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गाजियाबादः PFI बैन के बाद अलर्ट पर पुलिस, जुमे की नमाज के लिए अतिरिक्त फोर्स तैनात - पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर पांच साल का बैन

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India- PFI) पर लगे पांच के बैन के बाद गाजियाबाद में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. जुमे की नमाज के लिए क्षेत्र में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है. किसी तरह की अफवाह न फैले, इसके लिए सोशल मीडिया पर भी साइबर सेल निगाह बनाए हुए हैं.

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Published : Sep 29, 2022, 3:20 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबादः पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India - PFI) पर लगे पांच साल के बैन के बाद पश्चिमी यूपी में हाई अलर्ट घोषित है. पीएफआई का मुख्य कनेक्शन पश्चिमी यूपी में पाया गया, जिसमें गाजियाबाद का कलछीना गांव शामिल है. इसी के चलते गाजियाबाद में कल यानी शुक्रवार को होने वाली जुमे की नमाज को लेकर अतिरिक्त तैयारी की गई है. सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम में इजाफा किया गया है. गाजियाबाद के कलछीना गांव समेत संवेदनशील इलाकों में आसमान से लेकर जमीन तक निगरानी की जा रही है.

एसएसपी मुनिराज का कहना है कि जिला गाजियाबाद में शासन स्तर पर जो अलर्ट मिला है. उसके चलते सेक्टर स्कीम लागू की जा रही है. एडीएम और तमाम अधिकारी अलग-अलग सेक्टर में भ्रमण पर रहेंगे. क्षेत्राधिकारी और इंस्पेक्टर की ड्यूटी भी हर स्तर पर लगाई गई है. शाम के समय फुट पेट्रोलिंग और फ्लैग मार्च होगा. इसके अलावा ड्रोन से भी नजर रखी जाएगी.

PFI बैन के बाद अलर्ट पर गाजियाबाद पुलिस

एसएसपी ने कहा कि खुद पूरे मामले की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. जो अलर्ट आता है, उस पर हमेशा पुलिस खरी उतरी है. इस वाले अलर्ट पर भी पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है. एसएससी मुनिराज ने कहा कि इससे संबंधित जो भी एक्टिविटी पूर्व में भी हुई थी, उसमें भी संबंधित सर्विलांस हमेशा रहा है. रूटीन प्रक्रिया के तहत भी हमारा काम चलता रहता है. गाजियाबाद का माहौल पूरी तरह से शांतिपूर्ण बना हुआ है. जानकारी के मुताबिक ड्रोन कैमरा की संख्या में इजाफा किया गया है.

संवेदनशील इलाकों में छतों पर नजरः बता दें, पीएफआई का कनेक्शन गाजियाबाद के कलछीना गांव से पाया गया था, जहां से कई संदिग्ध हिरासत में लिए गए थे. कलछीना गांव के अलावा मसूरी, मुरादनगर और मोदीनगर के आसपास के हिस्से इस लिहाज से काफी संवेदनशील है. संवेदनशील इलाकों में ड्रोन की मदद से घरों की छतों पर निगरानी की जा रही है. इस बात को सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी आपत्तिजनक सामान तो कहीं छतों पर एकत्रित नहीं किया जा रहा है. सभी प्रदर्शन और लोगों की भीड़ एकत्रित होने के मामलों पर भी विशेष निगाह रखी जा रही है.

पीस मीटिंग भी की गईः पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पूर्व से ही लगातार हर त्योहार पर पीस कमेटी के साथ बैठक होती रहती है. अलग-अलग समुदायों के साथ बैठक करके उनसे हर विषय में चर्चा करते रहते हैं. शांति व्यवस्था कायम करने में स्थानीय लोग भी पुलिस की मदद करते हैं, जिससे माहौल पूरी तरह से शांतिपूर्ण बना हुआ है.

ये भी पढ़ेंः केरल सरकार भी पीएफआई को प्रतिबंधित करने के लिए उठाएगी कड़े कदम

सोशल मीडिया पर भी नजरः संवेदनशील इलाकों के अलावा सोशल मीडिया पर भी पूरी निगरानी की जा रही है. सोशल मीडिया पर किसी भी तरह का आपत्तिजनक पोस्ट करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. अफवाह फैलाने वालों पर साइबर सेल पूरी तरह से नजर रख रहा है.

नई दिल्ली/गाजियाबादः पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India - PFI) पर लगे पांच साल के बैन के बाद पश्चिमी यूपी में हाई अलर्ट घोषित है. पीएफआई का मुख्य कनेक्शन पश्चिमी यूपी में पाया गया, जिसमें गाजियाबाद का कलछीना गांव शामिल है. इसी के चलते गाजियाबाद में कल यानी शुक्रवार को होने वाली जुमे की नमाज को लेकर अतिरिक्त तैयारी की गई है. सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम में इजाफा किया गया है. गाजियाबाद के कलछीना गांव समेत संवेदनशील इलाकों में आसमान से लेकर जमीन तक निगरानी की जा रही है.

एसएसपी मुनिराज का कहना है कि जिला गाजियाबाद में शासन स्तर पर जो अलर्ट मिला है. उसके चलते सेक्टर स्कीम लागू की जा रही है. एडीएम और तमाम अधिकारी अलग-अलग सेक्टर में भ्रमण पर रहेंगे. क्षेत्राधिकारी और इंस्पेक्टर की ड्यूटी भी हर स्तर पर लगाई गई है. शाम के समय फुट पेट्रोलिंग और फ्लैग मार्च होगा. इसके अलावा ड्रोन से भी नजर रखी जाएगी.

PFI बैन के बाद अलर्ट पर गाजियाबाद पुलिस

एसएसपी ने कहा कि खुद पूरे मामले की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. जो अलर्ट आता है, उस पर हमेशा पुलिस खरी उतरी है. इस वाले अलर्ट पर भी पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है. एसएससी मुनिराज ने कहा कि इससे संबंधित जो भी एक्टिविटी पूर्व में भी हुई थी, उसमें भी संबंधित सर्विलांस हमेशा रहा है. रूटीन प्रक्रिया के तहत भी हमारा काम चलता रहता है. गाजियाबाद का माहौल पूरी तरह से शांतिपूर्ण बना हुआ है. जानकारी के मुताबिक ड्रोन कैमरा की संख्या में इजाफा किया गया है.

संवेदनशील इलाकों में छतों पर नजरः बता दें, पीएफआई का कनेक्शन गाजियाबाद के कलछीना गांव से पाया गया था, जहां से कई संदिग्ध हिरासत में लिए गए थे. कलछीना गांव के अलावा मसूरी, मुरादनगर और मोदीनगर के आसपास के हिस्से इस लिहाज से काफी संवेदनशील है. संवेदनशील इलाकों में ड्रोन की मदद से घरों की छतों पर निगरानी की जा रही है. इस बात को सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी आपत्तिजनक सामान तो कहीं छतों पर एकत्रित नहीं किया जा रहा है. सभी प्रदर्शन और लोगों की भीड़ एकत्रित होने के मामलों पर भी विशेष निगाह रखी जा रही है.

पीस मीटिंग भी की गईः पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पूर्व से ही लगातार हर त्योहार पर पीस कमेटी के साथ बैठक होती रहती है. अलग-अलग समुदायों के साथ बैठक करके उनसे हर विषय में चर्चा करते रहते हैं. शांति व्यवस्था कायम करने में स्थानीय लोग भी पुलिस की मदद करते हैं, जिससे माहौल पूरी तरह से शांतिपूर्ण बना हुआ है.

ये भी पढ़ेंः केरल सरकार भी पीएफआई को प्रतिबंधित करने के लिए उठाएगी कड़े कदम

सोशल मीडिया पर भी नजरः संवेदनशील इलाकों के अलावा सोशल मीडिया पर भी पूरी निगरानी की जा रही है. सोशल मीडिया पर किसी भी तरह का आपत्तिजनक पोस्ट करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. अफवाह फैलाने वालों पर साइबर सेल पूरी तरह से नजर रख रहा है.

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