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गाजियाबाद: नाइजीरियाई युवक की मौत मामले में एम्बेसी को दी गई जानकारी

गाजियाबाद के नंद ग्राम (Nand Gram) में चोरी छिपे रह रहे नाइजीरियाई युवक की संदिग्ध मौत के मामले (Nigeria Youth Suspected Death Case) में एफआईआर और गिरफ्तारी की जानकारी पुलिस (Ghaziabad Police) ने एम्बेसी को दे दी है.

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Published : Jun 24, 2021, 10:37 PM IST

ghaziabad police informed the embassy in the case of death of nigerian youth
नाइजीरियाई युवक की संदिग्ध मौत

नई दिल्ली/गाजियाबाद: नंदग्राम (Nand Gram) थाना क्षेत्र की सोसाइटी में रह रहे नाइजीरिया युवक की संदिग्ध मौत के मामले (Nigeria youth suspected death case) में एंबेसी (Embassy) ने पुलिस से जानकारी मांगी. जिसके जवाब में पुलिस ने एम्बेसी को बताया है कि मामले में एक एफआईआर दर्ज की गई है. एफआईआर के बाद उस किराएदार को गिरफ्तार किया गया है, जिसने नाइजीरियाई युवक को अपने साथ सोसायटी के फ्लैट में बतौर पेइंग गेस्ट रखा था.

किराएदार पर आरोप है कि उसने पुलिस और सोसायटी के अलावा मकान मालिक तक को इस बात की जानकारी नहीं दी थी, कि वो अपने साथ एक नाइजीरियाई व्यक्ति को रख रहा है. नाइजीरियाई व्यक्ति की बीमार होने से दिल्ली के अस्पताल मौत हो गई थी. कहा जा रहा था कि वह कई दिनों से भूखा भी था.


कमाई के लिए बेरोजगार किराएदार ने छिपाई बात

पुलिस ने मामले में राहुल नाम के जिस किराएदार को गिरफ्तार किया है. उसने संबंधित सोसाइटी में पहले से मकान किराए पर ले रखा था. बताया जा रहा है कि कोरोना काल में किराएदार राहुल के पास आर्थिक तंगी हो गई थी. जिसके चलते उसने नाइजीरियाई व्यक्ति को अपने साथ रख लिया था.

राहुल चाहता था कि नाइजीरियाई व्यक्ति (Nigeria Youth) उसे हर महीने इसके एवज में कुछ रुपए देता रहे, लेकिन नियम कहता है कि इस बात की जानकारी राहुल के द्वारा मकान मालिक को भी दी जानी चाहिए थी. यही नहीं सोसाइटी और पुलिस को भी अवगत कराया जाना चाहिए था. मगर ऐसा नहीं किया गया. 3 दिन पहले जब नाइजीरियाई व्यक्ति बेसुध हालत में मिला, तो उसे पास के एपेक्स अस्पताल ले जाया गया था. जहां से दिल्ली रेफर कर दिया गया.

शुरू में पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की थी

दिल्ली के अस्पताल में नाइजीरियाई व्यक्ति (Nigeria Youth) की मौत हो गई थी. उसके बाद शुरू में पुलिस ने कोई एफआईआर दर्ज नहीं की थी, लेकिन एंबेसी को मामले की सूचना दे दी गई थी. बाद में पुलिस को मकान मालिक से शिकायत मिली थी, जिस पर मुकदमा दर्ज किया गया. पुलिस ने बताया था कि नाइजीरियाई व्यक्ति बीमार था और उसने बीमार होने के चलते कई दिनों से कुछ नहीं खाया था.


मामले की अंतरराष्ट्रीय गंभीरता

जाहिर है कि मामले में सवाल यह उठ रहा है कि राहुल द्वारा इस बात की जानकारी छिपाने के पीछे मकसद क्या था. साथ ही नाइजीरियाई व्यक्ति ने भी इस बात की जानकारी क्यों किसी को नहीं दी कि वह यहां रह रहा है. नियम के मुताबिक इस बात की जानकारी सोसाइटी के अलावा पुलिस को भी होनी चाहिए कि कोई विदेशी किसी व्यक्ति के साथ रह रहा है.

ये भी पढ़ें-गाजियाबाद: नाइजीरियाई युवक की मौत, एंबेसी को दी गई जानकारी

मामले में एंबेसी ने जब पुलिस से जानकारी मांगी तो पुलिस ने राहुल और मृतक से संबंधित सभी जानकारी एंबेसी को उपलब्ध करा दी है. पुलिस इस मामले में बाकी के सवालों के जवाब की तलाश कर रही है.


ये भी पढ़ें-नोएडा में नाइजीरियाई युवक ने मासूम बेटी की जान ली, गिरफ्तार


ये भी पढ़ें-2 नाइजीरियाई नागरिकों की गिरफ्तारी के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के लिए मांगी अनुमति

नई दिल्ली/गाजियाबाद: नंदग्राम (Nand Gram) थाना क्षेत्र की सोसाइटी में रह रहे नाइजीरिया युवक की संदिग्ध मौत के मामले (Nigeria youth suspected death case) में एंबेसी (Embassy) ने पुलिस से जानकारी मांगी. जिसके जवाब में पुलिस ने एम्बेसी को बताया है कि मामले में एक एफआईआर दर्ज की गई है. एफआईआर के बाद उस किराएदार को गिरफ्तार किया गया है, जिसने नाइजीरियाई युवक को अपने साथ सोसायटी के फ्लैट में बतौर पेइंग गेस्ट रखा था.

किराएदार पर आरोप है कि उसने पुलिस और सोसायटी के अलावा मकान मालिक तक को इस बात की जानकारी नहीं दी थी, कि वो अपने साथ एक नाइजीरियाई व्यक्ति को रख रहा है. नाइजीरियाई व्यक्ति की बीमार होने से दिल्ली के अस्पताल मौत हो गई थी. कहा जा रहा था कि वह कई दिनों से भूखा भी था.


कमाई के लिए बेरोजगार किराएदार ने छिपाई बात

पुलिस ने मामले में राहुल नाम के जिस किराएदार को गिरफ्तार किया है. उसने संबंधित सोसाइटी में पहले से मकान किराए पर ले रखा था. बताया जा रहा है कि कोरोना काल में किराएदार राहुल के पास आर्थिक तंगी हो गई थी. जिसके चलते उसने नाइजीरियाई व्यक्ति को अपने साथ रख लिया था.

राहुल चाहता था कि नाइजीरियाई व्यक्ति (Nigeria Youth) उसे हर महीने इसके एवज में कुछ रुपए देता रहे, लेकिन नियम कहता है कि इस बात की जानकारी राहुल के द्वारा मकान मालिक को भी दी जानी चाहिए थी. यही नहीं सोसाइटी और पुलिस को भी अवगत कराया जाना चाहिए था. मगर ऐसा नहीं किया गया. 3 दिन पहले जब नाइजीरियाई व्यक्ति बेसुध हालत में मिला, तो उसे पास के एपेक्स अस्पताल ले जाया गया था. जहां से दिल्ली रेफर कर दिया गया.

शुरू में पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की थी

दिल्ली के अस्पताल में नाइजीरियाई व्यक्ति (Nigeria Youth) की मौत हो गई थी. उसके बाद शुरू में पुलिस ने कोई एफआईआर दर्ज नहीं की थी, लेकिन एंबेसी को मामले की सूचना दे दी गई थी. बाद में पुलिस को मकान मालिक से शिकायत मिली थी, जिस पर मुकदमा दर्ज किया गया. पुलिस ने बताया था कि नाइजीरियाई व्यक्ति बीमार था और उसने बीमार होने के चलते कई दिनों से कुछ नहीं खाया था.


मामले की अंतरराष्ट्रीय गंभीरता

जाहिर है कि मामले में सवाल यह उठ रहा है कि राहुल द्वारा इस बात की जानकारी छिपाने के पीछे मकसद क्या था. साथ ही नाइजीरियाई व्यक्ति ने भी इस बात की जानकारी क्यों किसी को नहीं दी कि वह यहां रह रहा है. नियम के मुताबिक इस बात की जानकारी सोसाइटी के अलावा पुलिस को भी होनी चाहिए कि कोई विदेशी किसी व्यक्ति के साथ रह रहा है.

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मामले में एंबेसी ने जब पुलिस से जानकारी मांगी तो पुलिस ने राहुल और मृतक से संबंधित सभी जानकारी एंबेसी को उपलब्ध करा दी है. पुलिस इस मामले में बाकी के सवालों के जवाब की तलाश कर रही है.


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