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तुलसी निकेतन के मेंटेनेंस के लिए कमर्शियल बिल्डिंग का निर्माण कराएगा GDA

तुलसी निकेतन में व्यवसायिक संपत्तियों के निर्माण के संबंध में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि तुलसी निकेतन में मुख्य रूप से कम आय वर्ग के लोग निवास करते हैं.

गाजियाबाद विकास प्राधिकरण etv bharat
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Published : Aug 17, 2019, 7:51 AM IST

नई दिल्ली/ गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद के तुलसी निकेतन के निर्माणाधीन फ्लैटों के मेंटेनेंस के लिए जीडीए व्यवसायिक संपत्तियों का निर्माण करेगा. जिससे मिलने वाले किराए से तुलसी निकेतन का मेंटेनेंस किया जा सके. गाजियाबाद विकास प्राधिकरण तुलसी निकेतन के स्थानीय निवासियों के लिए हाई राइज अपार्टमेंट का निर्माण करा रहा है.

GDA तुलसी निकेतन में करेगा कमर्शियल बिल्डिंग का निर्माण
कम आय वर्ग के लोग करते हैं निवासतुलसी निकेतन में व्यवसायिक संपत्तियों के निर्माण के संबंध में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि तुलसी निकेतन में मुख्य रूप से कम आय वर्ग के लोग निवास करते हैं. ऐसे में उन पर कोई अतिरिक्त बोझ ना पड़े इसलिए जीडीए ने यह निर्णय लिया है कि तुलसी निकेतन में व्यवसायिक संपत्तियों का निर्माण किया जाएगा और उन्हें किराए पर दिया जाएगा. ताकि उनसे मिलने वाले किराए से वहां का रखरखाव किया जा सके.हाई राइज बिल्डिंग का निर्माण कराएगा जीडीएगौरतलब है कि दिल्ली से सटे तुलसी निकेतन में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण हाईराइज अपार्टमेंट का निर्माण कराएगा. जामिया मिलिया इस्लामिया के आर्किटेक्चर विभाग द्वारा कराए गए सर्वे के बाद वहां के सभी 2295 फ्लैट जर्जर हालत में पाए गए थे और जामिया मिलिया इस्लामिया की टीम ने उन्हें तोड़ने के सुझाव दिए थे. जामिया विश्वविद्यालय के सुझाव पर अमल करते हुए जीडीए पहले वहां हाई राइज अपार्टमेंट का निर्माण कराएगा और उसके बाद वहां के सभी जर्जर फ्लैटों को तोड़ा जाएगा.

नई दिल्ली/ गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद के तुलसी निकेतन के निर्माणाधीन फ्लैटों के मेंटेनेंस के लिए जीडीए व्यवसायिक संपत्तियों का निर्माण करेगा. जिससे मिलने वाले किराए से तुलसी निकेतन का मेंटेनेंस किया जा सके. गाजियाबाद विकास प्राधिकरण तुलसी निकेतन के स्थानीय निवासियों के लिए हाई राइज अपार्टमेंट का निर्माण करा रहा है.

GDA तुलसी निकेतन में करेगा कमर्शियल बिल्डिंग का निर्माण
कम आय वर्ग के लोग करते हैं निवासतुलसी निकेतन में व्यवसायिक संपत्तियों के निर्माण के संबंध में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि तुलसी निकेतन में मुख्य रूप से कम आय वर्ग के लोग निवास करते हैं. ऐसे में उन पर कोई अतिरिक्त बोझ ना पड़े इसलिए जीडीए ने यह निर्णय लिया है कि तुलसी निकेतन में व्यवसायिक संपत्तियों का निर्माण किया जाएगा और उन्हें किराए पर दिया जाएगा. ताकि उनसे मिलने वाले किराए से वहां का रखरखाव किया जा सके.हाई राइज बिल्डिंग का निर्माण कराएगा जीडीएगौरतलब है कि दिल्ली से सटे तुलसी निकेतन में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण हाईराइज अपार्टमेंट का निर्माण कराएगा. जामिया मिलिया इस्लामिया के आर्किटेक्चर विभाग द्वारा कराए गए सर्वे के बाद वहां के सभी 2295 फ्लैट जर्जर हालत में पाए गए थे और जामिया मिलिया इस्लामिया की टीम ने उन्हें तोड़ने के सुझाव दिए थे. जामिया विश्वविद्यालय के सुझाव पर अमल करते हुए जीडीए पहले वहां हाई राइज अपार्टमेंट का निर्माण कराएगा और उसके बाद वहां के सभी जर्जर फ्लैटों को तोड़ा जाएगा.
Intro:गाजियाबाद : गाजियाबाद विकास प्राधिकरण दिल्ली से सटे तुलसी निकेतन के निर्माणाधीन फ्लैटों के मेंटेनेंस के लिए व्यवसायिक संपत्तियों का निर्माण करेगा. ताकि उससे मिलने वाले किराए से तुलसी निकेतन का मेंटेनेंस किया जा सके. आपको बता दें कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण तुलसी निकेतन के स्थानीय निवासियों के लिए वहां हाई राइज अपार्टमेंट का निर्माण करा रहा है.


Body:निम्न आय वर्ग के लोग करते हैं निवास :

तुलसी निकेतन में व्यवसायिक संपत्तियों के निर्माण के संबंध में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि तुलसी निकेतन में मुख्य रूप से निम्न आय वर्ग के लोग निवास करते हैं. ऐसे में उन पर कोई अतिरिक्त बोझ ना पड़े इसलिए जीडीए ने यह निर्णय लिया है कि तुलसी निकेतन में व्यवसायिक संपत्तियों का निर्माण किया जाएगा और उन्हें किराए पर दिया जाएगा. ताकि उनसे मिलने वाले किराए से वहां का रखरखाव किया जा सके.




Conclusion:हाई राइज बिल्डिंग का निर्माण कराएगा जीडीए :
गौरतलब है कि दिल्ली से सटे तुलसी निकेतन में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण हाईराइज अपार्टमेंट का निर्माण कराएगा. जामिया मिलिया इस्लामिया के आर्किटेक्चर विभाग द्वारा कराए गए सर्वे के बाद वहां के सभी 2295 फ्लैट जर्जर हालत में पाए गए थे और जामिया मिलिया इस्लामिया की टीम ने उन्हें तोड़ने के सुझाव दिए थे. जामिया विश्वविद्यालय के सुझाव पर अमल करते हुए जीडीए पहले वहां हाई राइज अपार्टमेंट का निर्माण कराएगा और उसके बाद वहां के सभी जर्जर फ्लैटों को तोड़ा जाएगा.
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