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लाॅकडाउन: फलों की खेती में भारी नुकसान! 'मंडी में नहीं जा रहा आड़ू, लीची और आम'

शहरी क्षेत्रों से सटे गांवों में लॉकडाउन के प्रभाव को जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम मोदीनगर के रसूलपुर धौलड़ी गांव में पहुंची. वहां ग्राम प्रधान से बातचीत की. उन्होंने बताया कि लाॅकडाउन के कारण फलों की खेती करने वाले किसानों को बहुत नुकसान हुआ है. लोकाट, आड़ू तैयार है लेकिन फल मंडी नहीं जा रहे हैं. किसानों को भारी नुकसान सहना पड़ रहा है.

farmers in heavy loss due to lockdown
फलों की खेती में भारी नुकसान
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Published : Apr 27, 2020, 12:42 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: मोदीनगर के रसूलपुर धौलड़ी गांव के प्रधान गुलाब का कहना है कि गांव में सभी सरकारी आदेशों का पालन किया जा रहा है. सभी ग्रामीण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं और वो खुद सभी ग्रामीणों को समझा रहे हैं कि कम से कम सभी ग्रामीण 2 मीटर की दूरी बनाए रखें. कोरोना वायरस को लेकर शहरी क्षेत्रों से सटे गांवों में किस तरीके से तैयारियां की गई हैं. इस पर बातचीत करने के लिए ईटीवी भारत की टीम मोदीनगर के रसूलपुर धौलड़ी गांव में पहुंची और वहां ग्राम प्रधान गुलाब से की खास बातचीत.

ग्राम प्रधान गुलाब से की खास बातचीत
'गांव में हो रहा है लॉकडाउन नियमों का पालन'


रसूलपुर धौलड़ी ग्राम प्रधान ने ईटीवी भारत को बताया कि उन्होंने अपने गांव में साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था की हुई है. गांव को सैनेटाइज भी कराया हुआ है. गांव में सभी लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपना काम कर रहे हैं. निर्धारित समय से अधिक गांव की दुकानों को भी खुलने नहीं दिया जा रहा है. गांव में सभी सरकारी आदेशों का पालन किया जा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने ईटीवी भारत को बताया कि वो अपने गांव में मौजूद मजदूरों की भी मदद कर रहे हैं. गांव में सरकार की सभी सुविधाओं का लाभ ग्रामीणों को मिल रहा है.

भारी नुकसान सह रहे हैं फलों की खेती करने वाले किसान

वहीं ग्राम प्रधान का कहना है कि उनके गांव में फलों के अधिक बाग हैं. लाॅकडाउन के चलते लोकाट की खेती करने वाले किसानों को बहुत नुकसान हुआ है. उनको लोकाट की आधी कीमत भी नहीं मिल पाई है. ऐसे ही अब बागों में आडू की खेती तैयार है, लेकिन आडू मंडी नहीं जा रहा है. जिसकी वजह से आडू की खेती में भी किसानों को नुकसान हो रहा है. वहीं अब कुछ समय में लीची और आम की फसल भी तैयार हो जाएगी. इसीलिए हमारे देश के प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भी इसके बारे में सोचना चाहिए. जिससे कि किसान अपनी फसलों को मंडी में आसानी से पहुंचा सके और उनको फसलों के उचित दाम मिल सकें.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: मोदीनगर के रसूलपुर धौलड़ी गांव के प्रधान गुलाब का कहना है कि गांव में सभी सरकारी आदेशों का पालन किया जा रहा है. सभी ग्रामीण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं और वो खुद सभी ग्रामीणों को समझा रहे हैं कि कम से कम सभी ग्रामीण 2 मीटर की दूरी बनाए रखें. कोरोना वायरस को लेकर शहरी क्षेत्रों से सटे गांवों में किस तरीके से तैयारियां की गई हैं. इस पर बातचीत करने के लिए ईटीवी भारत की टीम मोदीनगर के रसूलपुर धौलड़ी गांव में पहुंची और वहां ग्राम प्रधान गुलाब से की खास बातचीत.

ग्राम प्रधान गुलाब से की खास बातचीत
'गांव में हो रहा है लॉकडाउन नियमों का पालन'


रसूलपुर धौलड़ी ग्राम प्रधान ने ईटीवी भारत को बताया कि उन्होंने अपने गांव में साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था की हुई है. गांव को सैनेटाइज भी कराया हुआ है. गांव में सभी लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपना काम कर रहे हैं. निर्धारित समय से अधिक गांव की दुकानों को भी खुलने नहीं दिया जा रहा है. गांव में सभी सरकारी आदेशों का पालन किया जा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने ईटीवी भारत को बताया कि वो अपने गांव में मौजूद मजदूरों की भी मदद कर रहे हैं. गांव में सरकार की सभी सुविधाओं का लाभ ग्रामीणों को मिल रहा है.

भारी नुकसान सह रहे हैं फलों की खेती करने वाले किसान

वहीं ग्राम प्रधान का कहना है कि उनके गांव में फलों के अधिक बाग हैं. लाॅकडाउन के चलते लोकाट की खेती करने वाले किसानों को बहुत नुकसान हुआ है. उनको लोकाट की आधी कीमत भी नहीं मिल पाई है. ऐसे ही अब बागों में आडू की खेती तैयार है, लेकिन आडू मंडी नहीं जा रहा है. जिसकी वजह से आडू की खेती में भी किसानों को नुकसान हो रहा है. वहीं अब कुछ समय में लीची और आम की फसल भी तैयार हो जाएगी. इसीलिए हमारे देश के प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भी इसके बारे में सोचना चाहिए. जिससे कि किसान अपनी फसलों को मंडी में आसानी से पहुंचा सके और उनको फसलों के उचित दाम मिल सकें.

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