नई दिल्ली/गाजियाबादः दिल्ली से सटे गाजियाबाद के लोनी से 11 मई को एक घर से नवजात बच्चा चोरी कर लिया गया था, जिसकी तलाश पुलिस लगातार कर रही थी. लोनी पुलिस ने आज एक बच्चा चोर गैंग को पकड़ा है, जिसके 11 सदस्य गिरफ्तार किए गए हैं. इसी गैंग की निशानदेही पर बच्चे को लखनऊ से बरामद किया गया.
लोनी से दिल्ली और फिर लखनऊ में बेचा गया बच्चा
पुलिस को पता चला है कि लोनी से बच्चा चोरी करने के बाद उसे देश की राजधानी दिल्ली ले जाया गया था. जहां से बच्चा लखनऊ के दंपती को साढ़े 5 लाख रुपये में बेच दिया गया था. पकड़े गए आरोपियों में एक ऐसी महिला भी शामिल है, जो खुद को डॉक्टर बताती थी. मगर उसके पास कोई डिग्री नहीं है.
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पुलिस के मुताबिक ये पूरा गैंग देश की राजधानी से लेकर उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में काम कर रहा है. इस गैंग का काम बच्चों को चोरी करके उनकी खरीद-फरोख्त करना होता है. ये गैंग गरीब लोगों को बहला-फुसलाकर भी उनसे उनके बच्चे खरीद लेता है और ऐसे दंपतियों को बेचता है, जिनके घर में संतान नहीं होती है. आरोपियों से 5 लाख रुपये की नकदी बरामद कर ली गई है.
बच्चा बेचने वालों की जानकारी पुलिस को मिली
पुलिस अब उन परिवारों के बारे में भी अधिक जानकारी जुटा रही है, जिन्होंने खुद अपना बच्चा बेचा था. गरीबी और मुफलिसी या मजबूरी के चलते ऐसे परिवार अपना बच्चा बेच देते हैं, लेकिन खरीद-फरोख्त करने वाले गैंग अमीर दंपतियों को बच्चा बेचकर मोटी काली कमाई करते हैं.
जाहिर है उन परिवारों से जानकारी जुटाने के बाद इस गैंग के अन्य सदस्यों तक पहुंचा जा सकता है. क्योंकि पकड़े गए यह सिर्फ 11 सदस्य इसके में शामिल नहीं है. बल्कि इसके अलावा कई आरोपी शामिल हो सकते हैं. जिस कथित महिला डॉक्टर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, वह दिल्ली में रहकर मीडियेटर का काम करती थी. उसका काम ऐसे दंपति को तलाशना होता था, जिनके घर में संतान न हो.