नई दिल्ली/गाजियाबाद : डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती गिरी को पुलिस और प्रशासन ने एक नोटिस भेजा है, जिसमें उन्हें जामा मस्जिद नहीं जाने के लिए हिदायत दी गई है. दरअसल नरसिंहानंद सरस्वती गिरी ने एलान किया है कि वह 17 जून को कुछ इस्लामिक किताबें, लैपटॉप और पेन ड्राइव लेकर जामा मस्जिद जाएंगे और वहां के मौलवियों को किताबों में लिखी बातों से अवगत कराएंगे.
पुलिस प्रशासन को जब इसकी जानकारी मिली ताे नरसिंहानंद सरस्वती को नोटिस भेजा. नोटिस में कहा गया है कि नरसिंहानंद सरस्वती के इस कदम से तनाव बढ़ने की आशंका है. उनको हिदायत दी गई है कि ऐसा न करें. अगर ऐसा किया गया तो उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. दरअसल गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर के महंत और महामंडलेश्वर नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा है कि वह 17 जून को जामा मस्जिद जाएंगे.
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उन्होंने यह भी बताया कि जैसे ही जामा मस्जिद जाने की बात कही उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही है. उन्होंने कहा कि उन्हें मौत से डर नहीं लगता. उन्होंने बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा का समर्थन करते हुए जामा मस्जिद जाने की बात कही है. हालांकि नोटिस को मिलने के बाद महंत ने फिर से बयान जारी किया. उनका कहना है कि वे अकेले जा रहे हैं. सिर्फ किताब और कंप्यूटर लेकर जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं फिर से जेल जाने को तैयार हूं और मरने के लिए भी तैयार हूं. उन्होंने कहा कि वे इस नोटिस का विरोध करते हैं.
नोटिस मिलने पर क्या बोले महंतः
उपरोक्त सभी बातें सोशल मीडिया पर भी आ गईं, जिसका संज्ञान जिला प्रशासन और पुलिस ने लिया. इसके बाद मसूरी पुलिस के माध्यम से एक नोटिस भेजा गया. जिस पर जिला मजिस्ट्रेट की मुहर लगी है. नोटिस में हिदायत दी गई है कि वह जो कह रहे हैं, उससे तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. दो समुदायाें में तनाव हो सकता है. अगर वह जाते हैं तो उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
एक तरफ महंत नरसिंहानंद सरस्वती गिरी कह रहे हैं कि वह जामा मस्जिद जाकर रहेंगे. चूंकि वह नोटिस का विरोध कर रहे हैं, ऐसे में पुलिस के लिए चुनौती बढ़ जाती है. पहले से ही डासना देवी मंदिर के आसपास सुरक्षा व्यवस्था तैनात है.