नई दिल्ली/गाजियाबाद: कृषि कानूनों की वापसी की और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी की मांग को लेकर राकेश टिकैत की अगुवाई में गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन को 110 दिनों से अधिक हो चुके हैं. आंदोलन शुरू होने के बाद किसानों ने कई त्योहार गाजीपुर बॉर्डर पर ही मनाए. अब किसान बॉर्डर पर होली की तैयारियों में जुट गए हैं.
बुधवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के किसान ढोल नगाड़े लेकर गाजीपुर पहुंचे. किसानों ने बॉर्डर पर ढोल नगाड़े बजाकर होली के गीत गाए. इस दौरान किसान नाचते गाते नजर आए. किसान ढोल नगाड़े बजाते हुए पूरे आंदोलन स्थल पर घूमे. एक तरफ बुजुर्ग किसान होली के गीत गा रहे थे तो वहीं दूसरी तरफ युवा किसान ढोल नगाड़े बजा रहे थे. गाजीपुर बॉर्डर पर माहौल काफी उत्साहित नजर आए.
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भारतीय किसान यूनियन के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव टिकैत ने कहा कि आज आंदोलन स्थल पर होली के विलुप्त गीत सुनने को मिले हैं. आंदोलन ने तमाम विलुप्त चीजों को दोबारा से जीवित करने का काम किया है. पहले किसान ढोल नगाड़े बजाकर और गीत गाकर ही मनोरंजन किया करते थे.
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