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किसानों के लिए मोदी सरकार की इस नई स्कीम पर क्या है अन्नदाताओं की राय, देखें....

गाजियाबाद के मसूरी इलाके के गांव में किसानों से बात की गई तो पता चला कि ज्यादातर किसान मोदी सरकार की तरफ से दिए गए इस तोहफे को सकारात्मक तौर पर ले रहे हैं. किसानों का कहना है कि 5 साल पहले इसकी घोषणा की गई थी, लेकिन तब कुछ सीमाएं थी, जिन्हें अब हटा दिया गया है.

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Published : Jun 1, 2019, 8:36 PM IST

Updated : Jun 1, 2019, 11:37 PM IST

सरकार की किसान पेंशन और सम्मान योजना पर किसानों की राय

नई दिल्ली/गाजियाबाद: केंद्र में मोदी सरकार बनते ही किसानों को बड़ा तोहफा मिला है. जिसके तहत 60 साल की उम्र में किसानों को 3 हजार प्रति माह पेंशन मिलेगी. इसके अलावा किसान सम्मान योजना के तहत उन्हें सालाना 6 हजार रुपये भी दिए जाएंगे. इस मुद्दे पर ईटीवी भारत ने गाजियाबाद में किसानों से बात की, जिसमें किसानों की मिलीजुली राय सामने आई है.

किसान इस योजना से खुश
इस मुद्दे पर जब पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के मसूरी इलाके के गांव में किसानों से बात की गई तो पता चला कि ज्यादातर किसान मोदी सरकार की तरफ से दिए गए इस तोहफे को सकारात्मक तौर पर ले रहे हैं. किसानों का कहना है कि 5 साल पहले इसकी घोषणा की गई थी, लेकिन तब कुछ सीमाएं थी, जिन्हें अब हटा दिया गया है.

MSP को लेकर किसान नाराज
हालांकि कुछ किसानों में नाराजगी भी नजर आई, खास तौर पर न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर किसान नाराज नजर आए. इसके अलावा किसानों ने कहा कि किसान पेंशन देने के वादे तो कर रही है, लेकिन कुछ गांव ऐसे भी हैं जिनमें बिजली की आपूर्ती तक सही से नहीं हो पाती.

सरकार की 'किसान पेंशन और सम्मान योजना' पर किसानों की राय

बिजली की समस्या
उधर, गाजियाबाद के इकला गांव के किसानों ने कहा कि एक तरफ सरकार किसानों को तोहफा देने का दावा कर रही है, लेकिन फिर भी उन्हें पूरी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. सबसे बड़ी असुविधा यह है कि किसानों को बिजली नहीं मिल पा रही है. हालांकि किसानों ने कुल मिलाकर किसान पेंशन योजना और किसान सम्मान योजना का स्वागत किया है.

बता दें कि किसान पेंशन योजना के तहत 18 से 40 साल तक की उम्र के किसान को 55 रुपये हर महीने जमा करने होंगे और उतना ही अंशदान सरकार देगी. 60 वर्ष के बाद 3000 पेंशन किसान या उसके उत्तराधिकारी को दी जाएगी.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: केंद्र में मोदी सरकार बनते ही किसानों को बड़ा तोहफा मिला है. जिसके तहत 60 साल की उम्र में किसानों को 3 हजार प्रति माह पेंशन मिलेगी. इसके अलावा किसान सम्मान योजना के तहत उन्हें सालाना 6 हजार रुपये भी दिए जाएंगे. इस मुद्दे पर ईटीवी भारत ने गाजियाबाद में किसानों से बात की, जिसमें किसानों की मिलीजुली राय सामने आई है.

किसान इस योजना से खुश
इस मुद्दे पर जब पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के मसूरी इलाके के गांव में किसानों से बात की गई तो पता चला कि ज्यादातर किसान मोदी सरकार की तरफ से दिए गए इस तोहफे को सकारात्मक तौर पर ले रहे हैं. किसानों का कहना है कि 5 साल पहले इसकी घोषणा की गई थी, लेकिन तब कुछ सीमाएं थी, जिन्हें अब हटा दिया गया है.

MSP को लेकर किसान नाराज
हालांकि कुछ किसानों में नाराजगी भी नजर आई, खास तौर पर न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर किसान नाराज नजर आए. इसके अलावा किसानों ने कहा कि किसान पेंशन देने के वादे तो कर रही है, लेकिन कुछ गांव ऐसे भी हैं जिनमें बिजली की आपूर्ती तक सही से नहीं हो पाती.

सरकार की 'किसान पेंशन और सम्मान योजना' पर किसानों की राय

बिजली की समस्या
उधर, गाजियाबाद के इकला गांव के किसानों ने कहा कि एक तरफ सरकार किसानों को तोहफा देने का दावा कर रही है, लेकिन फिर भी उन्हें पूरी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. सबसे बड़ी असुविधा यह है कि किसानों को बिजली नहीं मिल पा रही है. हालांकि किसानों ने कुल मिलाकर किसान पेंशन योजना और किसान सम्मान योजना का स्वागत किया है.

बता दें कि किसान पेंशन योजना के तहत 18 से 40 साल तक की उम्र के किसान को 55 रुपये हर महीने जमा करने होंगे और उतना ही अंशदान सरकार देगी. 60 वर्ष के बाद 3000 पेंशन किसान या उसके उत्तराधिकारी को दी जाएगी.


गाजियाबाद। केंद्र में मोदी सरकार बनते ही किसानों को बड़ा तोहफा मिला है। जिसमें यह कहा गया है कि 60 साल की उम्र में किसानों को 3 हज़ार प्रति माह पेंशन मिलेगी।इसके अलावा किसान सम्मान योजना के तहत उन्हें सालाना 6 हज़ार रुपये मिलेंगे।इस मुद्दे पर गाजियाबाद में किसानों से बात की। उन्होंने क्या कहा। जानने के लिए देखिए पूरी रिपोर्ट।

किसानों के लिहाज़ से पश्चिमी उत्तर प्रदेश बेहद महत्वपूर्ण है। और कल मोदी पार्ट 2 सरकार बनने के बाद पहली कैबिनेट की मीटिंग में किसानों को बड़ा तोहफा दिया गया है। जिससे देशभर के किसानों में खुशी की लहर है। लेकिन बीते 5 सालों में जो वादे किए गए थे उनका क्या हुआ। यह जानने के लिए  किसानों के पास जाना बेहद ज़रूरी है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के मसूरी इलाके के गांव में किसानों से बात की। जहां पर किसानों ने मोदी सरकार की तरफ से दिए गए तोहफे को पॉजिटिव लिया है। उनका कहना है कि अब सभी किसानों को 6 हज़ार सालाना मिलेगा। 5 साल पहले इसकी घोषणा की गई थी। लेकिन तब कुछ सीमाएं थी। मगर अब सीमाएं हटा दी गई है। और इससे किसानों को काफी फायदा होगा। लेकिन किसानों में कुछ नाराजगी भी है। जैसे न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर किसान थोड़े से खफा दिखाई दिए। इसके अलावा किसानों की समस्या यह भी है कि उत्तर प्रदेश के कुछ गांवों में बिजली की आपूर्ति सही नहीं है। गाजियाबाद के इकला गांव के किसानों ने कहा कि एक तरफ सरकार किसानों को तोहफा देने का दावा कर रही है लेकिन फिर भी उत्तर प्रदेश में उन्हें पूरी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। सबसे बड़ी असुविधा यह है कि किसानों को बिजली नहीं मिल पा रही है।गांव में बिजली नहीं आती है। बहराल किसानों ने कुल मिलाकर किसान पेंशन योजना और किसान सम्मान योजना का स्वागत किया है। किसान पेंशन योजना की बात करें तो 18 साल से 40 साल तक की उम्र के किसान को ₹55 महीने जमा करने होंगे। और उतना ही अंशदान सरकार देगी। 60 वर्ष के बाद 3000 पेंशन किसान या उसके उत्तराधिकारी को दी जाएगी। किसानों का कहना है कि मोदी सरकार की पहली कैबिनेट मीटिंग में जो तोहफा मिला है उसको ग्राउंड लेवल पर जल्द मिलने का इंतजार कर रहे हैं।

बाइट किसान वोक्सपोप


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Bunty gzb
Last Updated : Jun 1, 2019, 11:37 PM IST
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