नई दिल्लीः चुनाव नजदीक आने के साथ ही विधानसभा क्षेत्र के प्रबुद्ध वर्ग के लोगों को साथ जोड़ने की कवायद शुरू हो गयी हैं. जिस सम्मेलन की शुरुआत कभी बहुजन समाज पार्टी ने की थी, वह सपा के बाद यूपी की सत्ता में काबिज बीजेपी को भी भा गई है.
भाजपा द्वारा भी अब लगातार प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलनों का आयोजन किया जा रहा है. गत 5 सितंबर को गाजियाबाद के मुरादनगर में आयोजित हुए प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान शामिल हुए थे, जिसके बाद दूसरे प्रमुख वर्ग सम्मेलन में भाजपा के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह शामिल हुए. अब शनिवार यानि 11 सितंबर को गाजियाबाद में तीसरे प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन का आयोजन होने जा रहा है. इसमें उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा शामिल होंगे. एक हफ्ते के भीतर गाजियाबाद में भाजपा का यह तीसरा प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन है. प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलनों में दिग्गज नेताओं को उतारा जा रहा है.
भाजपा के महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा के अनुसार जिले की प्रत्येक विधानसभा में प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन का आयोजन होना है. प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में समाज के प्रबुद्ध वर्ग जैसे डॉक्टर, अधिवक्ता प्रोफेसर, साहित्यकार आदि बुद्धिजीवी लोगों को आमंत्रित कर प्रदेश सरकार द्वारा साढ़े चार वर्ष में किया गए विकास कार्यों के बारे बताया जाता है.
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उन्होंने बहुजन समाज पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि बसपा प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन के माध्यम से जाति की राजनीति करती है. बसपा द्वारा आयोजित किए जा रहे प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में एक जाति विशेष के लोगों को बुलाया जाता है. भाजपा द्वारा आयोजित किए जा रहे प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलनों में जाति के आधार पर बुद्धिजीवी लोगों को आमंत्रित नहीं किया जाता है. भाजपा प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में समाज के सभी वर्गों को आमंत्रित करती है. भाजपा द्वारा आयोजित की जा रहे प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलनों का मकसद सरकार द्वारा किए गए साढ़े चार सालों में विकास कार्यों का रिपोर्ट कार्ड बुद्धिजीवी वर्ग के समक्ष रखना है.
उनसे, जब सवाल किया गया कि क्या आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलनों का आयोजन किया जा रहा है? तो उनका कहना था कि भाजपा विधानसभा या लोकसभा चुनावों के लिए काम नहीं करती है. संगठन लगातार काम करता रहता है. भाजपा केवल चुनाव में नहीं, बल्कि हर समय सक्रिय रहती है.
पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए संजीव शर्मा ने कहा कि 2017 में भाजपा को उत्तर प्रदेश एक बीमारू राज्य के रूप में मिला था. आज उत्तर प्रदेश वापस विकास की पटरी पर लौट रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जो कार्य किए गए हैं, उससे प्रत्येक प्रदेशवासी बेहद खुश है.