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गणेश चतुर्थी की तैयारियां शुरू, बढ़ी मोदक की मांग - ganpati favourite modak

गणेश चतुर्थी से पहले सभी ने अपने अपने स्तर तैयारियां शुरू कर दी हैं. इस अवसर को देखते हुए मिठाई के दुकानदारों ने भी विभिन्न प्रकार के मोदक पेश किए हैं जिससे हर कोई भगवान गणेश को उनका प्रिय भोग लगा सके. Ganesh chaturthi 2022

Ganesh chaturthi 2022
गणेश चतुर्थी 2022
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Published : Aug 30, 2022, 10:35 AM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गणेश चतुर्थी (Ganesh chaturthi 2022) त्योहार पूरे देश में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है. भगवान गणेश के भक्त 10 दिन तक उनकी भक्ति में लीन रहते हैं. इस अवसर पर लोग गणपति बप्पा मोरया के जयकारों के साथ उनकी मूर्ति की स्थापना कर उनका पूजन अर्चन करते हैं.

लेकिन गणपति का पर्व हो और मोदक का जिक्र का न हो ऐसा संभव नहीं. यूं तो गणेश जी को कई प्रकार के भोग लगाए जाते हैं, जैसे बेसन के लड्डू, मोतीचूर के लड्डू, गुड़ और नारियल से बनी चीजें जो उन्हें इत्यादि, लेकिन इन सब में बप्पा को सबसे प्रिय मोदक ही है. इसलिए त्योहार की तैयारियों के मद्देनजर बाजार में कई प्रकार के मोदक उपलब्ध हो गए हैं.

गणेश चतुर्थी की तैयारियां शुरू

बाजार में कई प्रकार के मोदक उपलब्ध: गाजियाबाद के अंबेडकर रोड स्थित सुगंध स्वीट के मालिक राहुल गोयल बताते हैं कि बीते दो वर्षों के मुकाबले इस साल गणेश चतुर्थी पर बाजारों में काफी रौनक है. कोरोना के दौरान धूमधाम से गणेश उत्सव नहीं मन सका. इस बार गणेश उत्सव को लेकर लोगों में काफी उत्साह है. हमने भी गणेश उत्सव को लेकर तैयारियां पूरी कर ली हैं विभिन्न प्रकार के मोदक तैयार किए गए हैं. हमारे यहां मावा मोदक, केसर मावा मोदक, बूंदी मोदक, बेसन मोदक, रोस्टेड मोदक एवं मिल्क केक ड्राई फ्रूट मोदक आदि मौजूद हैं. गणेश चतुर्थी से हफ्ते पहले से ही मोदक के ऑर्डर मिलने शुरू हो गए थे. आने वाले दिनों में मोदक की अन्य वैरायटी भी तैयार की जाएगी.

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मोदक

गणपति को क्यों हैं मोदक इतने प्रिय: एक कथा के अनुसार भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश को ऋषि अत्रि और उनकी पत्नी अनुसूया ने भोजन पर आमंत्रित किया था. भोजन करने पहुंचे गणपति को बहुत जोर की भूख लगी थी, जिसके चलते अनुसूया ने सबसे पहले गणेशजी को भोजन कराने का निर्णय लिया. भोजन करने बैठे गणपति को अनुसूया ने खाना परोसना शुरू किया, लेकिन गणपति की भूख तो खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही थी. अनुसूया खाना परोसती जातीं और गणपति उसे खाते जाते मगर उनकी भूख शांत ही नहीं हो रही थी, जिसे देख वहां सब आश्चर्यचकित हो गए.

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मोदक

गणपति की भूख देखकर अनुसूया के मन में एक ख्याल आया कि क्यों न उनको कुछ मीठा परोसा जाए. इसपर अनुसूया ने गणपति के आगे मोदक परोस दिए, जिसे खाते ही गणेश जी का मन आनंद से भर गया. इसके बाद गणपति ने मोदक खाकर एक डकार मारी. इसके बाद भगवान शिव का भी पेट भर गया और उन्होंने एक साथ 21 डकार मारी. तभी से यह माना जाने लगा की बप्पा को मोदक सबसे प्रिय है. वहीं भगवान शिव के 21 डकार मारने के कारण यह माना गया कि गणपति को प्रसाद में 21 मोदक चढ़ाए जाएंगे.

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मोदक

यह भी पढ़ें-बढ़ती महंगाई की मार, गणेश चतुर्थी पर कुम्हार मार्केट में पसरा सन्नाटा

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गणेश चतुर्थी (Ganesh chaturthi 2022) त्योहार पूरे देश में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है. भगवान गणेश के भक्त 10 दिन तक उनकी भक्ति में लीन रहते हैं. इस अवसर पर लोग गणपति बप्पा मोरया के जयकारों के साथ उनकी मूर्ति की स्थापना कर उनका पूजन अर्चन करते हैं.

लेकिन गणपति का पर्व हो और मोदक का जिक्र का न हो ऐसा संभव नहीं. यूं तो गणेश जी को कई प्रकार के भोग लगाए जाते हैं, जैसे बेसन के लड्डू, मोतीचूर के लड्डू, गुड़ और नारियल से बनी चीजें जो उन्हें इत्यादि, लेकिन इन सब में बप्पा को सबसे प्रिय मोदक ही है. इसलिए त्योहार की तैयारियों के मद्देनजर बाजार में कई प्रकार के मोदक उपलब्ध हो गए हैं.

गणेश चतुर्थी की तैयारियां शुरू

बाजार में कई प्रकार के मोदक उपलब्ध: गाजियाबाद के अंबेडकर रोड स्थित सुगंध स्वीट के मालिक राहुल गोयल बताते हैं कि बीते दो वर्षों के मुकाबले इस साल गणेश चतुर्थी पर बाजारों में काफी रौनक है. कोरोना के दौरान धूमधाम से गणेश उत्सव नहीं मन सका. इस बार गणेश उत्सव को लेकर लोगों में काफी उत्साह है. हमने भी गणेश उत्सव को लेकर तैयारियां पूरी कर ली हैं विभिन्न प्रकार के मोदक तैयार किए गए हैं. हमारे यहां मावा मोदक, केसर मावा मोदक, बूंदी मोदक, बेसन मोदक, रोस्टेड मोदक एवं मिल्क केक ड्राई फ्रूट मोदक आदि मौजूद हैं. गणेश चतुर्थी से हफ्ते पहले से ही मोदक के ऑर्डर मिलने शुरू हो गए थे. आने वाले दिनों में मोदक की अन्य वैरायटी भी तैयार की जाएगी.

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गणपति को क्यों हैं मोदक इतने प्रिय: एक कथा के अनुसार भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश को ऋषि अत्रि और उनकी पत्नी अनुसूया ने भोजन पर आमंत्रित किया था. भोजन करने पहुंचे गणपति को बहुत जोर की भूख लगी थी, जिसके चलते अनुसूया ने सबसे पहले गणेशजी को भोजन कराने का निर्णय लिया. भोजन करने बैठे गणपति को अनुसूया ने खाना परोसना शुरू किया, लेकिन गणपति की भूख तो खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही थी. अनुसूया खाना परोसती जातीं और गणपति उसे खाते जाते मगर उनकी भूख शांत ही नहीं हो रही थी, जिसे देख वहां सब आश्चर्यचकित हो गए.

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गणपति की भूख देखकर अनुसूया के मन में एक ख्याल आया कि क्यों न उनको कुछ मीठा परोसा जाए. इसपर अनुसूया ने गणपति के आगे मोदक परोस दिए, जिसे खाते ही गणेश जी का मन आनंद से भर गया. इसके बाद गणपति ने मोदक खाकर एक डकार मारी. इसके बाद भगवान शिव का भी पेट भर गया और उन्होंने एक साथ 21 डकार मारी. तभी से यह माना जाने लगा की बप्पा को मोदक सबसे प्रिय है. वहीं भगवान शिव के 21 डकार मारने के कारण यह माना गया कि गणपति को प्रसाद में 21 मोदक चढ़ाए जाएंगे.

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