नई दिल्ली/गाजियाबाद: कोरोना वायरस की वैश्विक महामारी से निपटने के लिए देश को 14 अप्रैल तक लॉकडाउन किया गया है. लॉकडाउन के दौरान किसानों को खेती करने में किन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है और उन्हें क्या दिक्कतें हो रही हैं, इसे लेकर ईटीवी भारत की टीम ने गाजियाबाद के मुरादनगर स्थित रावली गांव पहुंचकर किसानों से बातचीत की.
किसान नौशाद ने बताई समस्याएं
सब्जी और फूलों की खेती करने वाले नौशाद ने ईटीवी भारत को बताया कि लॉकडाउन के कारण उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. मंडी में सब्जियों का निर्धारित मूल्य भी नहीं मिल रहा.
लॉकडाउन से पहले सब्जियां मंडी में अच्छे पैसों में बिक जाती थी लेकिन इस समय खीरा मंडी में ₹4 किलो बिक रहा है. नौशाद का कहना था कि लॉकडाउन के बाद सब्जियों का सही मूल्य न मिलने के कारण फसल में लगाई गई रकम वसूलना भी बहुत मुश्किल है.
'फूलों की बिक्री पूरी तरह ठप'
उन्होंने बताया कि लॉकडाउन होने के बाद फूलों की खेती करने वाले किसान पूरी तरह से बर्बाद हो गए हैं क्योंकि लॉकडाउन के दौरान मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे और विवाह समारोह पूरी तरह से बंद हैं. ऐसे में फूलों की बिक्री पूरी तरह से ठप हो गई है.
उनका कहना था कि नवरात्रों में तो फूलों की थोड़ी बहुत बिक्री हुई लेकिन उसके बाद फूलों की बिक्री ना होने के कारण किसानों ने अपनी खड़ी फूलों की फसलों की जुताई करा दी. जिसकी वजह से मुनाफा तो दूर उन्हें लागत भी नहीं मिल पाई.
आलम ये है कि किसानों की खड़ी फसलें बर्बाद हो रही हैं और वो कुछ नहीं कर पा रहे. हालांकि किसान नौशाद का कहना है कि जब देशभर में हालात सुधरेंगे तो फिर से हालात में सुधार आने की उम्मीद है. इस लॉकडाउन के दौरान सिर्फ नौशाद ही नहीं बल्कि इनके जैसे कई ऐसे किसान हैं जिन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.