हैं, उन्हें वैशाली मेट्रो स्टेशन तक पहुंचाने के लिए मेट्रो की लाइन को कनेक्ट किया जाए, लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं हो पाया. लोगों को अभी जाम से जूझते हुए ऑटो या बस का सफर मोहन नगर से वैशाली के बीच करना पड़ता है. तब जाकर उन्हें इन दोनों मेट्रो स्टेशन से आपस में कनेक्ट होना पड़ता है. जीडीए ने फिलहाल इसका एक अलग तरीका निकाल दिया है. मोहन नगर मेट्रो स्टेशन से वैशाली मेट्रो स्टेशन के बीच के करीब साढ़े पांच किलोमीटर लंबे रूट पर रोपवे बनाने की योजना की औपचारिकताएं पूरी कर ली गई है. रोपवे का मतलब आसान शब्दों में बताएं, तो यह एक तरह की ट्रॉली होती है, जो जमीन से करीब 35 मीटर ऊपर मोटे वायर पर चलती है.

ghaziabad ropeway

आमतौर पर पहाड़ी एरिया में इस तरह के रोपवे या ट्रॉली देखे जाते हैं, जो हवा में उड़ते हैं. यह सफर काफी एडवेंचर भरा होता है. जीडीए के अधिकारी बताते हैं कि मोहन नगर से वैशाली और वैशाली से मोहन नगर के बीच चलने वाली हवाई ट्रॉली का सफर काफी रोमांच भरा होगा. फ़िलहाल, वैशाली से मोहन नगर या मोहन नगर से वैशाली जाने में लोगों को जाम का सामना करना पड़ता है. इस वजह से सफर करीब आधे घंटे का हो जाता है. रोपवे की शुरुआत के बाद यह सफर कुछ मिनट का हो जाएगा. मेट्रो स्टेशन से ही रोपवे की व्यवस्था की जाएगी. एक बार में ट्रॉली में करीब 10 लोग बैठ पाएंगे. हर 10 से 20 सेकेंड पर मोहन नगर और वैशाली मेट्रो स्टेशन से ट्रॉली की सुविधा उपलब्ध होगी. सड़क से 35 मीटर ऊपर वायर पर दौड़ने वाली ट्रॉली में बैठने का अनुभव भी काफी अलग होगा. पहली बार शहरी क्षेत्र में इस तरह के अनुभव को किया जा सकेगा. जिन यात्रियों को मेट्रो स्टेशन तक नहीं जाना है, उनके लिए वसुंधरा और साहिबाबाद गांव के पास भी स्टॉपेज दिया जाएगा.



ये भी पढ़ें-गाजियाबाद: 2 अक्टूबर को गाजीपुर बॉर्डर का नाम रखा गया था 'किसान क्रांति गेट', जानिए पूरा मामला...



जीडीए के अधिकारियों ने बताया कि इसके लिए सभी औपचारिकताएं पूरी हो गई हैं. 460 करोड रुपये की अनुमानित लागत से कार्य शुरू किया जाएगा. इसका शिलान्यास नवंबर में दिवाली के आसपास हो सकता है. कार्य पूरा होने के लिए साल 2024 तक का इंतजार करना होगा. यह सफर मेट्रो से सस्ता होगा. प्रोजेक्ट की लागत भी मेट्रो की लागत से काफी कम पड़ रही है.

नई दिल्ली/गाजियाबादः जिले में जल्द लोगों को एक ऐसे ट्रांसपोर्ट की सौगात मिलने जा रही है, जिसके माध्यम से मेट्रो स्टेशन तक पहुंचने के लिए लोग आसमान में उड़ने जैसा रोमांचक सफर कर पाएंगे. जी हां यहां बात उड़नखटोले यानी रोपवे की हो रही है. आइए बताते हैं, कि अब गाजियाबाद के लोग कैसे सड़क से करीब 35 मीटर ऊपर हवा में चलने वाली ट्रॉली का सफर कर पाएंगे.


दरअसल, गाजियाबाद में मोहन नगर मेट्रो स्टेशन को वैशाली मेट्रो स्टेशन से जोड़ने को लेकर कई बार मंथन हो चुका है. कई बार यह बात कहीं गई थीं कि जो यात्री मोहन नगर मेट्रो स्टेशन पर उतरते हैं, उन्हें वैशाली मेट्रो स्टेशन तक पहुंचाने के लिए मेट्रो की लाइन को कनेक्ट किया जाए, लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं हो पाया. लोगों को अभी जाम से जूझते हुए ऑटो या बस का सफर मोहन नगर से वैशाली के बीच करना पड़ता है. तब जाकर उन्हें इन दोनों मेट्रो स्टेशन से आपस में कनेक्ट होना पड़ता है. जीडीए ने फिलहाल इसका एक अलग तरीका निकाल दिया है. मोहन नगर मेट्रो स्टेशन से वैशाली मेट्रो स्टेशन के बीच के करीब साढ़े पांच किलोमीटर लंबे रूट पर रोपवे बनाने की योजना की औपचारिकताएं पूरी कर ली गई है. रोपवे का मतलब आसान शब्दों में बताएं, तो यह एक तरह की ट्रॉली होती है, जो जमीन से करीब 35 मीटर ऊपर मोटे वायर पर चलती है.

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आमतौर पर पहाड़ी एरिया में इस तरह के रोपवे या ट्रॉली देखे जाते हैं, जो हवा में उड़ते हैं. यह सफर काफी एडवेंचर भरा होता है. जीडीए के अधिकारी बताते हैं कि मोहन नगर से वैशाली और वैशाली से मोहन नगर के बीच चलने वाली हवाई ट्रॉली का सफर काफी रोमांच भरा होगा. फ़िलहाल, वैशाली से मोहन नगर या मोहन नगर से वैशाली जाने में लोगों को जाम का सामना करना पड़ता है. इस वजह से सफर करीब आधे घंटे का हो जाता है. रोपवे की शुरुआत के बाद यह सफर कुछ मिनट का हो जाएगा. मेट्रो स्टेशन से ही रोपवे की व्यवस्था की जाएगी. एक बार में ट्रॉली में करीब 10 लोग बैठ पाएंगे. हर 10 से 20 सेकेंड पर मोहन नगर और वैशाली मेट्रो स्टेशन से ट्रॉली की सुविधा उपलब्ध होगी. सड़क से 35 मीटर ऊपर वायर पर दौड़ने वाली ट्रॉली में बैठने का अनुभव भी काफी अलग होगा. पहली बार शहरी क्षेत्र में इस तरह के अनुभव को किया जा सकेगा. जिन यात्रियों को मेट्रो स्टेशन तक नहीं जाना है, उनके लिए वसुंधरा और साहिबाबाद गांव के पास भी स्टॉपेज दिया जाएगा.



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जीडीए के अधिकारियों ने बताया कि इसके लिए सभी औपचारिकताएं पूरी हो गई हैं. 460 करोड रुपये की अनुमानित लागत से कार्य शुरू किया जाएगा. इसका शिलान्यास नवंबर में दिवाली के आसपास हो सकता है. कार्य पूरा होने के लिए साल 2024 तक का इंतजार करना होगा. यह सफर मेट्रो से सस्ता होगा. प्रोजेक्ट की लागत भी मेट्रो की लागत से काफी कम पड़ रही है.

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