नई दिल्ली/गाजियाबाद: कलेक्ट्रेट में गुरुवार को 7 वीं आर्थिक गणना के संबंध में बैठक का आयोजन किया गया. इस दौरान बैठक की अध्यक्षता जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने की. इस दौरान बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी एन0के0 गुप्ता, जिला अर्थ और संख्याधिकारी सहित अन्य संबंधित विभाग के अधिकारी शामिल हुए.
इस दौरान जिलाधिकारी अजय शंकर ने बताया कि भारत सरकार की ओर से हर वर्ष आर्थिक गणना का काम किया जाता है. जिसका मुख्य उद्देश्य सरकार की आर्थिक स्थिति का आंकड़ा प्राप्त करना और भविष्य के लिए लाभकारी योजनाओं को बनाना.
इस दौरान उन्होंने बताया कि 7वीं आर्थिक गणना 2019 में घरेलू प्रतिष्ठानों सहित सभी प्रतिष्ठान जो उत्पादन या माल/सेवाओं के वितरण (कृषि फसल उत्पादन और वृक्षारोपण को छोड़कर) और गैर कृषि-क्षेत्र (जहां स्वयं की खपत का एकमात्र उद्देश्य है उनको छोड़कर) में लगे हुए हैं, (लोक प्रशासन, रक्षा, अनिवार्य सुरक्षा में, घरेलू कर्मियों के नियोक्ताओं के रूप में परिवारों की गतिविधियों, क्षेत्रीय संगठनों और निकायों और गैर-कानूनी गतिविधियों) की गतिविधियों को गिना जाएगा.
जिलाधिकारी ने बताया कि सर्वेक्षण कार्य मोबाइल ऐप से जन सुविधा केंद्रों सी0एस0सी के माध्यम से कराया जाएगा, जिसके लिए कुल प्रगणकों की संख्या 888, कुल पर्यवेक्षकों की संख्या 320 होगी. उन्होंने बताया कि जनपद के सभी विकास खंडों में ग्रामीण तथा नगरीय क्षेत्र के प्रगणकों और पर्यवेक्षकों को इसके लिए प्रशिक्षण प्रदान कर दिया गया है.
इस मौके पर जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने सभी विभागों को निर्देशित किया कि सरकार के इस कार्यक्रम के प्रति लोगों को जागरूक करके सफल बनाने में पूरा सहयोग करे. इस बार सरकार ने आर्थिक गणना की जिम्मेदारी सी0एस0सी0 ई-गवर्नेंस इंडिया लिमिटेड संस्था को दी है ताकि गणना को डिजिटल रूप से कराया जा सके. इस दौरान जिलाधिकारी ने यह भी निर्देशित किया कि इस कार्यक्रम का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए, जिससे कार्यक्रम सुचारू रूप से चल सके और आमजन तक इसका संदेश पहुंच सके.