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कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा पर गांवों में ढोल नगाड़ों की गूंज, किसानों ने एक-दूसरे को खिलाई मिठाई

कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा के बाद मोदीनगर क्षेत्र के सौदा गांवों के किसानों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाई और ढोल नगाड़े बजाकर खुशी जाहिर की.

किसानों में खुशी की लहर
किसानों में खुशी की लहर
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Published : Nov 19, 2021, 2:39 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: तीन नए कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी पर गारंटी की मांग को लेकर दिल्ली के विभिन्न बॉर्डर पर करीब एक साल से किसान आंदोलन कर रहे हैं. आज किसानों को जैसे ही कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा की जानकारी मिली, आंदोलन स्थल सहित गाजियाबाद के विभिन्न गांवों में किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई. किसानों ने ढोल नगाड़ों के साथ एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर मुंह मीठा किया और प्रधानमंत्री की इस घोषणा को किसानों की जीत बताया.

भारतीय किसान यूनियन के मेरठ मंडल के उपाध्यक्ष सत्येंद्र त्यागी का कहना है कि करीब एक साल से कृषि कानूनों के खिलाफ उनका गाजीपुर बॉर्डर पर धरना-प्रदर्शन चल रहा है. ऐसे में आज कृषि कानून की वापसी की घोषणा, किसानों की जीत है और तानाशाह सरकार की हार. कृषि कानूनों की घोषणा के बाद पूरे देश के किसानों में उत्साह देखने को मिल रहा है.

किसानों में खुशी की लहर

ये भी पढ़ें: योगेंद्र यादव ने दी किसानों को बधाई, कहा- स्वीकार करो बधाई !

happiness among farmers
गांवों में ढोल नगाड़ों की गूंज

सतेंद्र त्यागी ने ये भी कहा कि अभी संयुक्त किसान मोर्चा के निर्णय के बाद ही गाजीपुर बॉर्डर पर धरने को समाप्त करने का फैसला लिया जाएगा. फिलहाल वह एक साल से कृषि कानूनों की वापसी की लड़ाई लड़ने पर अब जीत की खुशी मना रहे हैं.

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नई दिल्ली/गाजियाबाद: तीन नए कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी पर गारंटी की मांग को लेकर दिल्ली के विभिन्न बॉर्डर पर करीब एक साल से किसान आंदोलन कर रहे हैं. आज किसानों को जैसे ही कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा की जानकारी मिली, आंदोलन स्थल सहित गाजियाबाद के विभिन्न गांवों में किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई. किसानों ने ढोल नगाड़ों के साथ एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर मुंह मीठा किया और प्रधानमंत्री की इस घोषणा को किसानों की जीत बताया.

भारतीय किसान यूनियन के मेरठ मंडल के उपाध्यक्ष सत्येंद्र त्यागी का कहना है कि करीब एक साल से कृषि कानूनों के खिलाफ उनका गाजीपुर बॉर्डर पर धरना-प्रदर्शन चल रहा है. ऐसे में आज कृषि कानून की वापसी की घोषणा, किसानों की जीत है और तानाशाह सरकार की हार. कृषि कानूनों की घोषणा के बाद पूरे देश के किसानों में उत्साह देखने को मिल रहा है.

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गांवों में ढोल नगाड़ों की गूंज

सतेंद्र त्यागी ने ये भी कहा कि अभी संयुक्त किसान मोर्चा के निर्णय के बाद ही गाजीपुर बॉर्डर पर धरने को समाप्त करने का फैसला लिया जाएगा. फिलहाल वह एक साल से कृषि कानूनों की वापसी की लड़ाई लड़ने पर अब जीत की खुशी मना रहे हैं.

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