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Ghaziabad: किसानों ने नहीं मानी प्रशासन की बात, ली जिंदा समाधि, भारी पुलिस बल तैनात - भारी पुलिस बल तैनात

तीन नए कृषि कानूनों को लेकर किसान पिछले नौ महीने से आंदोलन कर रहे हैं. देश के अलग-अलग हिस्सों में अपने-अपने तरीके से किसान सरकार को घेर रही है. इस कड़ी में गाजियाबाद में भी किसानों ने अनोखे तरीके से विरोध जताया है. पढ़िये पूरी ख़बर...

Farmers gave alive mausoleum
किसानों ने ली जिंदा समाधि
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Published : Sep 15, 2021, 1:12 PM IST

नई दिल्ली/गाज़ियाबाद: तीन नए कृषि कानून को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में किसानों का गुस्सा और विरोध बढ़ता जा रहा है. गाजियाबाद के मंडोला गांव के किसानों ने कृषि कानून के मुद्दे और उचित मुआवजा नहीं मिलने को लेकर अनोखा विरोध जाहिर किया है. गांव के कुछ किसानों ने जिंदा समाधि ले ली है. इसके लिए बकायदा पहले से ही गांव के पास खेत में गड्ढे खोदकर समाधि बना ली गई थी. वहीं पुलिस-प्रशासन द्वारा मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है.

बता दें कि मुख्य रूप से यह मामला मंडोला गांव में आवास विकास द्वारा अधिग्रहित की गई 270 एकड़ जमीन को लेकर है. जिसमें पिछले करीब 5 साल से किसान उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं. लेकिन मांग पूरी नहीं होने से किसान नाराज हैं और लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी कड़ी में आज किसानों ने जिंदा समाधि ली है.

किसानों ने ली जिंदा समाधि.

ये भी पढ़ें: गाजियाबाद में ईटीवी भारत की ख़बर का बड़ा असर, अब किसान नहीं लेंगे जिंदा समाधि

वहीं आज किसान नेता मनवीर तेवतिया भी यहां पहुंचे. उन्होंने कहा कि पहले से नए कृषि कानून को लेकर विरोध चल रहा है. पूरे देश का किसान एकजुट हो गया है. हम यहां पर कृषि कानून से संबंधित मांग भी उठा रहे हैं. इसके अलावा गांव के किसानों को उचित मुआवजा भी मिलना चाहिए. विरोध जाहिर करने के लिए कुछ किसानों ने आज जिंदा समाधि ली है और तब तक समाधि में रहेंगे और समाधि में ही बैठकर अनशन भी करते रहेंगे जब तक कि हमारी मांग पूरी नहीं होती. यहां विरोध-प्रदर्शन में छह गांवों के किसान शामिल हुए हैं. विरोध को बढ़ता देख इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें: बारिश से दिल्ली देहात के किसानों का हुआ बुरा हाल, मजदूरों को देने के लिए नहीं बचे पैसे

आपको बता दें कि 9 सितंबर को अपर जिलाधिकारी ऋतु सुहास ने मंडोला गांव जातर किसानों से बात की थी, जिसके बाद किसानों ने जिंदा समाधि लेने का फैसला स्थगित कर दिया था. लेकिन उसके बावजूद किसानों ने आज समाधि ले ली. जिससे यह साफ है कि किसानों ने प्रशासन की बात भी नहीं मानी और उनके विरोध के स्वर लगातार बुलंद हो रहे हैं. एक तरफ नए कृषि कानून को लेकर जगह-जगह किसान एकजुट हो रहे हैं तो दूसरी तरफ इस तरह के प्रदर्शन ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है. बता दें कि जहां किसान समाधि ले रहे हैं वहीं उसके आसपास भारी पुलिस बल तैनात कर दी गई है.

नई दिल्ली/गाज़ियाबाद: तीन नए कृषि कानून को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में किसानों का गुस्सा और विरोध बढ़ता जा रहा है. गाजियाबाद के मंडोला गांव के किसानों ने कृषि कानून के मुद्दे और उचित मुआवजा नहीं मिलने को लेकर अनोखा विरोध जाहिर किया है. गांव के कुछ किसानों ने जिंदा समाधि ले ली है. इसके लिए बकायदा पहले से ही गांव के पास खेत में गड्ढे खोदकर समाधि बना ली गई थी. वहीं पुलिस-प्रशासन द्वारा मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है.

बता दें कि मुख्य रूप से यह मामला मंडोला गांव में आवास विकास द्वारा अधिग्रहित की गई 270 एकड़ जमीन को लेकर है. जिसमें पिछले करीब 5 साल से किसान उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं. लेकिन मांग पूरी नहीं होने से किसान नाराज हैं और लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी कड़ी में आज किसानों ने जिंदा समाधि ली है.

किसानों ने ली जिंदा समाधि.

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वहीं आज किसान नेता मनवीर तेवतिया भी यहां पहुंचे. उन्होंने कहा कि पहले से नए कृषि कानून को लेकर विरोध चल रहा है. पूरे देश का किसान एकजुट हो गया है. हम यहां पर कृषि कानून से संबंधित मांग भी उठा रहे हैं. इसके अलावा गांव के किसानों को उचित मुआवजा भी मिलना चाहिए. विरोध जाहिर करने के लिए कुछ किसानों ने आज जिंदा समाधि ली है और तब तक समाधि में रहेंगे और समाधि में ही बैठकर अनशन भी करते रहेंगे जब तक कि हमारी मांग पूरी नहीं होती. यहां विरोध-प्रदर्शन में छह गांवों के किसान शामिल हुए हैं. विरोध को बढ़ता देख इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.

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आपको बता दें कि 9 सितंबर को अपर जिलाधिकारी ऋतु सुहास ने मंडोला गांव जातर किसानों से बात की थी, जिसके बाद किसानों ने जिंदा समाधि लेने का फैसला स्थगित कर दिया था. लेकिन उसके बावजूद किसानों ने आज समाधि ले ली. जिससे यह साफ है कि किसानों ने प्रशासन की बात भी नहीं मानी और उनके विरोध के स्वर लगातार बुलंद हो रहे हैं. एक तरफ नए कृषि कानून को लेकर जगह-जगह किसान एकजुट हो रहे हैं तो दूसरी तरफ इस तरह के प्रदर्शन ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है. बता दें कि जहां किसान समाधि ले रहे हैं वहीं उसके आसपास भारी पुलिस बल तैनात कर दी गई है.

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