नई दिल्ली/गाजियाबाद: रिश्वत लेने पर उप जिलाधिकारी सदर के न्यायालय में कार्यरत उर्दू अनुवादक को जिलाधिकारी ने निलंबित कर दिया है. निलंबित कर्मचारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई और जांच के आदेश दिए गए.
रिकॉर्ड रूम में तैनात सभी कर्मचारियों का स्थानांतरण
बीते दिनों भ्रष्टाचार सतर्कता अधिष्ठान के अधिकारियों ने जिलाधिकारी गाजियाबाद से अनुमति प्राप्त कर कलेक्ट्रेट के रिकॉर्ड रूम में तैनात दुर्गेश नंदिनी को रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए पकड़ा था. इस पूरे मामले को लेकर जिलाधिकारी ने रिकॉर्ड रूम में तैनात अन्य समस्त कर्मचारियों को भी उतना ही दोषी माना था, जितना कि महिला कर्मचारी को दोषी माना गया.
क्योंकि जिला अधिकारी का मानना है कि वे महिला अपने साथियों के सामने ही रिश्वत मांग रही थी. तो किसी साथी कर्मचारी ने इसका विरोध क्यों नहीं किया. वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में क्यों नहीं लाया गया.
जांच के दिए आदेश
जिलाधिकारी ने रिकॉर्ड रूम में तैनात सभी कर्मचारियों का स्थानांतरण अन्य पटलों पर कर दिया है. सभी की जांच कराने के आदेश भी जारी किए हैं. इसके अतिरिक्त जिला अधिकारियों रिकॉर्ड रूम के प्रभारी अधिकारी कभी स्पष्टीकरण मांगा है.
दुर्गेश नंदिनी को किया निलंबित
महिला कर्मचारी दुर्गेश नंदिनी को भ्रष्टाचार सतर्कता अधिष्ठान की ओर से रंगे हाथों पकड़े जाने पर जिलाधिकारी ने निलंबित कर दिया है. साथ ही विभागीय जांच हेतु नगर मजिस्ट्रेट वालों से बात को नामित किया है.
जनसुनवाई के दौरान मिली थी शिकायत
शुक्रवार को जनसुनवाई के दौरान जिलाधिकारी का अजय शंकर पांडे को शिकायत मिली थी. उप जिलाधिकारी सदर के न्यायालय में कार्यरत उर्दू अनुवादक नियाज अहमद ने किसी कार्य हेतु रिश्वत ली है. शिकायतकर्ता की ओर से पूरे घटनाक्रम की वीडियो क्लिपिंग भी जिलाधिकारी को दिखाई गई. नियाज अहमद को दोषी पाते हुए जिलाधिकारी ने तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई की जांच के आदेश दिए हैं.
भ्रष्टाचार नहीं किया जाएगा बर्दाश्त
जिला अधिकारियों शंकर पांडेय ने कहा कि भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अभी ये कार्रवाई कलेक्ट्रेट में हुई. आगे 20 नई कार्रवाई अन्य सभी विभागों में कराई जाएगी.