नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में बीते एक हफ्ते में किसानों के कई विरोध प्रदर्शन देखने को मिले हैं. कृषि अध्यादेश हो या फिर दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे को लेकर एक समान मुआवजे की मांग. कई दिनों से जिले में अलग-अलग क्षेत्रों के किसान अपनी अलग-अलग मांगों को लेकर प्रदर्शन कर अपनी मांगों को सरकार और प्रशासन के समक्ष रखने का प्रयास तो कर रहे हैं, लेकिन आश्वासन के अलावा किसानों के हाथ कुछ और नहीं लग रहा है.
इसी कड़ी में शुक्रवार को मधुबन बापूधाम आवासीय योजना को लेकर गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के विरोध में किसानों ने थाली बजाकर और अर्धनग्न होकर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान किसानों ने प्रदेश सरकार और विकास प्राधिकरण के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शन में प्राधिकरण और वर्तमान सरकार के जनप्रतिनिधियों का किसानों ने विरोध किया.
'किसान लड़ेंगे आर पार की लड़ाई'
किसान सुरदीप शर्मा ने कहा के वर्तमान में सरकार के अधिकारी और जनप्रतिनिधि पिछले दो वर्षों से हमारी वार्ता नहीं सुन रहे हैं. विकास प्राधिकरण के अधिकारी हमारी सुध नहीं ले रहे हैं. जो करार किसानों और प्राधिकरण के बीच में हुआ आज गाजियाबाद विकास प्राधिकरण उसको मानने के लिए तैयार नहीं है. किसान पिछले दो वर्षों से अधिकारियों और नेताओं के चक्कर लगा रहे हैं, मगर किसानों की कोई सुध नहीं ले रहा है. अब किसान आर पार की लड़ाई लड़ेंगे.
'जिला मुख्यालय का करेंगे घेराव'
उन्होंने कहा आज विरोध प्रदर्शन में महिला और बच्चों ने भी साथ दिया. अब यह आंदोलन आगे बढ़ेगा और 28 तारीख को जिला मुख्यालय का घेराव करेंगे. सभी किसान जरूरत पड़ी तो, अनशन पर पर भी बैठेंगे. जब-तक किसानों की मांगों को नही मांगा जाता है, तक-तक अन्नदाताओं का संघर्ष जारी रहेगा.