नई दिल्ली/गाजियाबाद : तीनों कृषि कानूनों की वापसी और सरकार के साथ सहमति बनने के बाद दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा किसान आंदोलन 15 दिसंबर को समाप्त हो गया था, लेकिन एक बार फिर किसानों ने सरकार पर वादाखिलाफी करने का आरोप लगाया है. अब भारतीय किसान यूनियन ने जिला मुख्यालय पर केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा है.
भारतीय किसान यूनियन की गाजियाबाद जिला इकाई ने जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा है. भारतीय किसान यूनियन के गाजियाबाद जिला अध्यक्ष विजेंद्र चौधरी ने कहा कि जब से संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार के आश्वासन पर भरोसा कर दिल्ली बॉर्डर से अपने मोड़ से उठाने का एलान किया उसके बाद से सरकार अपने वादों से मुकर ही नहीं गई, बल्कि किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम कर रही है. 31 जनवरी को देशभर के किसानों ने विश्वासघात दिवस मनाया था.
विजेंद्र चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने वादा किया था कि देश में किसानों को MSP मिलना कैसे सुनिश्चित किया जाए. इस पर एक कमेटी बनाई जाएगी. अब तक न तो कमेटी का गठन की घोषणा की गई है और न ही कमेटी के स्वरूप और मैंडेट की सरकार द्वारा किसानों को जानकारी दी गई.
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जिलाध्यक्ष ने कहा कि आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमे तत्काल प्रभाव से वापस लिए जाएंगे. अब तक सिर्फ हरियाणा सरकार ने कुछ कार्रवाई की है और केस वापस लेने के लिए आदेश जारी किए हैं. लेकिन हरियाणा में भी यह काम अधूरा है किसानों को अभी समन आ रहे हैं. आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने पर अभी तक किसी औपचारिक निर्णय की घोषणा नहीं की गई है.
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