ETV Bharat / city

गाजियाबाद: अजब चोरों की गजब कहानी, इनके लिए बड़ी गाड़ी बंदर, तो छोटी गाड़ी है चिड़िया

इंदिरापुरम पुलिस ने 3 वाहन लुटेरों को गिरफ्तार किया है. जिनसे 7 लग्जरी गाड़ियां बरामद की गई है. लूटी गई गाड़ियों को बेचकर यह नशे के कारोबार में पैसे लगाते थे. सारा काम कोड वर्ड में किया करते थे.

Ghaziabad police caught robbers
गाजियाबाद में 3 लुटेरे अरेस्ट
author img

By

Published : Mar 2, 2020, 5:58 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: कोड वर्ड में बातें करके वाहन चोरी करने वाले लुटेरे आपने पहले कभी सुने या देखे नहीं होंगे. इंदिरापुरम पुलिस ने 3 ऐसे वाहन लुटेरों को गिरफ्तार किया है. जो कोर्ड वर्ड में संदेश देकर वारदातों को अंजाम दिया करते थे.

गाजियाबाद में 3 लुटेरे अरेस्ट



बड़ी गाड़ी बंदर है तो छोटी चिड़िया

कोड वर्ड में बातें करके वाहन चोरी करने वाले लुटेरे आपने पहले कभी सुने या देखे नहीं होंगे. इसी कोडवर्ड का इस्तेमाल ये नशे के कारोबार में भी करते हैं. इनके लिए बड़ी गाड़ी बंदर है, तो छोटी गाड़ी चिड़िया. नशे के कारोबार में भी इन गाड़ियों का इस्तेमाल किया जाता था. बड़ी गाड़ी बेचते समय ये कहते थे कि बंदर भेज रहे हैं और उसमें सुपारी है. यानी की बड़ी गाड़ी के अंदर नशे का सामान है. छोटी गाड़ी के लिए चिड़िया कोडवर्ड का इस्तेमाल किया जाता था.


सोशल मीडिया पर भी करते थे बात

गाड़ियां चोरी करने के लिए यह बदमाश अपने साथियों से भी सोशल मीडिया पर संपर्क में रहते थे. उनसे भी कोडवर्ड में बातें करते थे. 2 खास नामी कंपनियों की गाड़ियां ही चुराया करते थे. जिन्हें बेचकर ज्यादा रकम हासिल होती थी और उस रकम का इस्तेमाल नशे के कारोबार में करते थे. युवाओं में नशे की लत लगाने के लिए इन्होंने एनसीआर में नशे की सप्लाई करने का गुनाह कबूल किया है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: कोड वर्ड में बातें करके वाहन चोरी करने वाले लुटेरे आपने पहले कभी सुने या देखे नहीं होंगे. इंदिरापुरम पुलिस ने 3 ऐसे वाहन लुटेरों को गिरफ्तार किया है. जो कोर्ड वर्ड में संदेश देकर वारदातों को अंजाम दिया करते थे.

गाजियाबाद में 3 लुटेरे अरेस्ट



बड़ी गाड़ी बंदर है तो छोटी चिड़िया

कोड वर्ड में बातें करके वाहन चोरी करने वाले लुटेरे आपने पहले कभी सुने या देखे नहीं होंगे. इसी कोडवर्ड का इस्तेमाल ये नशे के कारोबार में भी करते हैं. इनके लिए बड़ी गाड़ी बंदर है, तो छोटी गाड़ी चिड़िया. नशे के कारोबार में भी इन गाड़ियों का इस्तेमाल किया जाता था. बड़ी गाड़ी बेचते समय ये कहते थे कि बंदर भेज रहे हैं और उसमें सुपारी है. यानी की बड़ी गाड़ी के अंदर नशे का सामान है. छोटी गाड़ी के लिए चिड़िया कोडवर्ड का इस्तेमाल किया जाता था.


सोशल मीडिया पर भी करते थे बात

गाड़ियां चोरी करने के लिए यह बदमाश अपने साथियों से भी सोशल मीडिया पर संपर्क में रहते थे. उनसे भी कोडवर्ड में बातें करते थे. 2 खास नामी कंपनियों की गाड़ियां ही चुराया करते थे. जिन्हें बेचकर ज्यादा रकम हासिल होती थी और उस रकम का इस्तेमाल नशे के कारोबार में करते थे. युवाओं में नशे की लत लगाने के लिए इन्होंने एनसीआर में नशे की सप्लाई करने का गुनाह कबूल किया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.