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निजीकरण के विरोध में बैंककर्मी हड़ताल पर, समर्थन में खड़े हुए राकेश टिकैत - गाजियाबाद बैंक कर्मचारी

UFBU के गाज़ियाबाद जिला संयोजक सुनील गोयल ने बताया कि बैंककर्मी चाहते हैं कि बैंकों का निजीकरण ना हो. सरकार बैंकिंग अधिनियम (संशोधन) विधेयक, 2021 को संसद में पेश करने वाली है. जिसका बैंककर्मी पुरज़ोर विरोध कर रहे हैं. सरकार हमारी मांगों को अगर नहीं मानती है तो जल्द अनिश्चितकालीन हड़ताल का भी आह्वान किया जाएगा.

निजीकरण के विरोध में बैंककर्मी हड़ताल पर
निजीकरण के विरोध में बैंककर्मी हड़ताल पर
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Published : Dec 16, 2021, 8:40 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) ने दो सरकारी बैंकों के प्रस्तावित निजीकरण के खिलाफ 16 दिसंबर से दो दिन की देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया था. UFBU के तहत बैंकों की नौ यूनियनें आती हैं. UFBU के आह्वान का असर आज गाज़ियाबाद में भी देखने को मिला. UFBU के बैनर तले आज भारी संख्या बैंककर्मियों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर हड़ताल की. इस दौरान बैंक कर्मियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.


UFBU के गाज़ियाबाद जिला संयोजक सुनील गोयल ने बताया कि बैंककर्मी चाहते हैं कि बैंकों का निजीकरण ना हो. सरकार बैंकिंग अधिनियम (संशोधन) विधेयक, 2021 को संसद में पेश करने वाली है. जिसका बैंककर्मी पुरज़ोर विरोध कर रहे हैं. सरकार हमारी मांगों को अगर नहीं मानती है तो जल्द अनिश्चितकालीन हड़ताल का भी आह्वान किया जाएगा.

बैंककर्मी हड़ताल पर, देखिए वीडियो
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत ने बैंकर्स की देशव्यापी हड़ताल का समर्थन किया है. टिकैत ने कहा है कि बैंकों के निजीकरण के खिलाफ दो दिवसीय बैंकर्स की देशव्यापी हड़ताल का मैं पूर्ण समर्थन करता हूं. साथ में सभी देशवासियों को बैंकों को निजीकरण से बचाने का अनुरोध और इस लड़ाई में शामिल होने की अपील करता हूं.

ये भी पढ़ें- बैंकों के निजीकरण के विरोध में अगर आंदोलन हुआ तो हम भी शामिल होंगे : राकेश टिकैत


गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल की शुरुआत में वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश करते हुए 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने के विनिवेश लक्ष्य के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी.
इससे पहले सरकार ने 2019 में IDBI बैंक में अपनी बहुलांश हिस्सेदारी LIC को बेचकर IDBI बैंक का निजीकरण कर दिया था. इसके अलावा पिछले चार साल में 14 सरकारी बैंकों का विलय किया गया है.

सरकार ने बैंकिंग अधिनियम (संशोधन) विधेयक, 2021 को संसद के मौजूदा सत्र के दौरान पेश करने और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया है. अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने एक बयान में कहा कि इसे देखते हुए UFBU ने निजीकरण के कदम का विरोध करने का फैसला किया है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) ने दो सरकारी बैंकों के प्रस्तावित निजीकरण के खिलाफ 16 दिसंबर से दो दिन की देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया था. UFBU के तहत बैंकों की नौ यूनियनें आती हैं. UFBU के आह्वान का असर आज गाज़ियाबाद में भी देखने को मिला. UFBU के बैनर तले आज भारी संख्या बैंककर्मियों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर हड़ताल की. इस दौरान बैंक कर्मियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.


UFBU के गाज़ियाबाद जिला संयोजक सुनील गोयल ने बताया कि बैंककर्मी चाहते हैं कि बैंकों का निजीकरण ना हो. सरकार बैंकिंग अधिनियम (संशोधन) विधेयक, 2021 को संसद में पेश करने वाली है. जिसका बैंककर्मी पुरज़ोर विरोध कर रहे हैं. सरकार हमारी मांगों को अगर नहीं मानती है तो जल्द अनिश्चितकालीन हड़ताल का भी आह्वान किया जाएगा.

बैंककर्मी हड़ताल पर, देखिए वीडियो
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत ने बैंकर्स की देशव्यापी हड़ताल का समर्थन किया है. टिकैत ने कहा है कि बैंकों के निजीकरण के खिलाफ दो दिवसीय बैंकर्स की देशव्यापी हड़ताल का मैं पूर्ण समर्थन करता हूं. साथ में सभी देशवासियों को बैंकों को निजीकरण से बचाने का अनुरोध और इस लड़ाई में शामिल होने की अपील करता हूं.

ये भी पढ़ें- बैंकों के निजीकरण के विरोध में अगर आंदोलन हुआ तो हम भी शामिल होंगे : राकेश टिकैत


गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल की शुरुआत में वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश करते हुए 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने के विनिवेश लक्ष्य के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी.
इससे पहले सरकार ने 2019 में IDBI बैंक में अपनी बहुलांश हिस्सेदारी LIC को बेचकर IDBI बैंक का निजीकरण कर दिया था. इसके अलावा पिछले चार साल में 14 सरकारी बैंकों का विलय किया गया है.

सरकार ने बैंकिंग अधिनियम (संशोधन) विधेयक, 2021 को संसद के मौजूदा सत्र के दौरान पेश करने और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया है. अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने एक बयान में कहा कि इसे देखते हुए UFBU ने निजीकरण के कदम का विरोध करने का फैसला किया है.

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