नई दिल्ली/गाजियाबादः कोविड-19 वैश्विक महामारी को लेकर किए गए लॉकडाउन के चलते कुम्हारों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. गर्मी के मौसम में भी मिट्टी के बर्तनों की बिक्री ठीक प्रकार से नहीं हो पाई. दिवाली के त्यौहार से पहले कुम्हारों को अच्छी खासी कमाई की आस थी, लेकिन इस बार दिवाली पर बाजार ठंडा पड़ा हुआ है. जिसको लेकर कुमार काफी चिंतित नजर आ रहे हैं.
भारत चीन सीमा विवाद को लेकर देश में चीनी सामानों के बहिष्कार के बाद कुम्हारों को इस बार दिवाली के त्यौहार पर दीयो आदि की बिक्री की खासा उम्मीद थी, लेकिन त्योहार पर भी कुम्हारों की बिक्री ठीक प्रकार से नहीं हो पाई है. गाजियाबाद के नवयुग मार्केट स्थित कुमार वाली गली में ईटीवी भारत की टीम ने पहुंचकर कुम्हारों से बातचीत की और यह जानने की कोशिश की है कि इस बार दिवाली पर बाजार के क्या हालात हैं.
कुम्हारों का कहना था कि इस बार दिवाली पर बाजार ठंडा पड़ा हुआ है. कोरोना के चलते लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. ऐसे में इसका असर उनके काम पर भी पड़ रहा है. बीते सालों के मुकाबले इस बार दियों और मिट्टी आदि के सामान बिक्री तकरीबन 20 से 40% कम है.
कुम्हारों ने की थी खास तैयारियां
कुम्हारों ने दीवाली के त्यौहार को लेकर खासा तैयारियां की थी अलग-अलग प्रकार के लिए बनाए थे, लेकिन उस हिसाब से बाजार में उनके सामान की खपत नहीं हो पा रही है. आमतौर पर जो लोग अधिक मात्रा में दिवाली की खरीदारी किया करते थे, वह कम मात्रा में खरीदारी कर रहे हैं जिसका सीधा असर कुम्हारों के काम धंधों पर पड़ता नजर आ रहा है.