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गाजियाबाद: 'लाॅकडाउन आगे बढ़ा तो लीची की खेती में होगा लाखों का नुकसान'

मोदीनगर क्षेत्र के रसूलपुर धौलड़ी गांव में लीची की खेती लगभग 20 से 25 दिनों में पक कर तैयार हो जाएगी. लीची की खेती करने वाले किसानों का कहना है कि अगर सरकार ने लाॅकडाउन आगे बढ़ा दिया, तो वो लीची की फसल में बर्बाद हो जाएंगे.

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Published : Apr 27, 2020, 4:55 PM IST

heavy loss in litchi crops if lockdown 2 extends
किसान लीची की खेती को लेकर परेशान

नई दिल्ली/गाजियाबाद: मोदीनगर क्षेत्र के रसूलपुर धौलड़ी गांव में अधिकतर किसान फलों की खेती करते हैं. गांव में लाॅकडाउन के चलते लोकाट और आडू की खेती करने वाले किसानों को बहुत नुकसान उठाना पड़ रहा है और अब से कुछ दिनों बाद बाग में आम और लीची की खेती तैयार हो जायेगी, ऐसे में इन फलों की खेती करने वाले किसानों की चिंता सताने लगी है कि 3 मई के बाद अगर लाॅकडाउन आगे बढ़ता है, तो वो बर्बाद हो जायेंगे. लीची की खेती करने वाले ऐसे ही किसान से ईटीवी भारत ने बात की और उनकी समस्याओं को जानने की कोशिश किया.

लॉकडाउन में परेशान हो रहे है किसान


लोकाट और आड़ू के नहीं मिले दाम


ईटीवी भारत को लीची के बाग के मालिक अब्बास ने बताया कि लाॅकडाउन के चलते उनको लोकाट की खेती में भी काफी नुकसान उठाना पड़ा. अब उनको आडू की खेती में भी नुकसान हो रहा है, क्योंकि लाॅकडाउन की वजह से उनके फल मंडी नहीं पहुंच पा रहे हैं. जिसकी वजह से उनको अपने फलों को गांव में ही बहुत ही कम कीमत पर बेचना पड़ रहा है.



जल्द ही लीची पक कर हो जाएगी तैयार

इसके साथ ही किसान ने ईटीवी भारत को बताया कि उनकी लीची की खेती लगभग 25 से 26 मई तक पक कर तैयार हो जाएगी, लेकिन अगर लाॅकडाउन आगे बढ़ गया तो वह लीची की फसल में भी बर्बाद हो जाएंगे और उनको लीची की फसल में लगभग 15 लाख रुपये का नुकसान होगा, इसीलिए वह सरकार से चाहते हैं कि वह जल्द ही लाॅकडाउन को खोलें वरना किसान बर्बाद हो जायेंगे.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: मोदीनगर क्षेत्र के रसूलपुर धौलड़ी गांव में अधिकतर किसान फलों की खेती करते हैं. गांव में लाॅकडाउन के चलते लोकाट और आडू की खेती करने वाले किसानों को बहुत नुकसान उठाना पड़ रहा है और अब से कुछ दिनों बाद बाग में आम और लीची की खेती तैयार हो जायेगी, ऐसे में इन फलों की खेती करने वाले किसानों की चिंता सताने लगी है कि 3 मई के बाद अगर लाॅकडाउन आगे बढ़ता है, तो वो बर्बाद हो जायेंगे. लीची की खेती करने वाले ऐसे ही किसान से ईटीवी भारत ने बात की और उनकी समस्याओं को जानने की कोशिश किया.

लॉकडाउन में परेशान हो रहे है किसान


लोकाट और आड़ू के नहीं मिले दाम


ईटीवी भारत को लीची के बाग के मालिक अब्बास ने बताया कि लाॅकडाउन के चलते उनको लोकाट की खेती में भी काफी नुकसान उठाना पड़ा. अब उनको आडू की खेती में भी नुकसान हो रहा है, क्योंकि लाॅकडाउन की वजह से उनके फल मंडी नहीं पहुंच पा रहे हैं. जिसकी वजह से उनको अपने फलों को गांव में ही बहुत ही कम कीमत पर बेचना पड़ रहा है.



जल्द ही लीची पक कर हो जाएगी तैयार

इसके साथ ही किसान ने ईटीवी भारत को बताया कि उनकी लीची की खेती लगभग 25 से 26 मई तक पक कर तैयार हो जाएगी, लेकिन अगर लाॅकडाउन आगे बढ़ गया तो वह लीची की फसल में भी बर्बाद हो जाएंगे और उनको लीची की फसल में लगभग 15 लाख रुपये का नुकसान होगा, इसीलिए वह सरकार से चाहते हैं कि वह जल्द ही लाॅकडाउन को खोलें वरना किसान बर्बाद हो जायेंगे.

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