नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली गाजीपुर बॉर्डर समेत राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसानों के आंदोलन को 11 महीने पूरे होने जा रहे हैं. कृषि कानूनों की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून की गारंटी की मांग को लेकर किसानों का आंदोलन जारी है. किसान साफ कर चुके हैं कि जब तक तीनों कृषि कानूनों की वापसी नहीं होती है और सरकार MSP पर गारंटी कानून नहीं बनाती है, तब तक किसानों की दिल्ली की सीमाओं से गांवों को वापसी नहीं होगी.
गाजीपुर बॉर्डर पर काफी संख्या में किसान टेंट लगाकर रह रहे हैं. किसान आंदोलन में लंबे समय से विभिन्न खेलों का भी आयोजन होता आ रहा है. किसानों ने गाजीपुर बॉर्डर पर एक अखाड़ा तैयार किया है. इस अखाड़े में हर रोज शाम को कबड्डी होती है. कबड्डी में बुजुर्ग किसान भी हिस्सा लेते हैं. बुजुर्ग किसान इस पारंपरिक खेल में अपने पुराने दांव आजमाते हैं. कई बार बुजुर्ग किसानों ने राकेश टिकैत को कबड्डी में चित किया.
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किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि कबड्डी गांव का खेल है. कबड्डी खेलकर सरकार के साथ कबड्डी खेलने की तैयारी चल रही है. टिकैत ने कहा बुज़ुर्ग कबड्डी में बड़े उस्ताद हैं. अब हर दिन बॉर्डर पर किसान कबड्डी खेलेंगे. किसान लंबे समय से मांग कर रहे थे, कि गाजीपुर बॉर्डर पर अखाड़ा बनाया जाए. जिसके बाद अखाड़ा तैयार किया गया है.
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