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गाजियाबाद: ट्यूबवेल पर बिजली के मीटर लगाने का विरोध, धरने पर उतरे किसान - ट्यूबवेल बिजली मीटर का विरोध

किसानों का बहुत ज्यादा बिजली का बिल आ रहा है. इसकी वजह से किसान परेशान हैं, जबकि सात राज्यों में ट्यूबवेल के बिल फ्री हैं. उत्तर प्रदेश में सरकार किसानों को मारने का काम कर रही है. इसलिए वह घोषणा करते हैं कि गाजियाबाद जिले में ट्यूबवेल पर बिजली के मीटर नहीं लगने देंगे.

Farmers protest against installation of electric meters on tubewells in Ghaziabad
गाजियाबाद ट्यूबवेल पर बिजली के मीटर ल
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Published : Aug 21, 2020, 5:46 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद : बिजली विभाग द्वारा मुरादनगर के किसानों के ट्यूबवेल पर लगाए जा रहे मीटर के खिलाफ किसान बिजली घर में धरना कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि वह मीटर नहीं लगने देंगे. आज मुरादनगर बिजली घर में भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में किसानों धरना दिया. किसानों का कहना है कि मुरादनगर बिजली विभाग ने उनके ट्यूबवेल पर बिजली के मीटर लगा दिए हैं. इसकी वजह से किसानों पर आर्थिक बोझ पड़ेगा. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने धरने पर बैठें किसानों से बातचीत की.

किसानों की दोटूक, उखाड़ देंगे मीटर

ईटीवी भारत को भारतीय किसान यूनियन के गाजियाबाद जिलाध्यक्ष बिजेंद्र सिंह ने बताया कि किसानों की ट्यूबवेल पर बिजली विभाग द्वारा जो मीटर लगाए जा रहे हैं. वह उसके विरोध में धरना कर रहे हैं. हम किसी भी सूरत में ट्यूबवेल पर मीटर नहीं लगने देंगे. वह पहले की तरह महीने पर फिक्स बिजली के चार्ज देने को तैयार हैं.

'ट्यूबवेल पर नहीं लगने देंगे मीटर'

इसके साथ ही उनका कहना है कि किसानों का बहुत ज्यादा बिजली का बिल आ रहा है. इसकी वजह से किसान परेशान हैं, जबकि सात राज्यों में ट्यूबवेल के बिल फ्री हैं. उत्तर प्रदेश में सरकार किसानों को मारने का काम कर रही है. इसलिए वह घोषणा करते हैं कि गाजियाबाद जिले में ट्यूबवेल पर बिजली के मीटर नहीं लगने देंगे, लेकिन अभी तक उनकी समस्या सुनने के लिए बिजली विभाग का कोई भी अधिकारी नहीं आया है. किसानों का कहना है कि उनकी मांग नहीं मानी जाती है तो किसान बड़ा आंदोलन करेंगे.

'पहले की तरह फिक्स चार्ज देने को तैयार'

ईटीवी भारत को भाकियू के जिला महासचिव राम अवतार त्यागी ने बताया कि बिजली विभाग द्वारा किसानों की ट्यूबवेल पर जो मीटर लगाए जा रहे हैं वह इन मीटरों को नहीं लगने देंगे. वह चाहते हैं पहले की तरह ही महीने का हिसाब रखा जाए. इसलिए पूरे मुरादनगर ब्लॉक के किसान बिजलीघर में इकट्ठा होकर धरना दे रहे हैं.

'सरकार कर रही है किसानों का शोषण'

ईटीवी भारत को किसान नेता चौधरी रविंदर सिंह ने बताया कि सरकार ने किसानों पर इतनी ज्यादा ज्यादती कर दी है कि किसान जीने से अच्छा मर जाएं. किसानों के अंधाधुंध बिजली के बिल आ रहे हैं और आप ऊपर से ट्यूबवेल पर मीटर लगाए जा रहे हैं. कोरोना काल में जब उद्योगपतियों ने अपने उद्योग धंधे बंद कर दिए थे तो किसानों ने ही देश को बचाया था.

'कोरोना काल में किसानों ने देश को बचाया'

ईटीवी भारत को भाकियू के जिला प्रभारी जय कुमार मलिक ने बताया कि किसान इस सरकार के शोषण से परेशान हैं. इस सरकार में जिस किसान की ट्यूबवेल 5 हॉर्स पावर की थी इस सरकार ने बिना किसी सर्वे या किसान से बात किए 7:30 हॉर्स पावर करने बाद फिर से उसको 10000 हॉर्स पावर के कर दिया है. अब जबरन किसानों के ट्यूबेल पर मीटर लगाए जा रहे हैं.

नई दिल्ली/गाजियाबाद : बिजली विभाग द्वारा मुरादनगर के किसानों के ट्यूबवेल पर लगाए जा रहे मीटर के खिलाफ किसान बिजली घर में धरना कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि वह मीटर नहीं लगने देंगे. आज मुरादनगर बिजली घर में भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में किसानों धरना दिया. किसानों का कहना है कि मुरादनगर बिजली विभाग ने उनके ट्यूबवेल पर बिजली के मीटर लगा दिए हैं. इसकी वजह से किसानों पर आर्थिक बोझ पड़ेगा. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने धरने पर बैठें किसानों से बातचीत की.

किसानों की दोटूक, उखाड़ देंगे मीटर

ईटीवी भारत को भारतीय किसान यूनियन के गाजियाबाद जिलाध्यक्ष बिजेंद्र सिंह ने बताया कि किसानों की ट्यूबवेल पर बिजली विभाग द्वारा जो मीटर लगाए जा रहे हैं. वह उसके विरोध में धरना कर रहे हैं. हम किसी भी सूरत में ट्यूबवेल पर मीटर नहीं लगने देंगे. वह पहले की तरह महीने पर फिक्स बिजली के चार्ज देने को तैयार हैं.

'ट्यूबवेल पर नहीं लगने देंगे मीटर'

इसके साथ ही उनका कहना है कि किसानों का बहुत ज्यादा बिजली का बिल आ रहा है. इसकी वजह से किसान परेशान हैं, जबकि सात राज्यों में ट्यूबवेल के बिल फ्री हैं. उत्तर प्रदेश में सरकार किसानों को मारने का काम कर रही है. इसलिए वह घोषणा करते हैं कि गाजियाबाद जिले में ट्यूबवेल पर बिजली के मीटर नहीं लगने देंगे, लेकिन अभी तक उनकी समस्या सुनने के लिए बिजली विभाग का कोई भी अधिकारी नहीं आया है. किसानों का कहना है कि उनकी मांग नहीं मानी जाती है तो किसान बड़ा आंदोलन करेंगे.

'पहले की तरह फिक्स चार्ज देने को तैयार'

ईटीवी भारत को भाकियू के जिला महासचिव राम अवतार त्यागी ने बताया कि बिजली विभाग द्वारा किसानों की ट्यूबवेल पर जो मीटर लगाए जा रहे हैं वह इन मीटरों को नहीं लगने देंगे. वह चाहते हैं पहले की तरह ही महीने का हिसाब रखा जाए. इसलिए पूरे मुरादनगर ब्लॉक के किसान बिजलीघर में इकट्ठा होकर धरना दे रहे हैं.

'सरकार कर रही है किसानों का शोषण'

ईटीवी भारत को किसान नेता चौधरी रविंदर सिंह ने बताया कि सरकार ने किसानों पर इतनी ज्यादा ज्यादती कर दी है कि किसान जीने से अच्छा मर जाएं. किसानों के अंधाधुंध बिजली के बिल आ रहे हैं और आप ऊपर से ट्यूबवेल पर मीटर लगाए जा रहे हैं. कोरोना काल में जब उद्योगपतियों ने अपने उद्योग धंधे बंद कर दिए थे तो किसानों ने ही देश को बचाया था.

'कोरोना काल में किसानों ने देश को बचाया'

ईटीवी भारत को भाकियू के जिला प्रभारी जय कुमार मलिक ने बताया कि किसान इस सरकार के शोषण से परेशान हैं. इस सरकार में जिस किसान की ट्यूबवेल 5 हॉर्स पावर की थी इस सरकार ने बिना किसी सर्वे या किसान से बात किए 7:30 हॉर्स पावर करने बाद फिर से उसको 10000 हॉर्स पावर के कर दिया है. अब जबरन किसानों के ट्यूबेल पर मीटर लगाए जा रहे हैं.

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