नई दिल्ली: पुणे की रहने वाली गीता गोयल 20 मार्च को अपनी सास के साथ दिल्ली आईं थी. उनको अपनी मां किरण का दिल्ली एम्स में इलाज कराना था. 21 मार्च को जब वो अपनी मां को लेकर पहुंची तो अस्पताल ने उनको 23 मार्च (सोमवार) को आने को कहा, जिसके बाद वो गाजियाबाद के बजरिया स्थित होटल एलीट में आकर ठहर गईं, लेकिन 22 मार्च को देश को कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन कर दिया गया और पुणे वापस नहीं लौट पाईं और तक़रीबन एक महीने से गाजियाबाद में होटल में रह रही हैं.
होटल मालिक और प्रशासन ने दिया साथ
एलीट होटल के मालिक ने गाजियाबाद पुलिस की अपील पर दोनों महिलाओं को अपने होटल में मेहमान के तौर पर रख रखा है. साथ ही उनके लिए होटल ने तमाम सुविधाएं मुफ्त कर दी है और उनको लॉकडाउन ना खुल जाने तक होटल में रहने को कहा है. ईटीवी भारत ने जब गीता गोयल से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि जब लॉकडाउन घोषित हुआ, तो मैं बहुत घबरा गई थी. मुझे चिंता सता रही थी कि मैं अपनी वृद्ध सास को लेकर इस अनजान शहर में कहां जाएंगी, क्योंकि पुणे जाने का कोई रास्ता नहीं बचा था.
शहर से जुड़ गई हैं यादें
उन्होंने बताया कि इस संकट की घड़ी में सीओ प्रथम धर्मेंद्र चौहान और होटल मालिक ने उनका पूरा सहयोग किया. जोकि वो जीवन भर नहीं भूल पाएंगी. उनका कहना था कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद जब वो अपने घर जाएंगे. तो एक बार अपने परिवार के साथ गाजियाबाद जरूर आएंगीं. क्योंकि इस शहर से उनकी काफी यादें जुड़ चुकी है. इस संकट की घड़ी में गाजियाबाद वासियों ने किसी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी.