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गाजियाबाद: किसानों ने मधुबन बापूधाम के निर्माणाधीन साइट पर दिया धरना

गाजियाबाद में किसानों ने मधुबन बापूधाम सरकारी आवासीय योजना की निर्माणाधीन साइट पर पहुंचकर, अपना विरोध जाहिर किया. उन्होंने निर्माणाधीन साइट पर कार्य रोक दिया और धरने पर बैठ गए.

Farmers protest at Madhuban Bapudham site under construction in Ghaziabad
किसानों का धरना
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Published : Jun 23, 2020, 3:17 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद के सदरपुर इलाके के किसानों ने मधुबन बापूधाम सरकारी आवासीय योजना की निर्माणाधीन साइट पर पहुंचकर, अपना विरोध जाहिर किया. उन्होंने निर्माणाधीन साइट पर कार्य रोक दिया और धरने पर बैठ गए.

गाजियाबाद में किसानों का धरना

वहीं निर्माणाधीन साइट पर मौजूद कर्मचारियों के आग्रह पर भी किसान वहां से नहीं हटे. किसानों की मांग है कि सदरपुर के किसानों की जमीन सरकारी योजना के लिए ली गई थी, लेकिन उसके लिए उचित मुआवजा नहीं दिया गया. किसानों ने कहा कि उन्होंने अपनी मांग को जीडीए के सामने लगातार रखा, लेकिन मांग नहीं सुने जाने पर हम लोगों को विरोध का रास्ता चुनना पड़ा.



पहले रोका था सड़क का काम

बता दें कि किसान लंबे समय से अपनी इस मांग को लेकर प्रदर्शन और विरोध जाहिर करते आ रहे हैं. इससे पहले भी किसानों ने मधुबन बापूधाम आवासीय योजना के पास सड़क का निर्माण कार्य रोक दिया था. वहीं मौके पर जीडीए के आश्वासन के बाद ही किसान हटे और उन्होंने चेतावनी दी कि जल्द समस्या का निवारण नहीं हुआ, तो दोबारा से वह काम रोक देंगे.


2007 में हुआ था समझौता

बता दें कि गाजियाबाद में मधुबन बापूधाम आवासीय योजना को बचाने के लिए साल 2004 में किसानों का भूमि अधिग्रहण किया गया था, इसमें सदरपुर गांव के किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई थी. जिसको लेकर 2007 में किसानों और गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के बीच समझौता हुआ था. तब किसानों को 1100 रुपये वर्ग मीटर की दर से मुआवजा दिया गया था, लेकिन यह बात तय हुई थी कि भविष्य में इस योजना में मुआवजा बढ़ता है, तो बढ़े हुए मुआवजे के हिसाब से ही किसानों को भुगतान किया जाएगा. वहीं किसानों का आरोप है कि तब से लड़ाई लड़ते आ रहे हैं और बढ़ा हुआ मुआवजा नहीं मिला है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद के सदरपुर इलाके के किसानों ने मधुबन बापूधाम सरकारी आवासीय योजना की निर्माणाधीन साइट पर पहुंचकर, अपना विरोध जाहिर किया. उन्होंने निर्माणाधीन साइट पर कार्य रोक दिया और धरने पर बैठ गए.

गाजियाबाद में किसानों का धरना

वहीं निर्माणाधीन साइट पर मौजूद कर्मचारियों के आग्रह पर भी किसान वहां से नहीं हटे. किसानों की मांग है कि सदरपुर के किसानों की जमीन सरकारी योजना के लिए ली गई थी, लेकिन उसके लिए उचित मुआवजा नहीं दिया गया. किसानों ने कहा कि उन्होंने अपनी मांग को जीडीए के सामने लगातार रखा, लेकिन मांग नहीं सुने जाने पर हम लोगों को विरोध का रास्ता चुनना पड़ा.



पहले रोका था सड़क का काम

बता दें कि किसान लंबे समय से अपनी इस मांग को लेकर प्रदर्शन और विरोध जाहिर करते आ रहे हैं. इससे पहले भी किसानों ने मधुबन बापूधाम आवासीय योजना के पास सड़क का निर्माण कार्य रोक दिया था. वहीं मौके पर जीडीए के आश्वासन के बाद ही किसान हटे और उन्होंने चेतावनी दी कि जल्द समस्या का निवारण नहीं हुआ, तो दोबारा से वह काम रोक देंगे.


2007 में हुआ था समझौता

बता दें कि गाजियाबाद में मधुबन बापूधाम आवासीय योजना को बचाने के लिए साल 2004 में किसानों का भूमि अधिग्रहण किया गया था, इसमें सदरपुर गांव के किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई थी. जिसको लेकर 2007 में किसानों और गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के बीच समझौता हुआ था. तब किसानों को 1100 रुपये वर्ग मीटर की दर से मुआवजा दिया गया था, लेकिन यह बात तय हुई थी कि भविष्य में इस योजना में मुआवजा बढ़ता है, तो बढ़े हुए मुआवजे के हिसाब से ही किसानों को भुगतान किया जाएगा. वहीं किसानों का आरोप है कि तब से लड़ाई लड़ते आ रहे हैं और बढ़ा हुआ मुआवजा नहीं मिला है.

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