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गाजियाबाद : कोरोना काल में जीना क्या मौत भी हुई महंगी

पूरे मामले में गाजियाबाद की मेयर आशा शर्मा ने समिति गठित करने की बात कही है. मामले में जांच करवाने के लिए भी कहा गया है. मेयर आशा शर्मा का कहना है कि समिति का गठन होने के बाद टेंडर के माध्यम से अंतिम संस्कार स्थल का ठेका दिया जाएगा. इससे अंतिम संस्कार की महंगाई पर रोक लगाई जा सकेगी.

Funeral wood rates raised in Ghaziabad crematorium Mayor Asha Sharma said that the committee will be formed
गाजियाबाद : कोरोना काल में जीना क्या मौत भी हुई महंगी
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Published : May 29, 2020, 11:20 PM IST

Updated : May 30, 2020, 3:12 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद : गाजियाबाद में अंतिम संस्कार करना भी अब महंगा हो गया है. जी हां, कोरोना काल में आई इस खबर ने सभी को हैरान करके रख दिया है. मामला हिंडन नदी के पास स्थित श्मशानघाट से जुड़ा हुआ है. कुछ शिकायतें गाजियाबाद की मेयर आशा शर्मा के पास पहुंची हैं, जिनमें कहा गया है कि पहले की तुलना में अंतिम संस्कार के लिए उपलब्ध करवाई जा रही लकड़ियों के दाम ज्यादा लिए जा रहे हैं.

गाजियाबाद

मेयर करेंगी समिति गठित

मामला सामने आने के बाद गाजियाबाद की मेयर आशा शर्मा ने समिति गठित करने की बात कही है. मामले में जांच करवाने के लिए भी कहा गया है. मेयर आशा शर्मा का कहना है कि समिति का गठन होने के बाद टेंडर के माध्यम से अंतिम संस्कार स्थल का ठेका दिया जाएगा. इससे अंतिम संस्कार की महंगाई पर रोक लगाई जा सकेगी. समिति के माध्यम से ही आने वाले वक्त में श्मशानघाट से जुड़े फैसले लिए जा सकते हैं. जानकारी के मुताबिक श्मशानघाट पर लकड़ियों की सप्लाई का कार्य नो प्रॉफिट नो लॉस पर होता है, लेकिन अचानक रेट बढ़ने की बात सामने आने के बाद सवाल खड़े हो रहे हैं.

हाल ही में बनाया गया विद्युत शवदाह गृह

गाजियाबाद की मेयर शर्मा का कहना है कि हाल ही में श्मशानघाट पर विद्युत शवदाह गृह की भी शुरुआत की गई है. हालांकि कुछ तकनीकी खराबी की वजह से वह पूरी तरह से शुरू नहीं हो पाया है. विद्युत शवदाह गृह में अंतिम संस्कार इलेक्ट्रिक माध्यम से किया जाता है, लेकिन आमतौर पर लोग विद्युत शवदाह गृह का इस्तेमाल परिजनों के अंतिम संस्कार के लिए नहीं करते हैं. ज्यादातर लोग पारंपरिक अंतिम संस्कार प्रक्रिया में ही विश्वास रखते हैं.

नई दिल्ली/गाजियाबाद : गाजियाबाद में अंतिम संस्कार करना भी अब महंगा हो गया है. जी हां, कोरोना काल में आई इस खबर ने सभी को हैरान करके रख दिया है. मामला हिंडन नदी के पास स्थित श्मशानघाट से जुड़ा हुआ है. कुछ शिकायतें गाजियाबाद की मेयर आशा शर्मा के पास पहुंची हैं, जिनमें कहा गया है कि पहले की तुलना में अंतिम संस्कार के लिए उपलब्ध करवाई जा रही लकड़ियों के दाम ज्यादा लिए जा रहे हैं.

गाजियाबाद

मेयर करेंगी समिति गठित

मामला सामने आने के बाद गाजियाबाद की मेयर आशा शर्मा ने समिति गठित करने की बात कही है. मामले में जांच करवाने के लिए भी कहा गया है. मेयर आशा शर्मा का कहना है कि समिति का गठन होने के बाद टेंडर के माध्यम से अंतिम संस्कार स्थल का ठेका दिया जाएगा. इससे अंतिम संस्कार की महंगाई पर रोक लगाई जा सकेगी. समिति के माध्यम से ही आने वाले वक्त में श्मशानघाट से जुड़े फैसले लिए जा सकते हैं. जानकारी के मुताबिक श्मशानघाट पर लकड़ियों की सप्लाई का कार्य नो प्रॉफिट नो लॉस पर होता है, लेकिन अचानक रेट बढ़ने की बात सामने आने के बाद सवाल खड़े हो रहे हैं.

हाल ही में बनाया गया विद्युत शवदाह गृह

गाजियाबाद की मेयर शर्मा का कहना है कि हाल ही में श्मशानघाट पर विद्युत शवदाह गृह की भी शुरुआत की गई है. हालांकि कुछ तकनीकी खराबी की वजह से वह पूरी तरह से शुरू नहीं हो पाया है. विद्युत शवदाह गृह में अंतिम संस्कार इलेक्ट्रिक माध्यम से किया जाता है, लेकिन आमतौर पर लोग विद्युत शवदाह गृह का इस्तेमाल परिजनों के अंतिम संस्कार के लिए नहीं करते हैं. ज्यादातर लोग पारंपरिक अंतिम संस्कार प्रक्रिया में ही विश्वास रखते हैं.

Last Updated : May 30, 2020, 3:12 PM IST
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