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गाजियाबाद: किसानों ने रुकवाया दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य - महरौली गांव

गाजियाबाद के महरौली गांव के किसानों ने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य रुकवा दिया है. बता दें कि किसानों ने मुआवजा न मिलने का आरोप लगाया है.

farmers Stop Construction of Delhi-Meerut Expressway
किसानों ने रुकवाया एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य
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Published : Aug 22, 2020, 3:32 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: महरौली गांव के किसानों ने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य रुकवा दिया है. महरौली गांव के कुछ किसानों का आरोप है कि उनकी जमीन पर एक्सप्रेस-वे बनाने का काम शुरू किया गया है, जिसका मुआवजा सरकार ने उन्हें नहीं दिया है.

किसानों ने रुकवाया एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य

इसलिए उन्होंने काम रुकवा दिया, जेसीबी मशीन के आगे किसान परिवार की महिलाएं खड़ी हो गई, जिसके बाद विवाद बढ़ गया. मौके पर पहुंची पुलिस प्रशासन की टीम ने किसानों को समझाने की कोशिश की.


सरकार के मुताबिक पीडब्ल्यूडी ने दी थी जमीन

इस मामले में सरकारी अधिकारियों का कहना है कि यह जमीन 1972 में पीडब्ल्यूडी से ली गई थी. मौके पर मौजूद एसडीएम डीपी सिंह ने कहा कि जो भी विवाद है उसे निपटाने की कोशिश की जा रही है. हालांकि किसानों ने इस बीच चेतावनी दे दी है कि जब तक जमीन का मुआवजा नहीं दिया जाएगा, तब तक दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे का काम आगे नहीं बढ़ने दिया जाएगा.


प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट

बता दें कि यह प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है. क्योंकि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के पहले चरण का उद्घाटन खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. दिल्ली से मेरठ तक जाने का सफर इसके बनने के बाद 45 से 50 मिनट का हो जाएगा. लेकिन किसानों की तरफ से आ रही बाधाओं के चलते यह प्रोजेक्ट लंबे समय से अधूरा पड़ा हुआ है. निर्धारित वक्त भी खत्म हो चुका है. सवाल यह है कि गलती इसमें किसकी है. क्या सरकारी विभागों ने पहले से इस प्रोजेक्ट में आने वाली बाधाओं को पूरी तरह से दूर नहीं किया था?

नई दिल्ली/गाजियाबाद: महरौली गांव के किसानों ने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य रुकवा दिया है. महरौली गांव के कुछ किसानों का आरोप है कि उनकी जमीन पर एक्सप्रेस-वे बनाने का काम शुरू किया गया है, जिसका मुआवजा सरकार ने उन्हें नहीं दिया है.

किसानों ने रुकवाया एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य

इसलिए उन्होंने काम रुकवा दिया, जेसीबी मशीन के आगे किसान परिवार की महिलाएं खड़ी हो गई, जिसके बाद विवाद बढ़ गया. मौके पर पहुंची पुलिस प्रशासन की टीम ने किसानों को समझाने की कोशिश की.


सरकार के मुताबिक पीडब्ल्यूडी ने दी थी जमीन

इस मामले में सरकारी अधिकारियों का कहना है कि यह जमीन 1972 में पीडब्ल्यूडी से ली गई थी. मौके पर मौजूद एसडीएम डीपी सिंह ने कहा कि जो भी विवाद है उसे निपटाने की कोशिश की जा रही है. हालांकि किसानों ने इस बीच चेतावनी दे दी है कि जब तक जमीन का मुआवजा नहीं दिया जाएगा, तब तक दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे का काम आगे नहीं बढ़ने दिया जाएगा.


प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट

बता दें कि यह प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है. क्योंकि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के पहले चरण का उद्घाटन खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. दिल्ली से मेरठ तक जाने का सफर इसके बनने के बाद 45 से 50 मिनट का हो जाएगा. लेकिन किसानों की तरफ से आ रही बाधाओं के चलते यह प्रोजेक्ट लंबे समय से अधूरा पड़ा हुआ है. निर्धारित वक्त भी खत्म हो चुका है. सवाल यह है कि गलती इसमें किसकी है. क्या सरकारी विभागों ने पहले से इस प्रोजेक्ट में आने वाली बाधाओं को पूरी तरह से दूर नहीं किया था?

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