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गाजीपुर बॉर्डर में कम हो रहे किसान, टिकैत ने कहा- गेहूं काटने गए किसान

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Published : Apr 6, 2021, 10:07 PM IST

गाजीपुर बॉर्डर में खेती के कानूनों का विरोध कर रहे किसानों की संख्या कम होने लगी है. इस पर किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि सरकार अभी दिल्ली में नहीं है ऐसे में हमारे लोग भी गेहूं काटने गांवों में चले गए हैं. जब सरकार वापस आएगी तो किसान भी आ जाएंगे.

Farmers are getting reduced in Ghazipur border
गाजीपुर बॉर्डर में कम हो रहे किसान

नई दिल्ली/गाजियाबाद: कृषि कानूनों की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी की मांग को लेकर दिल्ली गाजीपुर बॉर्डर समेत राजधानी दिल्ली के विभिन्न सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है. सर्दी के मौसम से शुरू हुआ किसानों का आंदोलन गर्मी के मौसम में प्रवेश कर चुका है. आंदोलन को करीब 4 महीने से अधिक हो चुके हैं. इसके बाद भी किसान डटे हुए हैं, लेकिन अब किसानों की भीड़ काफी कम देखने को मिल रही है. इस पर किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि सरकार आजकल दिल्ली में नहीं बल्कि चुनाव लड़ने में व्यस्त है. ऐसे में हमारे लोग भी गेहूं काटने गांवों में चले गए हैं.

गाजीपुर बॉर्डर में कम हो रहे किसान

सरकार लौटेगी तो लौटेंगे किसान

राकेश टिकैत ने कहा कि एक महीने बाद सरकार वापस दिल्ली लौट आएगी, तब गांव से किसान में गाजीपुर बॉर्डर वापस आ जाएंगे. खेती किसानी के काम मौजूदा दिनों में चरम पर है. ऐसे में किसान खेती किसानी के कामों को निपटाने में लगा हुआ है.

इसे भी पढ़ें- किसान आंदोलन: 23 राज्यों के 2 हजार गावों की मिट्टी लेकर गाजीपुर बार्डर पहुंची मेधा पाटकर

ये भी- किसान आंदोलन को शाहीन बाग नहीं बनने देंगे: राकेश टिकैत

शुरुआती दौर में शुरूर पर था आंदोलन

आंदोलन के शुरुआती दौर दिसंबर और जनवरी के महीने में गाजीपुर आंदोलन स्थल पर किसानों की भारी भीड़ देखने को मिलती थी. एक तरफ विपक्षी राजनीतिक पार्टियों के नेता किसान आंदोलन में समर्थन देने पहुंचते थे तो वहीं दूसरी तरफ सामाजिक कार्यकर्ता भी आंदोलन में पहुंच रहे थे. हर रोज सैकड़ों की संख्या में गांवों से किसानों की ट्रैक्टर ट्रालियां आंदोलन स्थल पर पहुंचती थीं.

महापंचायतों में व्यस्त रहे किसान नेता

फरवरी की शुरुआत होने के साथ किसान नेता राकेश टिकैत की महापंचायतों का दौर भी शुरू हुआ. टिकैत देश के विभिन्न राज्यों में जाकर महापंचायत करने लगे, जिसमें भारी भीड़ देखने को मिली. मौजूदा समय में भी टिकैत की विभिन्न राज्यों में किसान महापंचायतें हो रही हैं. ऐसे में राकेश टिकैत की गैरमौजूदगी में ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर किसानों की संख्या काफी कम होती दिखाई दी.

राकेश टिकैत के आने के बाद भी भीड़ कम

विभिन्न राज्यों में महापंचायत करने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत मंगलवार को गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचे. टिकैत की मौजूदगी में भी गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की संख्या में कोई खास इजाफा होता नहीं दिखाई दे रहा है. टिकैत मंच पर मौजूद थे लेकिन मंच के आगे का हिस्सा काफी खाली दिखाई दिया. इस पर किसान नेता का कहना है कि अभी सब किसान खेती के कामों में व्यस्त हैं, खेती निपटाने के बाद फिर लौटेंगे किसान.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: कृषि कानूनों की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी की मांग को लेकर दिल्ली गाजीपुर बॉर्डर समेत राजधानी दिल्ली के विभिन्न सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है. सर्दी के मौसम से शुरू हुआ किसानों का आंदोलन गर्मी के मौसम में प्रवेश कर चुका है. आंदोलन को करीब 4 महीने से अधिक हो चुके हैं. इसके बाद भी किसान डटे हुए हैं, लेकिन अब किसानों की भीड़ काफी कम देखने को मिल रही है. इस पर किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि सरकार आजकल दिल्ली में नहीं बल्कि चुनाव लड़ने में व्यस्त है. ऐसे में हमारे लोग भी गेहूं काटने गांवों में चले गए हैं.

गाजीपुर बॉर्डर में कम हो रहे किसान

सरकार लौटेगी तो लौटेंगे किसान

राकेश टिकैत ने कहा कि एक महीने बाद सरकार वापस दिल्ली लौट आएगी, तब गांव से किसान में गाजीपुर बॉर्डर वापस आ जाएंगे. खेती किसानी के काम मौजूदा दिनों में चरम पर है. ऐसे में किसान खेती किसानी के कामों को निपटाने में लगा हुआ है.

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शुरुआती दौर में शुरूर पर था आंदोलन

आंदोलन के शुरुआती दौर दिसंबर और जनवरी के महीने में गाजीपुर आंदोलन स्थल पर किसानों की भारी भीड़ देखने को मिलती थी. एक तरफ विपक्षी राजनीतिक पार्टियों के नेता किसान आंदोलन में समर्थन देने पहुंचते थे तो वहीं दूसरी तरफ सामाजिक कार्यकर्ता भी आंदोलन में पहुंच रहे थे. हर रोज सैकड़ों की संख्या में गांवों से किसानों की ट्रैक्टर ट्रालियां आंदोलन स्थल पर पहुंचती थीं.

महापंचायतों में व्यस्त रहे किसान नेता

फरवरी की शुरुआत होने के साथ किसान नेता राकेश टिकैत की महापंचायतों का दौर भी शुरू हुआ. टिकैत देश के विभिन्न राज्यों में जाकर महापंचायत करने लगे, जिसमें भारी भीड़ देखने को मिली. मौजूदा समय में भी टिकैत की विभिन्न राज्यों में किसान महापंचायतें हो रही हैं. ऐसे में राकेश टिकैत की गैरमौजूदगी में ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर किसानों की संख्या काफी कम होती दिखाई दी.

राकेश टिकैत के आने के बाद भी भीड़ कम

विभिन्न राज्यों में महापंचायत करने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत मंगलवार को गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचे. टिकैत की मौजूदगी में भी गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की संख्या में कोई खास इजाफा होता नहीं दिखाई दे रहा है. टिकैत मंच पर मौजूद थे लेकिन मंच के आगे का हिस्सा काफी खाली दिखाई दिया. इस पर किसान नेता का कहना है कि अभी सब किसान खेती के कामों में व्यस्त हैं, खेती निपटाने के बाद फिर लौटेंगे किसान.

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